कृषि कानून स्थगित,सुको से बनी चार सदस्यीय समिति

Farmers Protest Live Updates: सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल को स्थगित किया, चार सदस्य कमेटी का गठन
नई दिल्ली 12 जनवरी। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 48वां दिन है. आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हो रही है. कल आंदोलन और कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई थी.इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई तीखें सवाल पूछे. आज सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर अपना आदेश सुना सकता है.संभव है कि कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सकता है.
1:34 PM IST | 12 JAN 2021
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा है.सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों के अमल को स्थगित किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है.

1:31 PM IST | 12 JAN 2021
30 लाख सदस्य होने का दावा करने वाले भारतीय किसान संघ ने कमिटी बनाने का समर्थन किया, लेकिन कानूनों के अमल पर रोक का विरोध किया. फल उत्पादक किसानों की संस्था ने भी कानूनों पर रोक नहीं लगाने की मांग की. वहीं, एटॉर्नी जनरल ने भी कमिटी के गठन का स्वागत किया.

1:24 PM IST | 12 JAN 2021
इस बीच गणतंत्र दिवस बाधित करने की आशंका वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस जारी किया है.

1:21 PM IST | 12 JAN 2021
पीएस नरसिम्हा ने कोर्ट को बताया कि प्रतिबंधित संगठन भी आंदोलन को शह दे रहे हैं.इसके बाद सीजेआई ने एटॉर्नी जनरल से पूथा कि क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं? एटॉर्नी ने कहा कि मैं पता करके बताऊंगा.इसके बाद सीजेआई ने कहा कि आप कल तक इस पर हलफनामा दीजिए.इसका मतलब यह नहीं कि हम पूरे मामले पर आज आदेश नहीं देंगे. आदेश आज ही आएगा.आप इस पहलू पर कल तक जवाब दें.

1:12 PM IST | 12 JAN 2021
आंदोलनकारियों का समर्थन कर रहे वकील विकास सिंह ने कहा कि लोगों को रामलीला मैदान में जगह मिलनी चाहिए. ऐसी जगह जहां प्रेस और मीडिया भी उन्हें देख सके. प्रशासन उसे दूर जगह देना चाहता है. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि रैली के लिए प्रशासन को आवेदन दिया जाता है. पुलिस शर्तें रखती है. पालन न करने पर अनुमति रद्द करती है. क्या किसी ने आवेदन दिया? सिंह ने कहा कि मुझे पता करना होगा.

1:06 PM IST | 12 JAN 2021
साल्वे ने यह भी कहा कि आंदोलन में वैंकूवर के संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस के बैनर भी लहरा रहे हैं. यह अलगाववादी संगठन है. अलग खालिस्तान चाहता है. इसपर सीजेआई ने पूछा कि क्या इसे किसी ने रिकॉर्ड पर रखा है? तो सॉलिसीटर जरनल ने कहा कि एक याचिका में रखा गया है. कोर्ट की कार्रवाई से यह संकेत नहीं जाना चाहिए कि गलत लोगों को शह दी गई है. सीजेआई ने कहा कि हम सिर्फ सकारात्मकता को शह दे रहे हैं.

1:03 PM IST | 12 JAN 2021
भारतीय किसान यूनियन (भानू) के वकील ने कहा है कि बुजुर्ग,बच्चे और महिलाएं आंदोलन में हिस्सा नहीं लेंगे. उनकी इस बात पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि हम आपके बयान को रिकॉर्ड पर ले रहे हैं.किसान संगठनों के वकील दुष्यंत दवे,भूषण,गोंजाल्विस स्क्रीन पर नज़र नहीं आ रहे हैं. कल दवे ने कहा था कि सुनवाई टाली जाए.वह किसानों से बात करेंगे.आज कहां गए? इसपर साल्वे ने कहा कि दुर्भाग्य से लगता है कि लोग समाधान नहीं चाहते.आप कमिटी बना दीजिए.जो जाना चाहते हैं जाएंगे.

