गोपेश्वर टनल ड्रिलिंग का नतीजा 10-12 घंटे में, मंडलायुक्त ने की समीक्षा

चमोली/देहरादून 13 फरवरी, ।गढ़वाल मंडल आयुक्त श्री रविनाथ रमन ने आज सायं आईआरएस कैंप कार्यालय में तपोवन आपदा के राहत, बचाव एवं खोजबीन कार्य में तैनात विभाग/संस्थान के संबंधित अधिकारियों के साथ टनल एवं खोज बचाव कार्य प्रगति की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने क्रमवार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी जिला प्रशासन, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी,  एनटीपीसी, पुलिस प्रशासन आदि की अद्यतन कार्यों की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने रेस्क्यू कार्य में आ रहे समस्या के बारे में भी जानकारी ली। तपोवन बांध बैराज के संवेदनशील स्थल पर रेस्क्यू दल को जोखिम नहीं लेने को कहा, उक्त स्थल पर जीवंत होने की संभावना नहीं है, स्थिति सामान्य होने पर सर्च करना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही आईटीबीपी के संबंधित अधिकारी को ऋषिगंगा में जवानों की तैनाती बनाए रखने के निर्देश दिए।
एनटीपीसी के जीएम ने अवगत कराया कि सुरंग में करीब 136 मीटर तक मलबा निस्तारित किया गया है। साथ ही बताया कि ड्रिलिंग के कार्य प्रारंभ किया गया है, करीब 10 से 12 घंटे में टनल के भीतर की वस्तुस्थिति संभवतः ज्ञात हो सकेगी।
इस अवसर पर डीआईजी पुलिस नीरू गर्ग, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, डीआईजी एसडीआरएफ मोहसिन शाहेदी, डीसी एसडीआरएफ अजय भट्ट, डीसी एनडीआरएफ आदित्य प्रसाद, लेफ्टिनेंट कर्नल आर्मी विजय सिंह, जीएम आर पी अहेवाल, सहायक सेनानी एस. सिंह, सीडीओ हंशा दत्त पांडे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे

लापता 204 में से 38 के शव मिले,13 की पहचान

श्री नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/प्रवक्ता उत्तराखण्ड पुलिस ने बताया कि चमोली में आयी प्राकृतिक आपदा में स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, एफएसएल रेस्क्यू, खोज, बचाव राहत एवं डीएनए सैम्पलिंग के कार्यों में लगी हुई है।

प्राकृतिक आपदा में लापता कुल 204 लोगों में से 38 (चमोली- 30, रूद्रप्रयाग- 06, पौड़ी गढ़वाल- 01, टिहरी गढ़वाल- 01) के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं, जिनमें से 13 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 25 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पायी है। लापता समस्त लोगों के सम्बन्ध में अब तक कोतवाली जोशीमठ में 14 एफआईआर पंजीकृत की जा चुकी है। इसके साथ ही जनपद चमोली के विभिन्न स्थानों से ही 19 मानव अंग भी बरामद किये गये हैं। बरामद सभी शवों एवं मानव अंगों का डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के सभी मानदंडों का पालन कर सीएचसी जोशीमठ, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर एवं सीएचसी कर्णप्रयाग में शिनाख्त हेतु रखा गया था। शवों को नियमानुसार डिस्पोजल हेतु गठित कमेटी द्वारा अभी तक 24 शवों एवं 11 मानव अंगों का पूरे धार्मिक रीति रिवाजों एवं सम्मान के साथ दाह संस्कार करा दिया गया है।

श्री नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/प्रवक्ता उत्तराखण्ड पुलिस की देखरेख में उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय में एक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर 0135-2712685 एवं मोबाइल नम्बर 9411112985 है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान हेतु अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार पत्राचार किया गया है। शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है। जनपद चमोली में स्थापित कन्ट्रोल रूम का नम्बर 01372-251487 एवं मोबाइल नम्बर 9084127503 है।

हौसले की परीक्षा ले रहा आपरेशन टनल, ड्रिलिंग पूरी होने पर टिकी आस

तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों तक पहुंचने में सातवें दिन भी रेस्क्यू टीम को कामयाबी नहीं मिली। मलबे के बैक फ्लो की वजह से उसे हटाने में टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों तक पहुंचने में सातवें दिन भी रेस्क्यू टीम को कामयाबी नहीं मिली। मलबे के बैक फ्लो की वजह से उसे हटाने में टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। बीते रोज टनल के नीचे एसएफटी (सिल्ट फ्लशिंग टनल) तक पहुंचने को ड्रिलिंग करते हुए 300 एमएम मोटी इस्पात की प्लेट की वजह से मशीन की बिट टूट गई थी। शनिवार शाम इस प्लेट को काटने में सक्षम बड़ी मशीन की असेंबलिंग का काम पूरा हो गया। देर शाम ड्रिलिंग का काम दोबारा शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा है कि देर रात्रि ड्रिलिंग पूरी होने के बाद एसएफटी में पहले कैमरा भेजकर वहां मलबा और पानी होने की जानकारी ली जाएगी।

