श्रीराम ध्वज से अमर्यादित कृत्य पर ताजुद्दीन,शोएब, फिरोज और शावत गिरफ्तार

श्रीराम के झंडे के साथ कर दिया कुछ ऐसा, जो बर्दाश्त से बाहर था, तुंरत पहुंची पुलिस और कर लिया गिरफ्तार
Uttarakhand उत्तराखंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां कुंजाग्रांट में तीन मुस्लिम युवकों ने श्रीराम ध्वज को उतारकर उसके साथ अमर्यादित कृत्य किया। इससे आक्रोशित हिंदू संगठनों के सदस्यों ने हंगामा कर दिया। दरअसल कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कुंजाग्रांट में ही रहने वाले फिरोज, शावत और शोएब ने इन झंडों को उतारकर अमर्यादित कृत्य किया। इसके बाद पुलिस ने एक्शन भी ले लिया।
मुख्य बिंदु
श्रीराम ध्वज के साथ अमर्यादित कृत्य करने पर तीन गिरफ्तार
विकासनगर के कुंजाग्रांट की घटना, आक्रोशित हिंदू संगठनों ने किया हंगामा
पुलिस ने रातभर दबिश देने के बाद मंगलवार सुबह आरोपितों को दबोचा

विकासनगर 24 जनवरी 2024 । इन दिनों पूरा देश प्रभु श्रीराम की भक्ति में लीन है। ऐसे में सभी शरारती तत्वों पर पुलिस की खास नजर है। उत्तराखंड में भी सोशल मीडिया से लेकर सभी पर पुलिस नजर बनाए हुए थी। इसी बीच यहां से श्रीराम ध्वज के साथ अमर्यादित कृत्य करने का मामला सामने आया है।
कुंजाग्रांट में तीन मुस्लिम युवकों ने श्रीराम ध्वज को उतारकर उसके साथ अमर्यादित कृत्य किया। इससे आक्रोशित हिंदू संगठनों के सदस्यों ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हुआ था सीधा प्रसारण
पुलिस के अनुसार, सोमवार को अयोध्या में रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर विकासनगर के कुंजाग्रांट में क्षेत्रवासियों ने शोभायात्रा का आयोजन किया था। इसी क्रम में एलईडी स्क्रीन लगाकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण दिखाया गया। कार्यक्रम स्थल पर श्रीराम लिखे भगवा ध्वज भी लगाए गए थे।

झंडे के साथ अमर्यादित कृत्य

कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कुंजाग्रांट में ही रहने वाले फिरोज, शावत और शोएब ने इन झंडों को उतारकर अमर्यादित कृत्य किया। हिंदू संगठनों को यह पता चला तो माहौल गर्मा गया। घटना से आक्रोशित हिंदू संगठनों के सदस्यों ने हंगामा कर दिया। साथ ही कुंजाग्रांट निवासी रोहित कुमार ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध पुलिस को तहरीर दी।

 अधिकारियों ने दिये थे तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश 
कुल्हाल चौकी प्रभारी प्रवीण कुमार ने घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए उच्चाधिकारियों को सूचित किया। इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ग्रामीण लोकजीत सिंह, पुलिस उपाधीक्षक भाष्कर लाल शाह और कोतवाल राजेश शाह मौके पर पहुंच गए।

रात में पुलिस ने दी दबिश
कुल्हाल चौकी प्रभारी के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने रातभर क्षेत्र में दबिश दी और मंगलवार सुबह तीनों आरोपितों को शिव मंदिर वाली गली से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। कोतवाल का कहना है कि आरोपितों के आपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है।
राम मंदिर की तस्वीर को एडिट कर लगाया इस्लामी झंडा, कर्नाटक में युवक को किया गया गिरफ्तार
एक तरफ पूरा देश राम मय होकर प्राण प्रतिष्ठा में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ शरारती तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक से सामने आया है, जहां युवक को गिरफ्तार किया गया है।

