कोरोना:लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार को कांधा देने वाले भी नहीं मिले

महामारी से सहमे परिजनों की बेबसी:कोरोना से मौत के बाद घर में पड़ा रहा पत्रकार का शव, कोई न पहुंचा तो लखनऊ पुलिस ने दिखाई मानवीयता, अर्थी को दिया कांधा
एक वरिष्ठ पत्रकार का कोरोना के चलते निधन हो गया।
पुलिस ने परिजनों और परिचितों को दी थी जानकारी, पत्नी से अलग रह रहे थे पत्रकार चंदन प्रताप सिंह

लखनऊ 30 अप्रैल। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कोरोना संक्रमण के मामले में वुहान बनता नजर आ रहा है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि मरने के बाद अब परिजन भी शव लेने से किनारा कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखनऊ में सामने आया है। एक वरिष्ठ पत्रकार का कोरोना के चलते निधन हो गया। उनका शव घर पर पड़ा रहा। कोई परिजन उनकी सुध लेने समय से नहीं पहुंचा तो अंत में यह जिम्मेदारी लख़नऊ पुलिस को निभानी पड़ी।

जानकारी के अनुसार, गोमतीनगर थाने में तैनात चार उपनिरीक्षक ने कंधा दिया। यहां तक कि अपनों ने ही उन्हें लावारिस घर पर छोड़ दिया। ऐसे में गोमती नगर पुलिस ने ना सिर्फ इंसानियत की मिसाल पेश की बल्कि शव के वारिस भी बने और अर्थी को कंधा देकर उन्हें भैसाकुण्ड श्मशान घाट पहुंचाया।

क्या था पूरा मामला

गोमती नगर निवासी चंदन प्रताप सिंह (पुत्र एनपी सिंह) वरिष्ठ पत्रकार थे। वो घर पर परिवार के साथ रहते थे। कुछ दिन पहले उन्हें कोरोना हो गया था। जिसके चलते वो घर पर ही क्वारैंटाइन हो गए थे। गोमती नगर पुलिस का कहना है कि आज उन्हें सूचना मिली कि एक घर से अजीब से महक आ रही है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि ये घर पत्रकार का है। जिन्हें कोरोना हो गया था। पुलिस घर के अंदर दाखिल हुई तो वहां चंदन प्रताप का शव पड़ा था।

लखनऊ में पत्रकार की कोरोना से मौत, नहीं आए घरवाले; वारिस बन पुलिस ने अर्थी को दिया कंधा-किया अंतिम संस्कार

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की लहर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भयावह हो गई है। संक्रमण के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी है। अब तक 1799 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। ऐसे में शहरवासियों के दिलों-दिमाग पर कोरोना का डर कुछ इस कदर छाया हुआ है कि मरने के बाद भी परिजन भी शव लेने से किनारा कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गोमतीनगर के विराम खंड से प्रकाश में आया। गुरुवार को एक वरिष्ठ पत्रकार का कोरोना के चलते निधन हो गया। उनका शव घर पर पड़ा रहा। ऐसे में कोई रिश्तेदार व परिवारजन नहीं झांका।

सूचना पर इंस्पेक्टर ने पुलिस टीम भेजी। पुलिसवालों ने पोस्टमार्टम कराया और फिर मिशन संवेदना के तहद पूर्व पार्षद रंजीत सिंह और डॉ सय्यद रिजवान अहमद शव को बैकुंड धाम श्मशान घाट ले गए। जहां पुलिस वालों ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए लावारिस शव के वारिस बनकर अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार कर अपना फर्ज निभाया।

अपनों से छोड़ा साथ, लावारिस शव का वारिस बनी पुलिस:

दरअसल, गोमतीनगर के विराम खंड के किराए के मकान में रह रहे चंदन प्रताप सिंह पुत्र एनपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार थे। वो घर पर अकेले रहते थे। मकान मालिक के मुताबिक, गुरुवार को चंदन अपने कमरे से बाहर नहीं निकले तो शक हुआ। ऐसे में उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची टीम को चंदन मृत अवस्था में मिले। पूछताछ में वरिष्ठ पत्रकार के कोरोना पॉजिटिव की बात सामने आई। फोन पर घरवालों से संपर्क किया गया तो पता चला कि चंदन पत्नी से अलग रहते हैं। चंदन के भाई कोलकाता में हैं, जिन्होंने लखनऊ आने में असमर्थता जताई।

