अवैध धर्मांतरण के तार कतर,कनाडा तक, तीन और बंदी,अब तक पांच

अवैध धर्मांतरण के तार कनाडा और कतर से जुड़े, यूपी ATS ने तीन और को किया गिरफ्तार
लखनऊ 29जून। अवैध धर्मांतरण के मामले की जांच में लगी यूपी एटीएस को सोमवार को बड़ी सफलता मिली है। एटीएस ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। धर्मांतरण के तार कनाडा और कतर से भी जुड़ने का दावा यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने किया।

एडीजी ने बताया कि धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों भी लिप्त थे। एटीएस ने हरियाणा के गुरुग्राम से मन्नू यादव, बीड महाराष्ट्र से इरफान शेख और नई दिल्ली से राहुल भोला को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी मुख्य आरोपित मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद की गई है। बताया जा रहा है कि तीनों दबोचे गए आरोपित इनके ही गिरोह के हैं। कनेक्शन सामने आते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने लिंक खंगालने शुरू कर दिए हैं।

मोदी की आवाज बनने वाला अब धर्मांतरण का आरोपी:

गिरफ्त में आया इरफान दो बार मोदी के साथ मंच साझा कर चुका, PM ने उसकी पीठ भी थपथपाई थी।
उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले धर्मांतरण का मुद्दा गर्म होता जा रहा है। राज्य की ATS आरोपियों की लगातार गिरफ्तारी कर रही है। मंगलवार को महाराष्ट्र के बीड से इरफान ख्वाजा खान को गिरफ्तार किया गया। वह मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटेटर (ट्रांसलेशन करने वाला) का काम करता है। इस मामले में पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। मालूम चला है कि यह वही इरफान है जिसने 2017 और 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था। दोनों ही कार्यक्रमों में इरफान ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को इशारों के जरिए मूक बधिर लोगों को समझाया था।

अब सवाल ये भी उठने लगा है कि अगर इरफान इस तरह के मामलों में शामिल था तो वह PM मोदी के मंच तक कैसे पहुंच गया। क्या SPG और PM मोदी की सिक्योरिटी एजेंसियां इस बात को मालूम नहीं कर सकीं?

एक कार्यक्रम प्रयागराज और दूसरा राजकोट में हुआ था

फोटो 29 फरवरी 2020 की है। प्रयागराज में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इरफान की पीठ थपथपाई थी।

प्रधानमंत्री के साथ जिन दो कार्यक्रमों में इरफान ने मंच साझा किया था, उनमें से एक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और दूसरा गुजरात के राजकोट में हुआ था। राजकोट में कार्यक्रम 29 जून 2017 को हुआ था। दिव्यांगों के लिए हुए इस कार्यक्रम में इरफान ने PM मोदी के भाषण को साइन लैंग्वेज में ट्रांसलेट किया था। मतलब जो लोग सुन नहीं सकते थे, उन्हें PM मोदी के भाषण को इशारों में समझाया था।

दूसरा कार्यक्रम प्रयागराज में 29 फरवरी 2020 को हुआ। यहां भी इरफान ही PM मोदी का ट्रांसलेटर बनकर आया था। कार्यक्रम के बाद PM मोदी इरफान के पास पहुंचे और उसकी पीठ थपथपाई थी। इरफान ने तब मीडिया को ये भी बताया था कि प्रधानमंत्री से प्रशंसा के दो शब्द मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह पल मुझे ताउम्र याद रहेगा।

क्या कहते हें जिम्मेदार ?

इस मामले में यूपी ATS के IG जीके गोस्वामी का कहना है कि इरफान मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में जिम्मेदार पद पर पोस्टेड था। हो सकता है वह किसी कार्यक्रम में PM के साथ शामिल हुआ हो। हमारी इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि वह धर्मांतरण के मामले में शामिल था। उसकी भूमिका अहम है। इस मामले में अभी और जांच चल रही है।

ATS का दावा- ये मूक बधिर बच्चों का धर्मांतरण कराता था

ATS ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी किया। बताया कि इरफान हिंदू और दूसरे धर्म के मूक-बधिर बच्चों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता था। बच्चों से दूसरे धर्म की बुराइयां करता था और उन्हें भड़काता था। यही नहीं मूक-बधिर बच्चों की सूची भी धर्मांतरण कराने वाले मौलाना उमर गौतम और जहांगीर आलम को उपलब्ध कराता था।

घर में सबसे छोटा है इरफान, भाई ने बताई पूरी कहानी
इरफान तीन भाइयों में सबसे छोटा है। बीड जिले के सिरसाला गांव के जायकवाडी मोहल्ले में इरफान का टीनशेड का घर है। इरफान के पिता ख्वाजा खान ST महामंडल में मैकेनिक की नौकरी करते थे। सात साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। नौकरी करते हुए खाजा खान ने परली वैजनाथ शहर में आजादनगर इलाके में मकान ले लिया था। यहीं पर 1986 में इरफान का जन्म हुआ था।

इरफान के भाई फरखान ने बताया कि शुरुआती पढ़ाई परली के बिलाल उर्दू स्कूल से हुई। इसके बाद सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी एजुकेशन परली के वैद्यनाथ कॉलेज में पूरी की। 2013 में उसकी चाइल्ड वेलफेयर मिनिस्ट्री में नौकरी लग गई। 2015 में उसकी शादी हुई। फरखान के मुताबिक, इरफान दिव्यांग बच्चों के लिए काफी काम करता है। गांव वालों ने भी इरफान की तारीफ की। बोले कि वह ऐसा काम कर ही नहीं सकता।

एटीएस की रिमांड के दौरान पता चला कि विदेशों से होने वाली फंडिंग के लिए उमर गौतम और उसके परिवार के लोगों के खातों का इस्तेमाल किया गया। इनके खाते में इस्लामिक देशों के साथ ही कनाडा से भी बड़ा फंड आता था। गिरोह के तार कनाडा से लेकर कतर तक फैले हैं। इसके साथ ही उमर के तार असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से जुड़े हैं। उमर गौतम को मरकाजुल मारिफ से भी से रकम मिली है। इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खाते में 50 लाख रुपये पाए गए हैं।

कनाडियन युवक बिलाल फिलिप भी इस संस्था से जुड़ा है। वह इस्लामिक दवाह सेंटर, 2014 में गिरफ्तार ही हुआ था। एटीएस ने प्रदेश में 27 जिलों के एसपी को अवैध मतांतरण के मामले में पत्र लिखे हैं। इन शहरों में धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों का सत्यापन कराया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते सोमवार को हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराने वाले उमर गौतम तथा जहांगीर फाकरी को पकड़ा था। दिल्ली के जामिया नगर से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इन पर हजार से अधिक मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने का आरोप है।

एडीजी ने बताया कि एटीएस से उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर में धर्मांतरित हुए व्यक्तियों का भी सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिए जिनमें प्रयागराज, बुलंदशहर, बिजनौर, कानपुर, मेरठ, मथुरा समेत 32 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर कार्रवाई की जा रही है। जो तथ्य प्राप्त होंगे उसमें पुलिस कस्टडी रिमांड में आगे की पूछताछ की जाएगी। इसके अतिरिक्त लखनऊ, गाजियाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, नोएडा, वाराणसी, आजमगढ़ और आगरा में एटीएस खुद भी सत्यापन कर रहा है।

ट्रस्ट के लिए आए धन को निजी खाते में लिया

उन्होंने बताया कि प्रकाश में आया है कि अभियुक्त उमर गौतम के द्वारा अपनी और अपने परिवार के व्यक्तिगत बैंक खातों का प्रयोग विदेशों से धन लेने के लिए किया गया है। यह फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट 2010 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उमर गौतम ने फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के खातों में आए धन को व्यक्तिगत रूप से उपयोग करने हेतु अपने परिवार के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया है। उसके द्वारा इस ट्रस्ट का आज तक न तो कोई ऑडिट कराया गया है न ही कोई इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया गया है

अब तक पांच

उत्तर प्रदेश में अवैध मतांतरण के मामले में सघन अभियान में लगी उत्तर प्रदेश एटीएस को सोमवार को भी बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश में मतांतरण के मामले में अब तक पांच लोग पकड़े गए हैं।

उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते सोमवार को मतांतरण के मामले में उमर गौतम तथा जहांगीर की मंगलवार को रिमांड मिलने के बाद उनसे लगातार बड़े राज उगवाने में सफलता प्राप्त की है। इसी क्रम में सोमवार को उत्तर प्रदेश एटीएस ने मतांतरण के मामले में तीन और लोगो को गिरफ्तार किया है। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि मतांतरण के मामले में यह तीनों लिप्त थे। उत्तर प्रदेश एटीएस ने मतांतरण के मामले में हरियाणा के गुरुग्राम से मन्नू यादव, बीड महाराष्ट्र से इरफान शेख तथा नई दिल्ली से राहुल भोला को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी मुख्य आरोपी मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद की गई है। बताया जा रहा है कि तीनों दबोचे गए आरोपी इनके ही गिरोह के ही हैं। कनेक्शन सामने आते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने लिंक खंगालने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा मुस्लिम बहुल क्षेत्र में उसकी सक्रियता को भी अहम मानकर खंगाला जा रहा है

एटीएस की रिमांड के दौरान पता चला कि विदेशों से होने वाली फंडिंग के लिए उमर गौतम और उसके परिवार के लोगों के खातों का इस्तेमाल किया गया। इनके खाते में इस्लामिक देशों के साथ ही कनाडा से भी बड़ा फंड आता था। मतांतरण गिरोह के तार कनाडा से लेकर कतर तक फैले हैं। इसके साथ ही उमर के तार असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से जुड़े हैं। उमर गौतम को मरकाजुल मारिफ भी से रकम मिली है। इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खाते में 50 लाख रुपये पाए गए हैं। कनाडियन युवक बिलाल फिलिप भी इस संस्था से जुड़ा है। वह इस्लामिक दवाह सेंटर, 2014 में गिरफ्तार ही हुआ था। एटीएस ने प्रदेश में 27 जिलों के एसपी को अवैध मतांतरण के मामले में पत्र लिखे हैं। इन शहरों में धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों का सत्यापन कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते सोमवार को हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराने वाले उमर गौतम तथा जहांगीर फाकरी को पकड़ा था। दिल्ली के जामिया नगर से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इन पर हजार से अधिक मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने का आरोप है। प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रकाश में आया है कि अभियुक्त उमर गौतम द्वारा अपनी तथा अपने परिवार के व्यक्तिगत बैंक खातों का प्रयोग विदेशों से धन लेने के लिए किया गया है। यह फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट 2010 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।

मुजफ्फरपुर का कनेक्शन

कानपुर में हुए धर्मांतरण के मामले का बिहार के मुजफ्फरपुर का कनेक्शन सामने आया। मुजफ्फरपुर में भी जांच शुरू हो गई है। यूपी एटीएस के पदाधिकारी ने मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थानाक्षेत्र निवासी एक युवक रागिब असलम को तलब किया। हथौड़ी पंचायत के मुखिया इफ्तकार आलम बेटे को रागिब असलम को थाने लेकर पहुंचे। एटीएस ने रागिब से पूछताछ की गई। एटीएस ने रागिब का मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिया है। एटीएस ने मुखिया और उसके पुत्र को नोटिस दिया है। तीन दिन के अंदर नोएडा स्थित एटीएस के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है। रागिब ने मूक बधिर विद्यालय से पढ़ाई की है। पिता के मुताबिक, रागिब नें दसवीं तक की पढ़ाई पटना के आशादीप मूक बधिर स्कूल से की। उसके बाद आईकॉम की पढ़ाई इंदौर के एक स्कूल से की। उसके बाद वो नोयडा स्थित डीफ एंड डंब स्कूल गया। जहां से उसने हिंदी और अंग्रेजी भाषा के साथ कम्प्यूटर की पढ़ाई की। वहीं से रागिब का सेलेक्शन कानपुर के ज्योति मूक बधिर स्कूल के लिए बतौर टीचर किया गया। रागिब साल 2018-19 में वहां टीचर था। उसी स्कूल के छात्र आदित्य गुप्ता ने धर्म परिवर्तन करके इस्लाम को स्वीकार कर लिया है।

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