हल्द्वानी में मृतक दो, घायल पुलिसजन 300

हल्द्वानी हिंसा : गोली लगने से दो मौतें,कल बंद रहेगा शहर,महिला पुलिसकर्मी ने बताई आपबीती
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध मदरसा एवं नमाज स्थल की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में आगजनी के बाद शहर में कर्फ्यू लगाया गया है. दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं. शुक्रवार को भी शहर बंद रहेगा. इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
REPORTED BY :दीपक बिष्ट

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध मदरसा एवं नमाज स्थल की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान बवाल…

हल्द्वानी 08 फरवरी. उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को अवैध मदरसा एवं नमाज स्थल की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान मलिक के बगीचे के आसपास रहने वाले तमाम अराजक तत्वों ने पुलिस और प्रशासन के ऊपर पथराव कर दिया जिसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हो गए. हिंसक स्थिति देख कर्फ्यू लगा दिया गया है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. गोली लगने दो जनों पिता- पुत्र की मौत हो गई है. हालांकि प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है. शुक्रवार को शहर बंद रहेगा.

इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा कर अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने को अधिकारियों को निर्देश दिए.

बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसा एवं नमाज स्थल नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया. तभी अराजक तत्वों ने प्रशासन की टीम पर हमला कर दिया. अराजक तत्वों को तितर-बितर करने पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हल्का बल प्रयोग किया.

महिला पुलिसकर्मी ने बताई मौके की आपबीती
महिला पुलिसकर्मी ने बताया, ‘हम बहुत बचकर आए थे. हर घर से पथराव हो रहा था. हम बहुत बचे. बड़ी मुश्किल से जान बचाकर आए हैं. काफी देर बाद हमारी फोर्स आई. हर गली से पथराव हो रहा था. गलियां घेर ली थीं. छतों से पत्थर आ रहे थे.’

नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्त किया गया मदरसा तथा नमाज स्थल पूरी तरह से अवैध है. इस स्थल के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पूर्व में ही कब्जा ले लिया था और अवैध मदरसे एवं नमाज स्थल सील कर दिया था जिसे आज ध्वस्त किया गया है. पुलिस ने बताया कि पथराव करने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.( न्यूज 18 uttarakhand से साभार)

हल्द्वानी हिंसा पर हरदा चिंतित,विधायक सुमित हृदयेश ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार,माहरा की लोगों से अपील

Harish Rawat on Haldwani Violence हल्द्वानी में हिंसा के तूल पकड़ने पर पूरे हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू लगा इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है.पूरा मामला अवैध मदरसे और नमाज स्थल हटाते समय पत्थरबाजी से जुड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और विधायक सुमित हृदयेश ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील है.
बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण की परिधि में आए मदरसे और नमाज स्थल ध्वस्त करने पर स्थानीय लोगों ने नगर निगम और पुलिस टीम पर पथराव कर दिया.पथराव की चपेट में पत्रकार भी आ गये जिससे मामला गरमा गया . देखते ही देखते पत्थरबाजी और आगजनी में कई पुलिसकर्मी और पत्रकारों समेत अन्य लोग घायल हो गए. स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.साथ ही घटना का जिम्मेदार प्रशासन को ठहराया.हरीश रावत ने भी घटना पर चिंता जताई.
हल्द्वानी में आगजनी और हिंसा की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चिंता जताई कि हल्द्वानी हमेशा से प्रेम,भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक रहा है.वहां ऐसी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर शांत हल्द्वानी उबाल मार रहा है तो यह गहन चिंता का विषय है.हरीश रावत ने सभी से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है.

हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश ने बयान जारी कर कहा कि बनभूलपुरा क्षेत्र में आजादी से लेकर आज तक कभी भी ऐसी घटना नहीं हुई. यहां हमेशा अमन चैन और एकता रही है.  हाईकोर्ट में इस प्रकरण की सुनवाई 14 फरवरी को थी, लेकिन फिर भी शासन प्रशासन ने जल्दबाजी कर यह सब किया.
सुमित हृदयेश के अनुसार उनकी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से फोन वार्ता हुई है.उन्होंने पूरा प्रकरण बताया है.जितने भी प्रशासनिक अधिकारी,पुलिस कर्मी और स्थानीय नागरिक हताहत हुए हैं.उनकी संवेदना उनके परिवारजनों के साथ है. सुमित हृदयेश ने सभी शहरवासियों से अपील की कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर गौर न करें.साथ ही शांति व्यवस्था बनाने में अपना योगदान दें.

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई घटना पर मुख्यमंत्री धामी ने तत्काल संज्ञान ले प्रशासन को उपद्रवियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले कोई भी दंगाई बचेगा नहीं .नैनीताल डीएम ने कर्फ्यू घोषित कर दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए.फिलहाल,हल्द्वानी में इंटरनेट सेवा बंद है. कल हल्द्वानी बाजार बंद रहेगा.बताया जा रहा है कि घटना में दो की मौत हो चुकी.

बनफूलपुरा की तंग गलियों के ‘चक्रव्यूह’ में फंस गई पुलिस, छतों से हुई पत्थरों की बारिश

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी जमीन मलिक का बगीचा क्षेत्र में अवैध कब्जा ढहाने की पुलिस, प्रशासन ने योजना तो बना ली लेकिन इलाके की तंग गलियों का चक्रव्यूह समझना चूक गई। यही भूल उसके लिए आत्मघाती साबित हुई। प्रशासन ने पुलिस बल से काम निकालने की कोशिश जरूर की लेकिन उपद्रवियों ने इलाके की भौगोलिकता का फायदा उठाकर पुलिस फोर्स, प्रशासन और नगर निगम की टीम को उलटे पांव लौटने पर मजबूर कर दिया।
अतिक्रमण स्थल  जाने का एक ही मुख्य रास्ता है। यह रास्ता 10 फीट चौड़ा है। इसके चारों ओर घनी आबादी है, जहां छोटी-छोटी गलियां हैं। जैसे ही टीम यहां पहुंची मुख्य मार्ग पर बवाल शुरू हो गया। टीम के अंदर घुसते ही चारों ओर से विरोध तेज हो गया। इलाके में पांच से अधिक तंग गलियां हैं और किस गली से कब पत्थर आ रहा था, किसी को अंदाजा ही नहीं था। इससे कि बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी और निगम कर्मी घायल हुए। बनभूलपुरा की तंग गलियों में उपद्रवियों को खदेड़ने अंदर घुसी पुलिस फोर्स उनके ही जाल में फंस गई।
घरों की छतों से पुलिसकर्मियों पर लगातार पथराव होता रहा। बमुश्किल गलियों से बचते-बचाते पुलिसकर्मी किसी तरह मुख्य सड़क पर आ सके।  बनभूलपुरा भेजी गई पुलिस फोर्स दूसरे जिलों या अन्य थानों से थी जिन्हें इस इलाके का अंदाजा तक नहीं था। अधिकारियों के आदेश का पालन करने को फोर्स अंदर तो घुस गई, लेकिन चक्रव्यूह में फंस गई, जिससे उसकी जान दांव पर लग गई ।
बनभूलपुरा में अतिक्रमित जगह के चारों ओर बस्ती बसी है। दो से तीन मंजिला मकानों की गिनती हजारों में है। पुलिस-प्रशासन टीम पर सामने से उपद्रवियों के पथराव करते ही छतों से पत्थरों की बारिश होने लगी। प्रशासन के पूर्व में तोड़े अतिक्रमण का मलबा लोगों ने छतों पर इकट्ठा कर रखा था। तंग गलियों से गुजर रहे पुलिस और प्रशासन के लोगों पर छतों से गोली की रफ्तार से पत्थरों की बारिश का जवाब किसी के पास नहीं था।
गली में पुलिस को छिपने को न जगह मिल रही थी न किसी घर की छत पर जाने का रास्ता। अवैध मदरसे और मस्जिद तोड़ने को नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की टीम क्षेत्र में बिना तैयारी घुस गई। बीते चार फरवरी के विरोध को पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम ने हल्के में ले लिया।
कई मौकों पर ड्रोन से निगरानी करने वाला पुलिस प्रशासन कार्रवाई से पहले हवाई सर्वे तक नहीं करा पाया। टीम के अंदर घुसने से पहले ऊंचे मकानों के ऊपर भी पुलिस की नजर नहीं गई, जिससे उपद्रवियों को पुलिस टीम पर हमला करने का आसान रास्ता मिल गया।

कांग्रेस की दोहरी भूमिका

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वह लगातार क्षेत्र में लोगों के संपर्क में है.यहां हालात बेहद खराब हो रहे हैं.धार्मिक स्थल पर कार्रवाई से पहले पुलिस को अतिरिक्त एहतियात बरतनी थी.वह भी लोगों से अपील कर रहे हैं कि इस हाल शांति व्यवस्था बनाए रखें और कानून अपने हाथ में ना ले. इस मामले मे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए,लेकिन इसकी आड़ में निर्दोष पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

करन माहरा ने कहा कि फिलहाल सरकार को शांति व्यवस्था बनाने को सभी संभव प्रयास करने चाहिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों से बात कर बेहतर समन्वय भी बनाना चाहिए. मामले की शांत होने पर किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में इस पूरे प्रकरण की जांच की भी उन्होंने मांग की.

पूरे उत्तराखंड में हाई अलर्ट
डीजीपी अभिनव कुमार और चीफ सेक्रेटरी सेकेट्री राधा रतूड़ी, एडीजी प्रशासन एके अंशुमन को हालात का जायज़ा लेने हल्द्वानी जाने को कहा गया हैं.सुबह दोनों अधिकारी हल्द्वानी आकर वस्तुस्थिति की समीक्षा करेंगे. चार कंपनी पैरा मिलेट्री और छह पीएसी मौके पर भेजी गयी है.नजदीक के जिलों की फोर्स भी हल्द्वानी गई है.जुमे की नमाज देखते हुए सभी जिलों में खास एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

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