ड्रिलिंग शुरू होने के करीब 12 घंटे में एसएफटी में वस्तुस्थिति की जानकारी मिल सकती है। मलबा होने की स्थिति में फंसे व्यक्तियों के जिंदा बचे होने के आसार कम हो सकते हैं। उधर, एनटीपीसी के बैराज से भी मलबा हटाया जाएगा। इसके लिए बैराज में 200 मीटर एप्रोच रोड बनाने का कार्य प्रारंभ हुआ, लेकिन मलबे की वजह से यह कार्य भी बाधित हो रहा है। इस बीच, आज दो और मृतकों की शिनाख्त हुई। इसमें एक शव और एक मानव अंग शामिल है। अब तक कुल 38 शव मिले हैं। इनमें 13 की शिनाख्त हो पाई है। अब भी 166 व्यक्ति लापता हैं। अब तक 41 स्वजनों के डीएनए सैंपल सुरक्षित रख लिए गए हैं।

सरकारी अमले की बढ़ रही दुविधा

तपोवन में टनल में सात दिन से चल रहे रेस्क्यू आपरेशन के बावजूद यह तय नहीं हो पाया है कि वहां फंसे 34 व्यक्तियों तक कब तक पहुंचा जा सकेगा। इसके लिए इंतजार लंबा होता जा रहा है। इससे जहां लापता व्यक्तियों के स्वजनों का धैर्य टूट रहा है, वहीं रेस्क्यू की रणनीति बनाने वाले सरकारी अमले की दुविधा भी बढ़ रही है। ऐसे में उन्हें जनाक्रोश भी झेलना पड़ रहा है।

300 एमएम इस्पात प्लेट की ड्रिलिंग

बीते रविवार को रैणी गांव के समीप ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा और धौली गंगा में आए उफान से तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल मलबे से भर गई थी। टनल से मलबा हटाने का काम बीते रविवार को ही प्रारंभ कर दिया गया था, लेकिन मलबे के बैक फ्लो के कारण इसमें कामयाबी नहीं मिल पा रही है। सात दिन के बावजूद टनल में महज 136 मीटर तक ही मलबे को हटाया जा सका है। इस काम में देरी होने पर एसएफटी तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग के विकल्प पर काम किया गया, लेकिन इस काम में अब तक दो दफा मशीन खराब हो चुकी हैं। शनिवार को मंगाई गई बड़ी मशीन की असेंबलिंग पूरी होने के बाद अब 300 मिलीमीटर मोटी इस्पात की प्लेट में ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है।

तपोवन बैराज में नहीं लिया जाएगा जोखिम

गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन ने शनिवार शाम आइआरएस कैंप कार्यालय में तपोवन आपदा के राहत, बचाव व खोजबीन कार्य में लगे विभागों के अधिकारियों के बैठक की। उन्होंने टनल में खोज व बचाव कार्य की प्रगति की समीक्षा की। रेस्क्यू में आ रही परेशानी की जानकारी भी उन्होंने ली। साथ में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सर्च व रेस्क्यू आपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए। आइटीबीपी के संबंधित अधिकारी को ऋषिगंगा में जवानों की तैनाती बनाए रखने के निर्देश दिए गए। उन्होंने तपोवन बैराज के संवेदनशील स्थल पर रेस्क्यू दल को जोखिम नहीं लेने को कहा। उन्होंने कहा कि उक्त स्थल पर किसी के जीवित होने की संभावना नहीं है। स्थिति सामान्य होने पर खोजबीन का काम किया जाएगा।

मलबा मिला तो एसएफटी तक पहुंचने में लगेंगे तीन हफ्ते

बैठक में एनटीपीसी के महाप्रबंधक आरपी अहिरवार ने बताया कि टनल में 136 मीटर तक मलबा निकाला जा चुका है। साथ ही ड्रिलिंग का काम प्रारंभ किया गया है। करीब 10 से 12 घंटे में टनल के भीतर वस्तुस्थिति का पता चल सकेगा। बैठक में बताया गया कि एसएफटी में मलबा होने की स्थिति में वहां पहुंचने में करीब 20 से 25 दिन भी लग सकते हैं। इस अवसर पर डीआइजी नीरू गर्ग, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, डीआइजी एसडीआरएफ मोहसिन शाहेदी, डीसी एसडीआरएफ अजय भट्ट, डीसी एनडीआरएफ आदित्य प्रसाद, सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल विजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे मौजूद थे।

दो मृतकों की हुई पहचान

शनिवार को दो और मृतकों की शिनाख्त हुई। इनमें एक शव की पहचान बिमलेश पुत्र बंदाप्रसाद निवासी बाबूपुर, लखीमपुर खीरी, उत्तरप्रदेश के रूप में हुई। मानव अंग की पहचान विक्की कुमार पुत्र यशपाल सिंह निवासी ग्राम मनोहरपुर, देवबंद सहारनपुर उत्तरप्रदेश के रूप में की गई है। लापता व्यक्तियों के संबंध में अब तक कोतवाली जोशीमठ में 14 एफआइआर पंजीकृत की जा चुकी हैं। चमोली जिले के विभिन्न स्थानों से 19 मानव अंग और बरामद सभी शवों का डीएनए सैंपल संरक्षित किया गया है। अभी तक 24 शव और 11 मानव अंगों का अंतिम संस्कार किया गया है

 

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