मध्यप्रदेश कांग्रेस को ईवीएम ने हराया,भाजपा या जनता ने नहीं

‘…पता था कि वोटिंग मशीनों में सेटिंग होकर आई है’, चुनाव हारने पर बोलीं कांग्रेस उम्मीदवार; दिग्विजय भी उठा रहे सवाल
MP Assembly Election Result: कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि ईवीएम में गड़बड़ी की वजह से हार मिली है. विदिशा जिले की कुरवाई सीट से प्रत्याशी रानी अहिरवार ने कहा कि बीजेपी के लोगों को पहले से पता कि वो 25 से 30 हजार वोटों से जीतेंगे.
कुरवाई सीट से चुनाव हार गईं कांग्रेस प्रत्याशी रानी अहिरवार. कुरवाई सीट से चुनाव हार गईं कांग्रेस प्रत्याशी रानी अहिरवार.
विवेक सिंह ठाकुर
विदिशा ,06 दिसंबर 2023,मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से करारी शिकस्त मिलने पर कांग्रेस ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन पर ठीकरा फोड़ा है. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि ईवीएम में गड़बड़ी की वजह से हार मिली है. विदिशा जिले की कुरवाई सीट से प्रत्याशी रानी अहिरवार ने कहा कि बीजेपी के लोगों को पहले से पता कि वो 25 से 30 हजार वोटों से जीतेंगे.

कांग्रेस की उम्मीदवार रानी अहिरवार ने हारने के बाद आरोप लगाया कि चुनाव लड़ने में कोई कमी नहीं थी. परिणाम देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि ईवीएम में सेटिंग थी. भारतीय जनता पार्टी के लोगों को पहले से पता था कि 25 से 30 वोटों से जीतेंगे और हुआ भी वही. क्योंकि मतदान के बाद जब वोटिंग मशीने जमा होने आईं तो स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर भारतीय जनता पार्टी का एक भी व्यक्ति नहीं था. क्योंकि उन्हें पता था कि हम जीतेंगे. उन्हें पता था कि मशीनों में सेटिंग होकर आई है.

जिला पंचायत सदस्य और कुरवाई विधानसभा सीट से रानी अहिरवार को 75 हजार 775 वोट मिले थे, जबकि उनके मुकाबले बीजेपी के हरिसिंह सप्रे का 1 लाख 1999 मत हासिल हुए थे. यानी कि रानी अहिवार 26 हजार 224 मतों से पराजित हो गईं.

दिग्विजय सिंह ने भी EVM पर उठाए सवाल

यही नहीं, कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह ने भी ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई है. दिग्विजय सिंह ने लिखा, चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है. मैंने 2003 से ही ईवीएम द्वारा मतदान का विरोध किया है. क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों द्वारा नियंत्रित करने की अनुमति दे सकते हैं! यह मौलिक प्रश्न है जिसका समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा. माननीय ईसीआई और माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, अब कुल 230 सीटों के आंकड़े आपके पास हैं. पोस्टल बैलेट के ज़रिए कांग्रेस और बीजेपी को पड़े वोटों की संख्या विश्लेषण के लिए प्रस्तुत है. सोचने की बात यह है कि जब जनता वही है तो वोटिंग पैटर्न इतना कैसे बदल गया?

Postal ballots के ज़रिए कांग्रेस को वोट देनेवाले और हम पर भरोसा जतानेवाले सभी मतदाताओं का धन्यवाद! तस्वीरों के आंकड़ों में एक प्रमाण है जो यह बताता है कि पोस्टल बैलेट के ज़रिए हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है. जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर ईवीएम काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका. यह भी कहा जा सकता है कि जब तंत्र जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाती है. हमें गर्व है कि हमारे ज़मीनी कार्यकर्ताओं ने जी जान से कांग्रेस के लिए काम किया और लोकतंत्र के प्रति अपने विश्वास को पुख़्ता किया.

इसके बाद ईवीएम के भरोसे पर जब सवाल पूछा गया तो दिग्विजय सिंह ने कहा, मुझे तो ईवीएम पर भरोसा नहीं है. इसके बाद रिपोर्टर ने पूछा कि क्या कांग्रेस को भी ईवीएम पर भरोसा नहीं है तो उन्होंने कहा कि यह बात तो कांग्रेस से पूछिए.

BJP का पलटवार

दिग्विजय सिंह के दावे पर मध्य प्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा, “कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग के कम्युनिस्ट सिस्टम के जाल में फंस गई है. सच तो ये है कि कांग्रेस की हार पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा, उसकी नीतियों और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के कारण हुई है. लेकिन वे इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं. इसलिए उनके लिए ईवीएम को दोष देना आसान है. वे कभी भी अपनी नाकामियों पर आत्मावलोकन नहीं करना चाहते हैं.”

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के खाते में 66 सीटें गईं और भारत आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती है.

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