12:56 PM IST | 12 JAN 2021
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि हम कानून का अमल स्थगित करेंगे, लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं. हमारा मकसद सिर्फ सकारात्मक माहौल बनाना है. उस तरह की नकारात्मक बात नहीं होनी चाहिए जैसी एम एल शर्मा ने आज सुनवाई के शुरू में की. (शर्मा ने कहा था कि किसान कमिटी के पास नहीं जाएंगे. कानून रद्द हो)

12:51 PM IST | 12 JAN 2021
वकील शर्मा ने कहा कि किसान यह भी कह रहे हैं कि सब आ रहे हैं, पीएम बैठक में क्यों नहीं आते. इसपर सीजेआई ने कहा कि हम पीएम मोदी से नहीं कहेंगे कि वह बैठक में आएं. इसके बाद सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि कृषि मंत्री बात कर रहे हैं. यह उनका विभाग है.

12:49 PM IST | 12 JAN 2021
सीजेआई ने कहा कि अभी यह सुनने में आ रहा है कि गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को बाधित करने की तैयारी है. सवाल यह है कि लोग हल चाहते हैं या समस्या को बनाए रखना चाहते हैं. अगर हल चाहते हैं तो यह नहीं कह सकते कि कमिटी के पास नहीं जाएंगे.

12:47 PM IST | 12 JAN 2021
वकील शर्मा ने कहा कि कोर्ट ही हम सबकी आखिरी उम्मीद है. इसपर सीजेआई ने कहा कि जो वकील हैं, उन्हें न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए. ऐसा नहीं हो सकता कि जब आदेश सही न लगे तो अस्वीकार करने लगें. इसके बाद वकील ने कहा कि किसान कल मरने की बजाय आज मरने को तैयार है. इसको लेकर सीजेआई ने कहा कि हम इसे जीवन-मौत के मामले की तरह नहीं देख रहे. हमारे सामने कानून की वैधता का सवाल है. क़ानूनों के अमल को स्थगित रखना हमारे हाथ में है. लोग बाकी मसले कमिटी के सामने उठा सकते हैं.

12:42 PM IST | 12 JAN 2021
कोर्ट में याचिकाकर्ता एम एल शर्मा बोल रहे हैं- मेरी कुछ किसानों से बात हुई है. वह किसी कमिटी के सामने नहीं जाना चाहते हैं. सिर्फ तीन कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं. किसान शांति से विरोध कर रहे हैं. उन्हें बदनाम किया जा रहा है. किसानों को कॉरपोरेट के हाथों में छोड़ देने की तैयारी है. ज़मीन छीन ली जाएगी. इसपर सीजेआई ने कहा कि हम अंतरिम आदेश में कहेंगे कि ज़मीन को लेकर कोई कांट्रेक्ट नहीं होगा.

11:47 AM IST | 12 JAN 2021
सुप्रीम कोर्ट कुछ ही देर में किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर फैसला सुनाएगा.इससे पहले राड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया,”उम्मीद है कि कोर्ट किसानों के पक्ष में और कानूनों को रद्द करने के लिए कोई फैसला लेगी.हमें बुराड़ी ग्राउंड में करीब 47 दिन हो गए.”

11:48 AM IST | 12 JAN 2021
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है कि सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है. अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है; उनकी मांग साफ़ है. कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस.”

10:57 AM IST | 12 JAN 2021
सिंघु बॉर्डर पर मौजूद एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा है कि अगर सरकार नहीं मानी तो लोहड़ी तो क्या हम होली भी यहीं मनाएंगे. हम सरकार से कहना चाहते हैं कि किसानों की तरफ ध्यान दे. यहां 51-52 लोग मर गए सरकार को उनकी फिक्र नहीं है.”

10:54 AM IST | 12 JAN 2021
कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है. फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया, “उम्मीद है कि कोर्ट किसानों के पक्ष में और कानूनों को रद्द करने के लिए कोई फैसला लेगी. हमें बुराड़ी ग्राउंड में करीब 47 दिन हो गए.”

9:58 AM IST | 12 JAN 2021
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट से तो उम्मीद है मगर सरकार से उम्मीद नहीं है, क्योंकि अगर सरकार चाहती तो यह फैसला अब तक हो गया होता.”

9:19 AM IST | 12 JAN 2021
आज आंदोलन और कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले भारतीय किसान यूनियन के राजवीर सिंह जादौन ने कहा है, “हम कोर्ट से अपेक्षा करेंगे कि कानूनों को खत्म करने का आदेश दे और MSP पर कानून बने.”

9:16 AM IST | 12 JAN 2021
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में नए कृषि क़ानूनों की वैधता पर हुई सुनवाई पर कहा है कि केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया है सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मंजूर होगा. फैसले का इंतजार करना चाहिए.

7:26 AM IST | 12 JAN 2021
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी संकेत दिया था कि वह किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर सकता है, जिसमें देश की सभी किसान यूनियनों के प्र्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है. कोर्ट ने इस गतिरोध का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये केन्द्र सरकार को और समय देने से इंकार करते हुये कहा था कि पहले ही उसे काफी वक्त दिया जा चुका है.

7:26 AM IST | 12 JAN 2021
बेंच ने कल तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ ही किसानों के आन्दोलन के दौरान नागरिकों के निर्बाध रूप से आवागमन के अधिकार के मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने किसानों के साथ बातचीत का अभी तक कोई हल नहीं निकलने पर केन्द्र को आड़े हाथ लिया था और सारी स्थिति पर घोर निराशा व्यक्त की थी.

7:00 AM IST | 12 JAN 2021
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की बेंच ने कल इस मामले की सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि वह कृषि कानूनों और किसानों के आन्दोलन से संबंधित मुद्दों पर अलग अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है. इस संबंध में बाद में कोर्ट की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की गयी है.

6:31 AM IST | 12 JAN 2021
केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 49वां दिन है. कल आंदोलन और कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई तीखें सवाल पूछे. आज सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर अपना आदेश सुना सकता है. संभव है कि कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सकता है.

6:32 AM IST | 12 JAN 2021

किसान मामले पर सुनवाई से पहले SC में केंद्र का हलफनामा, दिल्ली पुलिस ने भी दाखिल की अर्जी
किसान मामले पर आज होने वाली सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दायर किया गया है. केंद्र ने कहा कि कानून 20 साल की चर्चा का नतीजा है….

2:34 PM IST | 11 JAN 2021
किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई है. बड़ी बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का एक हिस्सा आज आने की उम्मीद है.वहीं, सुप्रीम कोर्ट में कमिटी के गठन समेत बाकी मुद्दों पर कल सुनवाई हो सकती है.

2:21 PM IST | 11 JAN 2021
कृषि क़ानून के विरोध में INLD नेता अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा विधानसभा से त्यागपत्र देने की पेशकश कर दी है. विधायक पद से त्यागपत्र की चिठी स्पीकर को भेजी गई है. अभय चौटाला ने कहा अगर केंद्र सरकार अगर कृषि क़ानून वापस नहीं लेती तो विधानसभा से मेरा इस्तीफ़ा समझा जाए. अभय ने कहा अगर 26 जनवरी तक क़ानून वापस नहीं होते तो इस पर को मेरा त्यागपत्र समझा जाए.

2:11 PM IST | 11 JAN 2021
सुप्रीम में सुनवाई के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसानों के मुद्दों सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही कल भी जारी रहेगी, इसलिए किसान नेताओं की आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द की जा रही है. आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है.

1:37 PM IST | 11 JAN 2021
चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं रिस्क ले रहा हूं. आप बुजुर्गों को बताइए कि चीफ जस्टिस चाहते हैं कि बुजुर्ग वापस चले जाएं. इसपर एटॉर्नी जनरल ने कहा कि कमिटी के सामने भी लोग अड़ियल रुख अपनाएंगे. कहेंगे कि कानून वापस लो.इसके बाद सीजेआई ने कहा कि हमें उनकी समझदारी पर भरोसा है. हम विरोध के लिए वैकल्पिक जगह नहीं दे रहे. क्या हम किसी पूर्व CJI को कमिटी के प्रमुख बनाएं. जस्टिस लोढ़ा का नाम कैसा रहेगा? दुष्यंत दवे ने सही कहा. सीजेआई ने कहा कि क्या आप उनसे उनकी सहमति पूछेंगे? सॉलिसीटर ने कहा कि हम भी सुझाव देंगे. कल तक समय दीजिए. CJI ने कहा हम आज की सुनवाई बंद कर रहे हैं. एटॉर्नी जनरल ने कहा कि जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. इसपर CJI ने जवाब दिया- हमें जल्दबाजी पर लेक्चर मत दीजिए. हमने बहुत समय दिया है.

1:33 PM IST | 11 JAN 2021
CJI ने कहा कि हम रोक लगाने जा रहे हैं. बाद में आंदोलनकारियों से पूछेंगे कि आप सड़क से हटेंगे या नहीं. प्रशांत भूषण ने कहा कि मैं 8 संगठनों के लिए आया हूँ. हमारी तरफ से दवे ने भी जिरह की है. चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर हम कानून का अमल रोक देते हैं तो फिलहाल आंदोलन करने जैसा कुछ नहीं होगा. आप लोगों को समझा कर वापस भेजिए. सबका दिल्ली में स्वागत है, लेकिन लाखों लोग आए तो कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ेगी. कोरोना का खतरा है. महिलाओं, वृद्धों और बच्चों को आंदोलन से अलग करना चाहिए. उन्हें वापस भेजना चाहिए.

1:30 PM IST | 11 JAN 2021
CJI ने कहा कि कानून की वैधता पर कोई भी फैसला सबको सुनकर ही होगा. नरसिम्हा के बाद एक और वकील एमपी देवनाथ ने कहा कि कानून पर रोक नहीं लगनी चाहिए. दोनों अलग-अलग किसान संगठन के लिए पेश हुए हैं. महाराष्ट्र के एक किसान संगठन के वकील आशीष सोनावने ने कानून लागू रखने की दरख्वास्त की.

1:29 PM IST | 11 JAN 2021
किसान संगठन के वकील ने कोर्ट को बताया कि हम हर बैठक में जा रहे हैं. साल्वे ने कहा कि इनसे कहना चाहिए कि बातचीत में कुर्सी पीछे कर अड़ियल रुख न दिखाएं. साल्वे ने कहा कि सबको कहें कि सकारात्मक बातचीत करें. इसपर CJI ने कहा कि हम ऐसा आदेश कैसे दे सकते हैं? साल्वे ने कहा कि यह साफ करें कि कोर्ट आंदोलनकारियों की बात को सही नहीं ठहरा रहा है. इससे बहुत गलत संदेश जाएगा.

1:01 PM IST | 11 JAN 2021
साल्वे ने कहा कि अगर कानून पर रोक लगनी से शांति होती है तो ठीक है, लेकिन आंदोलन के दौरान वैंकुवर के संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस के बैनर दिख रहे हैं. ऐसे लोगों को आंदोलन से बाहर कौन करेगा? आंदोलन को नियंत्रित रखना भी ज़रूरी है.

1:01 PM IST | 11 JAN 2021
सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता के वकील पी एस नरसिम्हा ने कहा कि कुछ ही लोग विरोध कर रहे हैं. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि हो सकता है आपके क्लायंट और कई लोगों को कानून सही लगता हो, लेकिन इससे मौजूदा समस्या का हल नहीं होगा. बेहतर है कानून पर रोक लगे और सब कमिटी के पास जाएं. नरसिम्हा ने कहा कि सरकार को थोड़ा समय दें. सीजेआई ने पूछा- अगर हिंसा हुई तो किसकी ज़िम्मेदारी होगी?

12:59 PM IST | 11 JAN 2021
दवे ने कहा कि पंजाब के किसान संगठन कभी भी गणतंत्र दिवस परेड को बाधित नहीं करना चाहेंगे. हर परिवार से लोग सेना में हैं. हमें रामलीला मैदान जाने देना चाहिए. इस मांग पर एटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट साफ करे कि किन प्रावधानों पर रोक लगेगी. इसके बाद चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम आलोचना को दोहराना नहीं चाहते, लेकिन आप स्थिति को संभालने में असफल रहे हैं.

12:58 PM IST | 11 JAN 2021
CJI ने कहा कि आंदोलन वैसे ही चले जैसे गांधी जी सत्याग्रह करते थे. इसपर किसानों के वकील दवे ने कहा कि लोग अनुशासित हैं. उनकी आजीविका का गंभीर सवाल है, इसलिए सड़क पर आए हैं. सीजेआई ने कहा कि हम कानून पर नहीं उसके अमल पर रोक लगा रहे हैं. हमने एटॉर्नी जनरल की दलीलों पर विचार किया है. किसी कानून के आधार पर कदम उठाए जाने पर रोक तो लग ही सकती है.