कर्नाटक के गदग जिले के रहने वाले ताजुद्दीन दाफेदार नाम के एक व्यक्ति को गजेंद्रगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि राम मंदिर की तस्वीर को एडिट कर इसने उस पर इस्लामी झंडा लगा फेसबुक पर पोस्ट कर दिया। इससे हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंची। हिंदूवादी संगठनों ने जब इस पोस्ट को पुलिस अलर्ट की तो युवक को गिरफ्तार कर फर्जी पोस्ट हटाने को कहा गया।

हिंदू संगठनों ने की पुलिस से शिकायत

गडग जिला पुलिस ने शिकायत मिलने के तुरंत ताजुद्दीन दफेदार को गिरफ्तार कर आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटवाई। पुलिस विभाग ने झूठी सूचना फैलाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का वादा करते हुए जनता को मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है।

तमिलनाडु सरकार के ऑर्डर पर रोक

तमिलनाडु सरकार ने राम मंदिर कार्यक्रम के लाइव टेलीकास्ट पर रोक का ऑर्डर दिया तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से न सिर्फ जवाब मांगा बल्कि यह भी कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग से सिर्फ इस वजह रोक नहीं लगाई जा सकती कि यह दूसरे समुदाय का कार्यक्रम है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लाइव प्रसारण पर से रोक हटाई गई। तमिलनाडु सरकार ने नोटिस जारी किया था कि राम मंदिर कार्यक्रम को न तो एलईडी लगाई जा सकती है और न ही लाइव प्रसारण होगा। तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है और सभी लोग पूजा अर्चना कर सकते हैं। पूजा, अर्चना, भजनों पर कोई प्रतिबंध नहीं है और याचिका राजनीति प्रेरित है।

बाजार संघों को भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीरों वाला झंडा हटाने का निर्देश

हनुमान की तस्वीरों वाले झंडे हटाने का दिया निर्देश
flags post Ram temple consecration: एमसीडी और एनडीएमसी ने बाजार संघों को राम मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीरों वाले झंडों और बैनरों को हटाने का निर्देश दिया है.
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और एनडीएमसी ने भगवान राम और हनुमान की तस्वीरों वाले झंडों और बैनरों को हटाने का निर्देश दिया है. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ था. इसको लेकर दिल्ली की सड़कों और बाजारों को सजाया गया था.

नगर निकाय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भगवान राम की तस्वीरों वाले झंडों, पोस्टरों और बैनरों पर नजर रखें. उन्हें सड़कों पर गिरने से बचाने के लिए सम्मानपूर्वक उतार दें. एमसीडी और एनडीएमसी ने अपने क्षेत्रों में बाजार संघों को सजावटी वस्तुओं को सम्मानपूर्वक हटाने और प्रोटोकॉल के अनुसार उनका निपटान करने का निर्देश दिया है. एनडीएमसी अधिकारी ने कहा, ” बाजार संघों को निर्देश दिया गया है कि वे बाजार संघों द्वारा लगाए गए झंडों और वस्तुओं को सम्मानपूर्वक हटा लें.”

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने कहा कि राम लला का ‘प्राण प्रतिष्ठा’ उत्सव अब पूरा हो चुका है. अब, इन पवित्र झंडों को बचाने की जरूरत है, जो हवा के कारण गिर सकते हैं. अगर भविष्य में इन झंडों का इस्तेमाल किया जा सकता है तो इन्हें सुरक्षित रखें. अन्यथा पूजा सामग्री के रूप में इनका निस्तारण कर दें. CTI के अनुसार, राम लला ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के अवसर पर राजधानी के 700 बाजारों में 10 लाख झंडे लगाए गए थे.
खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने बताया कि सजावटी सामग्री कपड़े की थी, उन्हें हटा दिया गया है. उन्हें पारदर्शी बैग में संरक्षित किया है और स्टोर में रखा गया है. अब अगले साल 22 जनवरी आने पर उनका इस्तेमाल होगा. वहीं, फेडरेशन ऑन सदर बाजार ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार यादव ने कहा कि वे गणतंत्र दिवस समारोह के बाद भगवान राम के नाम और छवि वाली वस्तुओं को इकट्ठा करने वाले सभी ध्वज पोस्टर हटा देंगे. उनकी योजना इन झंडों को मंदिरों और आश्रमों को दान करने की है. वहीं, क्षतिग्रस्त झंडों को मिट्टी में दबा दिया जाएगा.

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