पूर्व विस उपाध्यक्ष मैखुरी दिवंगत, किडनी समस्या के साथ कोरोना संक्रमण का हो रहा था इलाज

पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी का देहरादून में निधन
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी का देहरादून में निधनपूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी का देहरादून में हुआ निधन।

देहरादून: पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी का शनिवार को निधन हो गया। वह एक महीने से भी ज्यादा समय से दून स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। मैखुरी को कोरोना के चलते मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी हालत काफी बिगड़ गई थी। आज उन्होंने मैक्स अस्पताल के वैंटिलेटर पर अपनी आखिरी सांस ली। मैखुरी की दोनों किडनी फेल होने के बाद उनका डायलिसिस भी किया जा रहा था। वहीं, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व अन्य कांग्रेजजनों ने अनुसूया प्रसाद मैखुरी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने उत्तराखंड विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष रहे डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया और इसे प्रदेश की अपूर्ण क्षति बताया ।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कर्णप्रयाग से दो बार विधायक रहे डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी मृदुभाषी एवं सरल स्वभाव के धनी थे। संसदीय कार्य के ज्ञाता रहे स्वर्गीय मैखुरी ने जीवन पर्यंत आध्यात्म से ओतप्रोत होकर सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों में अपना प्रतिभाग किया ।
अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड रद्दराज्य आंदोलन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, कांग्रेस पार्टी के सच्चे सिपाही के रूप में उन्होंने जीवन पर्यंत कार्य किया । विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने शोक प्रकट करते हुए कहा है कि स्वर्गीय मैखुरी ने 2012 से 2017 के बीच में उत्तराखंड विधानसभा में उपाध्यक्ष की भूमिका में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
अग्रवाल ने स्वर्गीय मैखुरी के निधन पर शोक प्रकट किया और भगवान से प्रार्थना करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की ।
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर मैखुरी तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भाजपा दिग्गज केदार सिंह फोनिया को पछाड़ कर उत्तराखंड की पहली निर्वाचित विधानसभा के सदस्य बने थे। दूसरी बार निर्वाचित होने पर उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया गया था। वे इतने सरल हृदय थे कि विधानसभा उपाध्यक्ष रहते भी उन्हें क्षेत्रीय समस्याओं के लिए फाइलें बगल में दबाये सचिवालय में भागते-दौडते देखना सामान्य था। वे एक समय पहाड़ में इलैक्ट्रोनिक मीडिया के प्रारंभिक प्रवर्तक भी रहे हैं।

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