एक दिन की मुख्यमंत्री सृष्टि में दिखा गज़ब आत्मविश्वास , विकास दृष्टि भी

Desh ki beti: आत्मविश्वास से लबरेज एक दिन की मुख्यमंत्री बनी सृष्टि में दिखी विकास की दृष्टि
Uttrakhand one day chief minister Shrishti Goswami राष्ट्रीय बालिका दिवस पर उत्तराखंड सरकार ने मिसाल पेश की। हरिद्वार जिले की छात्रा सृष्टि गोस्वामी को न सिर्फ एक दिन की बालिका मुख्यमंत्री मनोनीत किया बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में नई कथा भी लिख डाली।

देहरादून 24 जनवरी। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर उत्तराखंड सरकार ने मिसाल पेश की। हरिद्वार जिले की छात्रा सृष्टि गोस्वामी को न सिर्फ एक दिन की बालिका मुख्यमंत्री मनोनीत किया, बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में नई इबारत भी लिख डाली। दिलचस्प यह कि बतौर मुख्यमंत्री सृष्टि न केवल आत्मविश्वास से लबालब दिखीं, बल्कि उन्होंने भविष्य की उम्मीद भी जगाई है।

सृष्टि ने 13 विभागों की समीक्षा के दौरान अफसरों को महत्वपूर्ण सुझाव तो दिए ही, राज्य के विकास को लेकर अपनी सोच भी बयां की। साथ ही, बालिका सुरक्षा, पलायन जैसे मसलों पर चिंता जताई और इनसे पार पाने के सुझाव दिए। करीब पांच घंटे तक यह दायित्व निभाने से गदगद सृष्टि ने कहा कि यदि भविष्य में अवसर मिला तो वह राजनीति के क्षेत्र में कदम रखेंगी।

रविवार को दोपहर 12 बजे बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि की फ्लीट रेसकोर्स स्थित विधायक निवास से विधानसभा पहुंची। वहां मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत और बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने विधानसभा के सभागार में चार बजे तक 13 विभागों की समीक्षा की। अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उनके सामने विभागीय योजनाओं पर रोशनी डाली। बालिका मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की बात को गंभीरता से सुना। तमाम विषयों पर सृष्टि ने मंझे राजनीतिज्ञ की तरह परिपक्व सोच का परिचय दिया। भारी वाहन वाले सबसे लंबे डोबरा-चांठी झूलापुल के प्रस्तुतीकरण को देखने के बाद उन्होंने तत्काल सुझाव दिया कि राज्य में जितने भी पुल हैं, उनका सर्वेक्षण कराकर पुराने पुलों के जीर्णोद्धार कराया जाए। उन्होंने जिलों में चाइल्ड प्रोटेक्शन विंग के सुचारू न होने के बारे में भी जानकारी मांगी और इसकी राह में आ रही दिक्कतों को तुरंत दूर कराने को कहा। बाद में उन्होंने बालिका निकेतन का निरीक्षण भी किया।

ये दिए महत्वपूर्ण सुझाव

वैकल्पिक ऊर्जा के लिए सोलर विकास कार्यक्रम को गति दें, इससे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा
आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल व बिजली की व्यवस्था हर हाल में मुकम्मल की जाए।
स्कूलों के 500 मीटर के दायरे में मादक पदार्थों की बिक्री पूरी तरह हो प्रतिबंधित।
सार्वजनिक परिवहन में महिला सुरक्षा के मद्देनजर उठाएं और अधिक प्रभावी कदम।

ये जताई चिंता

शिक्षण संस्थानों के इर्द-गिर्द मादक पदार्थों की बिक्री।
ग्रामीण क्षेत्रों से निरंतर हो रहा पलायन।
शहरी इलाकों में बढ़ता प्रदूषण।
राज्यभर में ड्रग्स का फैलता जाल।
अवसर मिला तो राजनीति में आऊंगी

पत्रकारों से बातचीत में भी सृष्टि आत्मविश्वास से लबरेज दिखीं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा जो सुझाव दिए गए हैं, उन्हें बाल आयोग के माध्यम से सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि नायक फिल्म में नायक का एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनना उत्साहित कर देता है। वह रील थी और मैंने आज रीयल में यह अहसास किया। उन्होंने कहा कि चुनाव वाली प्रक्रिया से ही बाल विधानसभा कार्य करती है। यदि भविष्य मे मौका मिला तो वह सक्रिय राजनीति में आएंगी और चुनाव भी लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि यदि वह वास्तव में राज्य की मुख्यमंत्री बनीं तो बच्चों से जुड़े मुद्दों का समाधान करना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी।

वहीं मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बाल मुख्यमंत्री मनोनीत कर सरकार ने प्रदेश की बालिकाओं का सम्मान किया है। ऐसे आयोजन समाज में बालिकाओं को अपनी पहचान बनाने में मददगार होते हैं। बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं और उन्हें बेहतर दिशा की ओर ले जाने को जरूरी है कि उन्हें सम-सामयिक विषयों के साथ ही विधायिका के स्तर पर होने वाले कार्यों की जानकारी भी रहे। ऐसे आयोजन युवाओं को अपने दायित्वों के निर्वहन की प्रेरणा देते हैं। सृष्टि गोस्वामी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।