12:57 PM IST | 11 JAN 2021
CJI ने कहा कि हम आपको कानून तोड़ने वालों पर कार्रवाई से नहीं रोक रहे. एटॉर्नी जनरल ने कहा कि 26 जनवरी को राजपथ पर 2000 ट्रैक्टर दौड़ाने की बात कहीं जा रही है. इसपर किसान संगठनों के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हम ऐसा नहीं करेंगे. इसको लेकर CJI ने कहा कि हम इससे खुश हैं. इसके बाद एटॉर्नी जनरल ने कहा कि इनसे हलफनामा लीजिए.

12:55 PM IST | 11 JAN 2021
एटॉर्नी ने कहा तमाम मामलों में कोर्ट ने संसद के कानूनों पर रोक नहीं लगाई है. इस बार भी ऐसा नहीं करना चाहिए. CJI ने कहा कि हमें उन मामलों की जानकारी है. आप अपनी दलीलें दीजिए. इसके बाद एटॉर्नी जनरल ने कहा कि किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगनी चाहिए, जब वह पहली नज़र में असंवैधानिक या मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला न लगे. ऐसा कुछ इस मामले में नहीं है. सिर्फ 2-3 राज्यों के कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. आप विचार कीजिए कि बाकी राज्यों के लोग उनके साथ क्यों नहीं आए? अब तक सब कुछ शान्तिपूर्ण रहा है. लेकिन कल एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है.

12:54 PM IST | 11 JAN 2021
एमपी के कुछ किसान संगठनों के लिए वरिष्ठ वकील विवेक तनखा दलील रखने की कोशिश की. इसपर CJI ने कहा कि हम आपकी याचिका पर भी आगे सुनवाई करेंगे. आप किसी राजनीतिक दल के लिए आए हैं या किसान के लिए. आज एक पार्टी ने बताने की कोशिश की है कि हमें क्या करना चाहिए. आप सब सार्वजनिक जीवन में हैं. ऐसा करना सही नहीं.

12:34 PM IST | 11 JAN 2021
कानून के खिलाफ याचिका करने वाले एम एल शर्मा ने 1955 के संविधान संशोधन का मसला उठाया. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम फिलहाल इतने पुराने संशोधन पर रोक नहीं लगाने जा रहे हैं. जज कुछ देर चर्चा कर रहे थे. इसलिए सुनवाई रुकी हुई थी.

12:34 PM IST 11JAN 2021
चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें आशंका है कि किसी दिन वहां हिंसा भड़क सकती है. इसके बाद साल्वे ने कहा कि कम से कम आश्वासन मिलना चाहिए कि आंदोलन स्थगित होगा. सब कमिटी के सामने जाएंगे. इसपर CJI ने कहा कि यही हम चाहते हैं, लेकिन सब कुछ एक ही आदेश से नहीं हो सकता. हम ऐसा नहीं कहेंगे कि कोई आंदोलन न करे. यह कह सकते हैं कि उस जगह पर न करें.

बैकग्राउंड

Farmers Protest Live Updates:केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 48वां दिन है. आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हो रही है. कल आंदोलन और कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई तीखें सवाल पूछे. आज सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर अपना आदेश सुना सकता है. संभव है कि कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सकता है.

दे. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की बेंच ने कल इस मामले की सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि वह कृषि कानूनों और किसानों के आन्दोलन से संबंधित मुद्दों पर अलग अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है. इस संबंध में बाद में कोर्ट की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की गयी है.

इस सूचना में कहा गया है, ‘‘इन मामलों को 12 जनवरी को आदेश के लिये सूचीबद्ध किया जाये.’’ बेंच ने कल तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ ही किसानों के आन्दोलन के दौरान नागरिकों के निर्बाध रूप से आवागमन के अधिकार के मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने किसानों के साथ बातचीत का अभी तक कोई हल नहीं निकलने पर केन्द्र को आड़े हाथ लिया था और सारी स्थिति पर घोर निराशा व्यक्त की थी.

इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी संकेत दिया था कि वह किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर सकता है, जिसमें देश की सभी किसान यूनियनों के प्र्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है. कोर्ट ने इस गतिरोध का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये केन्द्र सरकार को और समय देने से इंकार करते हुये कहा था कि पहले ही उसे काफी वक्त दिया जा चुका है।

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