भाई की हत्या का बदला लेने फैलाया हनी ट्रैप,

हनी ट्रैप कर दिल्ली से मुंबई बुलाया, हत्या कर लेना चाहती थी भाई की हत्या का बदला, पुलिस बनी भगवान
Mumbai Police Rescues A Man: पुलिस की गिरफ्त में आरोपितों ने बताया कि वारदात की सूत्रधार महिला थी। उसने युवक को हनी ट्रैप में फंसाकर दिल्ली से मुंबई बुलाया था।

हाइलाइट्स:
एक महिला ने युवक को हनी ट्रैप कर दिल्ली से मुंबई बुलाया, नायगांव में हत्या की प्लानिंग
युवक ने 100 नंबर डॉयल किया तो पुलिस ने फिल्मी अंदाज में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया
पुलिस ने इस अभियान में एक महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है

मुंबई 12 जनवरी।मुसीबत में फंसे एक व्यक्ति के लिए 100 नंबर तब जिंदगी बन गया, जब उसे कुछ लोग मौत के घाट उतारने वाले थे। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंसे युवक की जान बचा ली। घटना जोन-12 के आरे पुलिस स्टेशन की है, जहां पुलिस ने अपहरण और हत्या करने के प्रयास में एक महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में फरार एक आरोपी को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया। इसके खिलाफ मालवणी पुलिस ने 9 जून को मालवणी में एक ऑटो रिक्शा चालक की हत्या करने का मामला दर्ज किया था।

पार्किंग को लेकर हत्या

पुलिस की गिरफ्त में आरोपियों ने बताया कि वारदात की सूत्रधार महिला थी। महिला ने पुलिस को बताया कि 9 जून 2020 को मालवणी में लोकल ग्रुप एमएम कंपनी और साजिद-313 ग्रुप में ऑटोरिक्शा पार्किंग को लेकर हिंसक झड़प हुई थी। इस घटना में एमएम कंपनी के मो. सादिक उर्फ मेंटल ने साजिद-313 ग्रुप के मेंबर 24 वर्षीय अल्ताफ शेख की हत्या कर दी और मुंबई से भाग गया।

सादिक के दिल्ली में छुपे होने की खबर अल्ताफ (मृतक) की बहन यास्मीन को लगी। उसने भाई की हत्या का बदला लेने की ठानी और इसके लिए मालवणी में रहने वाले भाई के दोस्तों मो. फारूख शेख (20 वर्ष), ओवेश नबिउल्लाह शेख (18 वर्ष), मौहम्मद मानिस सैयद (20 वर्ष) एवं कांदिवली के गणेश नगर निवासी निहाल जाकिर खान (32 वर्ष) और सत्यम कुमार पांडे (23 वर्ष) के साथ मिलकर अल्ताफ को मारने की साजिश रची।

इंस्टाग्राम से फंसाया

सादिक यास्मीन को जानता था, इसलिए यास्मीन ने इंस्टाग्राम पर फेक आईडी बनाई। सादिक से दोस्ती की और भरोसे में लेकर मुंबई बुलाया। 10 दिन पहले वह मुंबई आ गया। यास्मीन ने उसे 9 जनवरी को आरे स्थित छोटा कश्मीर गार्डन के पास मिलने के लिए बुलाया। दोपहर करीब 2.30 बजे सादिक वहां पहुंचा, तो यास्मीन और उसके साथियों ने उसे ऐंबुलेंस में चॉपर दिखाकर बैठा लिया।

घटनास्थल से थोड़ी दूर खड़े एक आदमी को यह घटना संदिग्ध लगी। उसने 100 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद जोनल डीसीपी डॉक्टर स्वामी ने नाकाबंदी कर दी। सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों को दहिसर चेक नाका और विभिन्न चौराहों पर जांच की। आखिरकार, शाम 7.30 बजे आरोपितों को दहिसर चेक नाका से पहले पकड़ लिया।

एंबुलेंस ने दिया धोखा

डॉक्टर स्वामी ने बताया कि जांच के दौरान आरे पुलिस को सादिक के अपहरण का सीसीटीवी फुटेज मिल गया। मालवणी पुलिस की मदद से यास्मीन का मोबाइल नंबर भी मिल गया। नंबर को ट्रेस कर ऐंबुलेंस का पीछा किया गया और आरोपियों को पकड़ लिया। हालांकि, कांदिवली के एसवी रोड पर शताब्दी हॉस्पिटल के पास ऐंबुलेंस का डीजल खत्म हो गया, जिसके बाद उन लोगों ने इनोवा कार मंगाई। इसमें बैठकर वे नायगांव जा रहे थे। यास्मीन की योजना थी कि नायगांव के जंगल में सादिक की हत्या कर देंगे।

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