प्रोफाइल

नाम:- सृष्टि गोस्वामी

पिता :- प्रवीण पुरी

माता :- सुधा गोस्वामी

पता :- ग्राम दौलतपुर (हरिद्वार)

शिक्षा :- बीएसएम कॉलेज रुड़की में बीएससी एग्रीकल्चर में तृतीय वर्ष की छात्रा

उपलब्धियां :

-2020 में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक दिन की बालिका मुख्यमंत्री मनोनीत।

-2019 में थाइलैंड में गल्र्स इंटरनेशनल लीडरशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

-2018 में भुवनेश्वरी महिला आश्रम, प्लान इंडिया द्वारा संचालित बाल विधानसभा में विधायक व फिर मुख्यमंत्री चुनी गईं।

राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रदेश मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड त्रिवेन्द्र सिंह रावत की प्रेरणा तथा मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ओमप्रकाश और राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमंती उषा नेगी के मार्गदर्शन से एक दिन की मनोनीत बालिका मुख्यमंत्री कुमारी सृष्टि गोस्वामी की अध्यक्षता में विधान सभा में बाल विधायक सदन का आयोजन किया गया। बाल सदन में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी और 13 विभागों ने अपना विभागीय प्रस्तुतिकरण दिया।
विभागीय समीक्षा और प्रस्तुतिकरण से पूर्व मनोनीत मुख्यमंत्री की अनुमति से बाल सदन का आयोजन किया गया जिसमें नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन ने सदन में सरकार के समक्ष प्रश्न उठाये। जिनका मनोनित मुख्यमंत्री तथा उनकी अनुमति से अन्य मंत्री और बाल विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष के सवालों का क्रमवार उत्तर दिया तथा विपक्ष ने उन पर सहमति व्यक्त की ।
इसके पश्चात बाल विकास विभाग (ICDS) द्वारा विभागीय प्रस्तुतिकरण प्रस्तुत करते हुए महिला, बच्चों, दिव्यंगजनों, निराश्रितों आदि के हित में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनओं तथा उनके कल्याण के लिए उठाये गये इनिसिएटिव से अवगत कराया। इस दौरान महिला व बच्चों से सबन्धित अपराध तथा उनका उन्मूलन तथा महिला एवं बच्चों के समुचित विकास के लिए उठाये गये कदमों की बात कही।
लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य में किये जा रहे पुल, सडक, तथा अन्य सम्पर्क निर्माण कार्यो से अवगत कराया। सिंचाई विभाग द्वारा सूर्याधार झील तथा अन्य संचालित व निर्मित्त की जा रही परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया। पुलिस विभाग द्वारा अपराधों की प्रकृति तथा उनके उन्मूलन हेतु उठाये गये प्रयासों तथा अभिनव स्टेप्स से अवगत कराया। उन्होने बाल अपराध की रोकथाम, साईब्रर क्राईम रोकथाम, नशा मुक्ति अभियान, औपरेशन सत्य, तथा बाल तस्करी मुक्ति हेतु औपरेशन स्माईल के उदाहरण प्रस्तुत किये। इसके अतिरिक्त उद्योग, उरेडा, स्मार्ट सिटी, शिक्षा, आदि विभागो ने भी विभागीय प्रस्तुतिकरण दिया।
इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री (आज के मुख्यमंत्री प्रतिनिधि) ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन से बालिकाओं के आत्म विश्वास में वृद्धि होती है साथ ही सरकार की कार्यशैली तथा उनकी विश्ष्टि प्रक्रियाओं से व्यवहारिक रूप मे अवगत होने का भी अवसर प्राप्त होता है।
अध्यक्षा उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग श्रीमंती उषा नेगी ने भी अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बालिकाओं व बच्चों को इस तरह के बाल सदन में अवसर देने पर उनको जीवन में और आगे बढने और कुछ करने की प्रेरणा मिलती है साथ ही शासकीय और प्रशासनिक क्रियाविधि की भी स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है।
आज की मनोनीत बालिका मुख्यमंत्री कुमारी सृष्टि गोस्वामी द्वारा इस दौरान सदन में महिला एवं बाल संरक्षण तथा विभिन्न विकास कार्यो के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव साझा किये। उन्होने बालिकाओं को विद्यालय आने जाने के लिए वाहनों में सुरक्षित माहौल बनाने, घरेलू हिंसा, नशाखोरी और बाल अपराधों पर लगाम लगाने तथा महिलाओं को सूरक्षित, सहज और सर्व स्वीकार्य वतावरण बनने के सुझाव दिये।
बाल विधायकों में मनोनीत मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष के अलावा मनोनीत गृह मंत्री कुमकुम पन्त,जान्हवी,हरेन्द्र, चिराग,मानसी,ऋतिका आदि ने समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया
इस अवसर पर अपर सचिव, बाल विकास झरना कमठान ने बाल सदन का विधिवत समापन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *