पायलट गुट के पूर्व मंत्री विश्वेंद्र के पुत्र अनिरूद्ध कृषि कानूनों के समर्थन को अडे

सचिन पायलट के साथ अनिरूद्ध सिंह

कांग्रेस राजनीति?:पायलट गुट के कांग्रेस नेता विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध केंद्र के कृषि कानूनों के खुलकर समर्थन में आए
अनिरुद्ध सिंह ने कृषि कानूनों का विरोध करने वालों पर उठाए सवाल
कहा- जब मोदी सरकार किसान बिल में संशोधन के लिए कह चुकी ताे यह राजनीतिक नाैटंकी क्यों?

जयपुर/भरतपुर 17 जनवरी। पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के लिए चर्चाओं में रहने वाले पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बाद उनके पुत्र अनिरुद‌्ध सिंह भी अब उसी राह पर हैं। अनिरुद्ध सिंह ने केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने वालों पर निशाना साधने के साथ कृषि कानूनों का खुलकर समर्थन किया है। अनिरुद्ध ने पहले सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कृषि कानूनों का विरोध करने वालों पर निशाना साधा। इसके बाद उन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसान आंदोलन समर्थकों ने पलटवार किया। विवाद बढता देख अनिरुद्ध सिंह ने सफाई भी दी लेकिन उस सफाई के बहाने नाम लिए बिना कांग्रेस को निशाने पर ले लिया। भास्कर से बातचीत में भी उन्होंने वहीं स्टैंड दोहराया और कृषि कानूनों के विरोधियों पर निशाना साधा है।

पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और उनके पुत्र अनिरुद्ध सिंह।

जब मोदी सरकार किसान बिल में संशोधन का कह चुकी तो यह नौटंकी क्यों?

अनिरुद्ध सिंह ने पहले सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मेरा परिवार हमेशा किसानों के साथ रहा है। मेरा परिवार तन-मन और धन से किसानों के साथ है। जब मोदी सरकार किसान बिल में संशोधन करने के लिए कह चुकी तो फिर यह अल्का लांबा नौटंकी क्यों?

अनिरुद्ध ने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधा

कृषि कानूनों के विरोधियों पर सवाल उठाने पर कई यूजर्स ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई तो अनिरुद्ध सिंह ने दूसरी पोस्ट और करके सफाई दी। लेकिन इसमें कांग्रेस का नाम लिए बिना उसे निशाने पर ले लिया। अनिरुद्ध ने लिखा, मैं साफ कर दूं कि मैं किसानों के साथ हूं, भारत किसानों के बगैर कुछ भी नहीं और हम भी किसानों के बगैर कुछ भी नहीं हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक दल जो इसका फायदा उठा रहे हैं उसके खिलाफ हूं।
अनिरुद्ध सिंह लगातार कांग्रेस पर निशाने साध रहे हैं।

केंद्रीय कृषि कानूनों का अंध-विरोध गलत, इससे किसानों का ही नुकसान होने वाला है: अनिरुद्ध

अनिरुद्ध ने इस पूरे मामले में हमसे फाेन पर बातचीत में कहा,-” केंद्रीय कृषि कानूनों पर किसान जिन बिंदुओं को लेकर विरोध कर रहे हैं, उन पर केंद्र सरकार ने संशोधन का आश्वासन दिया है। कुछ समय तो केंद्र को देना ही पड़ेगा। लेकिन किसानों के मुद्दे पर कुछ लोग राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं जो पूरी तरह गलत है। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि हम सुधारों को कब तक टालेंगे,अगर हम कृषि क्षेत्र में सुधार नहीं करेंगे, नए कानून बनाकर अड़चनें दूर नहीं करेंगे तो हम प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अर्थव्यवस्था को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। सबसे बड़ा नुकसान तो आखिर किसान को ही होना है, इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकना गलत है।”

जब कांग्रेस के विरोध और पार्टी लाइन से अलग जाकर बयान देने पर पूछा तो अनिरुद्ध सिंह ने कहा, यह अलग बात है कि कांग्रेस के कृषि कानूनों के खिलाफ धरने में मेरे पिताजी भी शामिल हुए हैं। लेकिन सच्चाई से हम आंखें नहीं मोड़ सकते। सच्चाई यह है कि कृषि कानूनों के अंध विरोध का नुकसान किसानों को ही होना है। मान लीजिए केंद्र ने कानून वापस ले भी लिए और कुछ समय बाद नए कानून बना दिए तो क्या फिर वापस आंदोलन पर बैठेंगे क्या?

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