राज्यसभा टिकट वितरण बाद कांग्रेस में हा-हाकार

Rajya Sabha News : पार्टी के लिए आत्मघाती कदम… कांग्रेस की राज्यसभा लिस्ट देख ‘तपस्या’ याद आई, प्रमोद कृष्णम ने दी चेतावनी

एक तरफ कांग्रेस पार्टी का चुनावों में प्रदर्शन लगातार निराशाजनक रहा है तो दूसरी तरफ नेताओं को एकजुट रखना उसके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। कुछ दिन पहले कपिल सिब्बल राज्यसभा सीट के लिए पार्टी को नमस्ते कह गए और सपा के समर्थन से राज्यसभा जा रहे हैं। अब 10 उम्मीदवारों की लिस्ट देख कई और नेता नाराज हो गए हैं।

हाइलाइट्स
1-कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए 10 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की
2-पवन खेड़ा, नगमा के बाद आचार्य प्रमोद कृष्ण ने उठाए सवाल
3-किसी ने 18 तो किसी ने 40 साल की तपस्या की बात कही
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नई दिल्ली 30मई: कांग्रेस की लिस्ट देखकर कई नेताओं को अपनी तपस्या याद आ रही है। इसमें पवन खेड़ा, नगमा से लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम भी शामिल हैं। आचार्य प्रमोद ने खुलकर अपना असंतोष जाहिर किया है। नगमा के ’18 साल की तपस्या’ वाले ट्वीट पर उन्होंने लिखा, ‘सलमान ख़ुर्शीद, तारिक अनवर और आज़ाद साहब की तपस्या तो 40 साल की है, वो भी शहीद हो गए।’ वह यहीं तक नहीं रुके। आचार्य ने पवन खेड़ा के ट्वीट पर आगाह करते हुए कहा कि प्रतिभाओं का ‘दमन’ करना पार्टी के लिए ‘आत्मघाती’ क़दम है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग कहने लगे कि आचार्य प्रमोद कृष्ण कांग्रेस की आवाज मजबूती से उठाते रहे हैं, उन्हें राज्यसभा भेजा जाना चाहिए था। एक शख्स ने लिखा, ‘शायद ज्ञानवापी शिवलिंग पर सच बोलने की सजा मिली है आचार्य जी को।’ आचार्य अपने दर्द को छिपा नहीं सके। उन्होंने भारी मन से कांग्रेस नेतृत्व की चॉइस पर तंज कसते हुए कहा, ‘सच बोलने वाले सजा की परवाह नहीं किया करते लेकिन राज्यसभा की रेस में मैं था ही नहीं, क्योंकि उसके लिए कुछ विशेष योग्यताएं होना जरूरी हैं जो मुझमें नहीं हैं।’

 

कुछ दिन पहले ही गरीब नवाज फाउंडेशन के चेयरमैन मौलाना अंसार रजा ने कांग्रेस आलाकमान से मांग की थी कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को राज्यसभा भेजा जाए। उस समय भी आचार्य प्रमोद ने भावुक अंदाज में लिखा था, ‘राज्यसभा जाने के लिए भाजपा या ‘सपा’ का ‘दलाल’ होने के साथ साथ गूंगा होना ज़रूरी है, जो मैं हूं नहीं, दूसरे हिंदू धर्म गुरु होना सबसे बड़ा माइनस प्वाइंट है, अब इतने सारे ‘अवगुणों’ के होते हुए मुझे वहां कौन भेजेगा।’

कांग्रेस ने जब से राज्यसभा चुनाव के लिए अपने 10 उम्मीदवारों की घोषणा की है, पार्टी के भीतर असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। अभिनेत्री और महिला कांग्रेस की महासचिव नगमा ने सोमवार को कहा कि उनसे उच्च सदन में भेजे जाने का वादा 18 साल पहले किया गया था, लेकिन यह आज तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष और शायर इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए पी. चिदंबरम को तमिलनाडु से, जयराम रमेश को कर्नाटक से, अजय माकन को हरियाणा से और रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है।

18 साल की तपस्या पर नहीं मिला राज्यसभा का टिकट

पार्टी ने मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश से, राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से और इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने परोक्ष रूप से अपनी नाखुशी का इजहार किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।’

खेड़ा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए नगमा ने कहा, ‘हमारी भी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई इमरान (प्रतापगढ़ी) भाई के आगे।’ नगमा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी ने 2003-04 में मुझसे उस वक्त राज्यसभा भेजने का वादा किया था जब मैं पार्टी में शामिल हुई थी। उस वक्त हम लोग सत्ता में नहीं थे। इसके बाद 18 साल हो गए और उन्हें मुझे राज्यसभा भेजने का मौका नहीं मिला, इमरान के लिए मौका मिल गया। मैं यह पूछना चाहती हूं कि क्या मैं कम हकदार हूं?’

राजस्थान में कांग्रेस पर ‘बाहरी’ का सवाल

राजस्थान के सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने प्रदेश से कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों के राजस्थान से बाहर का होने को लेकर सवाल खड़ा किया। उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘कांग्रेस पार्टी को यह बताना चाहिए कि राजस्थान के किसी भी कांग्रेस नेता/कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाने के क्या कारण हैं ?’

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