मनोरंजन से उत्तराखंड के बारे में सोच बदलना चाहते हैं देवा धामी

अभिनेता देवा धामी उत्तराखंड के जिले पिथौरागढ़ में स्थित एक छोटे से गाँव मडमानले के रहनेवाले हैंI
अपनी पहली फिल्म ‘छोल्यार’ से प्रसिद्धि मिलने के बाद वो ‘छोलिया मैन ऑफ़ उत्तराखंड’ के नाम से भी जाने जाते हैंI
छोल्यार से पहले वे कई विज्ञापन जैसे कि हैप्पी नूडल्स,लाल किताब,डी एम् डब्लू ,रापिड़ेक्स,ग्रोसरी मास्टर आदि में मुख्य किरदार में दिख चुके हैं I उन्होंने कई नामचीन कलाकारों के साथ अभिनय किया है जैसे कि रश्मि देशाई,टॉम आल्टर,रज़ा मुराद आदि I इसके अलावा उन्होंने जूरी सीरियल में भी एक मुख्य किरदार निभाया हैI
देवा धामी एक प्रवीण छोलिया नर्तक हैंI उनका छोलिया नृत्य से बचपन से ही लगाव रहा है जिसके चलते हमेशा छोल्या नर्तकों के संपर्क में रहे और उसका अभ्यास करते रहे I
देवा धामी ने एम्.सी.आर.पी विश्वविद्यालय,भोपाल से मास कम्युनिकेशन की डिग्री हासिल की है I मास कम्युनिकेशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुवात डी डी न्यूज़ से की I इसके अलावा वह इंडिया न्यूज़ में एच.ओ.डी भी रह चुके हैं और साथ ही साथ मुंबई के कई मीडिया संस्थानों में लेक्चरर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं I
अभिनय के साथ साथ उनकी रूचि फुटबॉल और पेंटिंग में भी रही I उन्होंने राष्ट्रीय स्थर पर अपने उत्तराखंड की लोक संस्कृति को आगे बढाया हैI देवा धामी जी की किशोर अवस्था से ही अपनी लोक संस्कृति में इतनी रूचि थी कि वो अपने स्कूल के हर सांस्कृतिक गतिविधियों का हिस्सा रहते थे I उनकी प्राथमिक शिक्षा अरुणाचल प्रदेश, पठानकोट और उत्तराखंड से हुई है I उनको राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैI
वो चाहते हैं कि छोलिया नृत्य का पूरे विश्व में नाम हो और अपनी एनजीओ के माध्यम से वो निरंतर इस नृत्य विधा पर कार्य कर रहे हैंI

आगामी वर्ष में उनकी आने वाली फिल्म केदार (प्राइड ऑफ़ पहाड़)उत्तराखंड के युवाओं को प्रेरित करेगी और बेरोज़गरी एवम पहाड़ पलायन की समस्या पर सरकार का ध्यान केन्द्रित करेगी। इस फिल्म के मधुर गीतों से उत्तराखंड के कौथिग और हरेला पर्व के संरक्षण पर लोगों का ध्यान आकर्षित करेगीI इस फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड की सुंदर वादियों में हुई है I देवा धामी का जीवन समाज के लिए और विशेषतः युवाओं के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण बनके उभरा है और उन्होने दर्शाया है कि अगर प्रबल इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं हैIउन्होंने यह भी सिखाया है  कि कैसे आप मनोरंजन के माध्यम से भी समाज में एक बड़ा परिवर्तन ला सकते है और लोगों का दृष्टिकोण बदल सकते हैंI

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