बदनामी के बहाने फिरोज़ ने शादी के पहले दिन बहन फ़िरदौस को मारी गोली

घटनास्थल पर जांच पड़ताल करते पुलिस अफसर

डोली की जगह घर से उठा फिरदौस का जनाजा, बहन के देवर ने रची साजिश और भाई से ही करा दी हत्या
मेरठ 24 जनवरी। कुछ ही घंटों बाद जिस घर से बहन फिरदौस की डोली उठनी थी, बेरहम भाई की बदौलत उस घर से बेटी का जनाजा उठा। बेटी फिरदौस की मौत से परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। परिजन रो-रोकर हत्यारोपित भाई फिरोज को कोस रहे थे कि उसे मारने की क्या जरूरत थी। परिवार के लोगों ने ही फोन कर पुलिस को सूचना दी। पिता की लिखित शिकायत पर बेटे फिरोज और दामाद के भाई कासिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। कासिम और फ़िरदौस में घनिष्ठ संबंध देख परिजनों ने फ़िरदौस की शादी कहीं और तय कर दी थी। इससे वह भड़क गया और फिरोज को अपनी तथा फ़िरदौस की अंतरंग फोटोग्राफ भेज दिये।

आज (रविवार) को फिरदौस की बरात आनी थी। इस्लामाबाद स्थित घर में तैयारियां चल रही थीं। घर पर पांच रिश्तेदार भी आ चुके थे। किसी ने सोचा तक नहीं था कि भाई फिरोज ही उसकी हत्या कर देगा क्योंकि वह भी जोर शोर से शादी की तैयारियों में लगा था।

फिरदौस से शादी न होे पाने के गुस्से में बड़ी बहन के देवर और प्रेमी कासिम ने ही उसकी हत्या की साजिश रच डाली। उसने शादी से पहले के फोटो-वीडियो भेजकर फिरदौस के खिलाफ फिरोज को भड़का दिया। कहा कि तुम्हारी ऐसी बहन हम रिश्तेदारों की भी बदनामी करा रही है। इसको मारने में ही तुम्हारे परिवार की इज्जत बच सकती है।

भैया… मेरी बात सुन लो

फिरोज ने बहन को गोली मारने से पहले गाली गलौज की। वह चिल्ला रहा था कि इसने बदनामी करा दी। भाई के हाथ में तमंचा देखकर फिरदौस बोली कि भाई ऐसा मत करो… पूरी बात सुन लो। जिस कासिम की बात कर रहो हो, वह ठीक इंसान नहीं है। उसने फोटो एडिट करके भेजे हैं। उससे मेरा कोई लेनादेना नहीं है। जिससे शादी हो रही है, वह उसके साथ खुश रहेगी। वह गिड़गिड़ाती रही, लेकिन फिरोज नहीं माना।

घर में खून ही खून

हत्या के बाद घर में खून ही खून था। यह देखकर लोग सकते में थे। हत्यारोपित भाई खड़ा रहा, लेकिन उसको पकड़ने का कोई साहस नहीं जुटा पाया। फिरोज ने कहा कि वह भाग नहीं रहा कहीं और न उसने कोई गलत काम किया। बहन बदनामी करा रही थी, खानदान की इज्जत के खातिर उसको मार डाला।

टीपीनगर और कंकरखेड़ा की घटना याद दिलाई

टीपीनगर में छह माह पहले शादी से दो दिन पहले सिरफिरे आशिक ने युवती की गोली मारकर हत्या की थी। विरोध करने पर आरोपित ने युवती के पिता को भी मार दिया था। इसी तरह कंकरखेड़ा में भी सालभर पहले शादी से पहले युवती की हत्या हुई थी। लिसाड़ीगेट में हुई वारदात ने इन घटना की याद दिला दी।

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