पुलिस ने शुक्रवार शाम तक घरवालों का इंतजार किया, लेकिन कोई नहीं आया। यहां तक की चंदन के दोस्त, संस्थान के साथी और रिश्तेदार भी नहीं पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, चंदन के कई परिचितों से संपर्क कर उनका अंतिम संस्कार करने के लिए कहा गया, लेकिन सभी ने भी आने से इन्कार कर दिया। काफी देर तक इंतजार के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और कागजी कार्यवाही पूरी की।

पूर्व पार्षद ने शव को पहुंचाया श्मशान घाट, पुलिस कर्मियों ने किया अंतिम संस्कार:

वहीं, मिशन संवेदना में पूर्व पार्षद रंजीत सिंह और डॉक्टर सय्यद रिजवान अहमद शव को पोस्टमार्टम हाउस से बैकुंड धाम श्मशान घाट ले गए। जहां एसीपी के निर्देशन पर दारोगा दयाराम साहनी, अरुण कुमार यादव, राजेन्द्र बाबू और प्रशांत सिंह ने अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट के अंदर ले गए और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अंतिम संस्कार कराकर इंसानिय की मिसाल पेश की। पुलिसकर्मियों की संवेदनशीलता की हर तरफ सराहना हो रही है।
पुलिस के इस मानवीय पहल से जहां विभाग की साख बढ़ी है। वहीं लोग पुलिस की तारीफ भी कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार मृतक पत्रकार की पत्नी उनसे अलग रह रही थी।

SP सिंह के भतीजे पत्रकार चंदन प्रताप सिंह का कोरोना से निधन, शव लेने नहीं आए परिजन तो पुलिसकर्मियों ने किया अंतिम संस्कार

कोरोना वायरस से संक्रमित पत्रकार चंदन प्रताप सिंह का निधन होने के बाद कोई रिश्तेदार उनका शव लेने नहीं आया। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने बैकुंठधाम में उनका अंतिम संस्कार किया।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीमारी के चलते पत्रकार चंदन प्रताप सिंह का निधन हो गया। चंदन मशहूर दिवंगत टीवी पत्रकार सुरेंद्र प्रताप सिंह (एसपी सिंह) के भतीजे थे। बताया जा रहा है कि वह कोरोना से संक्रमित थे। उन्हें लखनऊ के गोमतीनगर में अपने कमरे में मृत पाया गया, जहां वह अकेले रहते थे। चंदन का शव लेने के लिए उनका कोई रिश्तेदार नहीं आया, जिसके बाद गोमतीनगर थाने के पुलिसकर्मियों ने उन्हें कंधा दिया और उनका अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के मुताबिक, चंदन काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें कोरोना से संक्रमित भी बताया जा रहा है। वह गोमतीनगर में किराये के कमरे में अकेले रहते थे। गुरुवार को उन्हें अपने कमरे में ही मृत पाया गया था। मकान मालिक की सूचना के बाद पुलिस ने उनके शव को अपने कब्जे में ले लिया। चंदन के परिजन के बारे में कोई जानकारी न मिलने के बाद सोशल मीडिया के जरिए पुलिस ने एक अपील जारी की। इसमें उनके परिजन से संपर्क कराने को कहा गया था।

पुलिसकर्मियों ने दिया कंधा

बताया गया कि चंदन प्रताप सिंह के फोन से उनके परिजन से संपर्क करने की कोशिश की गई। उनके किसी रिश्तेदार से बात भी हुई लेकिन उन्होंने लखनऊ पहुंचने में असमर्थता जताई। इसके बाद पुलिस ने अपना फर्ज निभाते हुए खुद पत्रकार का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। गोमतीनगर थाने में तैनात एसआई दयाराम साहनी, अरुण यादव, राजेंद्र बाबू और प्रशांत सिंह ने चंदन को कंधा दिया।

एसपी सिंह के भतीजे थे चंदन


चंदन प्रताप सिंह ने न्यूज एक्सप्रेस, टोटल टीवी और न्यूज 17 जैसे संस्थानों में काम किया है। फिलहाल, वह लखनऊ के गोमतीनगर में एक वेब पोर्टल में काम करते थे। वह मशहूर टीवी पत्रकार सुरेंद्र प्रताप सिंह के भतीजे थे। बताते हैं कि चंदन अपने माता-पिता की मौत पर भी अपने घर नहीं गए थे। इसके अलावा कई अन्य मनभेदों के चलते उनके परिवार ने उनके साथ अपने सारे संबंध तोड़ लिए

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