अतिवृष्टि से उत्तरकाशी और रूद्रप्रयाग में भारी तबाही,जनहानि से हुआ बचाव

कुमराडा गांव में अतिवृष्टि
उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ तहसील में बाढ़ जैसे हालात, मौके के लिए रवाना हुई SDRF

अतिवृष्टि की वजह से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं. गांव के अधिकाश घरों में मलबा घुस गया है. राहत और बचाव के लिए प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हो गई हैं। रुद्रप्रयाग में बादल फटने से मची तबाही, उत्तरकाशी में भारी बारिश से हुआ नुकसान
उत्तरकाशी 03 मई।उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के कुमराड़ा गांव में मौसम ने तबाई मचाई है। गांव में हुई मूसलाधार बारिश के चलते जाकरा गदेरा अचानक ऊफान पर आ गया। । जिससे ग्रामीणों के खेतों, खलियानों एवं घरो में पानी व मलबा भर गया। हालांकि अतिवृष्टि से अभी तक किसी प्रकार कीजनहानी होने की सूचना नही है। वहीं क्षति का आंकलन करने के लिए राजस्व, पुलिस एवं एसडीआरएफ की टीम मौके लिए रवाना हो गई है। उत्तरकाशी जिले में सोमवार को मौसम ने अचानक करवट बदली और दोपहर बाद गिडगिडाहाट के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। मूसलाधार बारिश के चलते गमरी पट्टी के कुमराड़ा गांव में जाकरा गदेरा व नाले उफान पर आ गए।

इससे बालम सिंह, इलम सिंह, प्रेम लाल, नक्शा सिंह, विजयपाल, सहित विजेन्द्र आदि ग्रामीणों के घरों, खेतों व खलियान पानी से भर गए। जिससे पूरे गांव में अफरा तफरी मच गई और लोग सुरक्षित स्थानों को जाने लगे। करीब एक घंटे तक आये पानी व मलबे से घरों में रखा सारा सामान पूरी तरह खराब हो गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने बताया कि चिन्यालीसौड़ के ग्राम कुमराडा में अधिक वर्षा होने के कारण गांव के नाले का पानी बढ़ गया है, जिस कारण ग्रामीणों के खेतों, खलियानों एवं घरो में पानी चले गया है। उक्त ग्राम में कोई जान माल का नुकसान की सूचना नहीं है । उक्त स्थान पर पुलिस राजस्व टीम व मौजूद है।

वहीं दूसरी ओर, रुद्रप्रयाग जिले में सोमवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश के बीच बच्छणस्यूं पट्टी के ग्राम पंचायत खांकरा में ऊपरी जंगल के ऊपर बादल फट गया, जिससे चित्रमति नदी का ऊफान बढ़ गया। ऐसे में पत्थर व मलबे का सैलाब खांकरा के कई घरों व दुकानों में घुस गया। कई मकानों के आगे पुश्ते भी ध्वस्त हो गए हैं। साथ ही एक ढाबा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। फतेहपुर गांव में भी कई घरों व गौशाला में मलबा घुसा है। वहीं, नरकोटा गांव में भी घरों व खेतों में मलबा घुसने से काफी नुकसान की सूचना है। यहां मलबे के कारण बदरीनाथ हाईवे पर अवरूद्ध हो गया है, जिसे एनएच द्वारा मशीनों की मदद से खोल दिया गया है। उधर, जखोली ब्लॉक के कोटली में भी बादल फटने से खेतीबाड़ी को नुकसान की सूचना है। गांव के पैदल रास्ते भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र ममगाईं, प्रदीप मलासी, चंद्रमोहन, मोहित डिमरी आदि ने प्रशासन से क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों को त्वरित मदद देने की मांग की है।
बता दें कि मौसम विभाग ने छह मई तक राज्य में बारिश और ओलवृष्टि का येलो अलर्ट जारी रखा है। पूर्वानुमान में मैदानी क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का भी अंदेशा जताया गया है। बता दें कि मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की से हल्की बारिश और ऊंचे इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। मैदानों में मौसम शुष्क रहेगा। चार मई को भी मौसम यथावत रहेगा। पांच मई को देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर जिले में कहीं कहीं ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली चमकने की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में झोंकेदार तेज चल सकती है।

छह मई को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर जिलों में कहीं कहीं बारिश की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, छह मई के बाद भी मौसम में बदलाव नहीं दिख रहा है और आठ मई तक बारिश का सिलसिला व आसमान में काले बादलों को डेरा रहेगा। रविवार को राज्य में कपकोट, गंगोलीहाट, जखोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, उखीमठ में बारिश और ओलावृष्टि हुई।

उत्तरकाशी की चिन्यालीसौड़ तहसील के कुमराडा गांव पर सोमवार शाम को बारिश कहर बनकर टूटी. अतिवृष्टि के कारण गांव के नदी-नाले अचानक उफान पर आ गए थे. नदी नालों को पानी गांव में घुस गया था. पानी के तेज बहाव के साथ आए मलबे में तीन मवेशी जमीदोज हो गए.वहीं 20 मकानों में मलबा घुस गया है. एक मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया.
उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ तहसील में बाढ़ जैसे हालात.घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और राहत व बचाव का कार्य शुरू किया है. वहीं जो मकान क्षतिग्रस्त हुआ है, उस घर में रहने वाले परिवार को भी राजस्व पुलिस ने सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया है. कुदरत के कहर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन किमी दूर बह रहे नाले का सारा पानी गांव में घुस आया. घरों की छतों पर भी नदी-नालों का पानी आ गया था.
ग्राम प्रधान कुमराडा विनोद पुरसोड़ा ने बताया कि गांव के कई आंगन मलबे में बह गए हैं. गांव में अंधेरा होने के कारण नुकसान का पूरा आकलन अभी नहीं मिल पाया है, भवनों और मवेशियों के साथ फसल को भी बहुत नुकसान हुआ है.राजस्व उपनिरीक्षक कुसुम पंवार ने बताया प्रारम्भिक मौका मुआयना के अनुसार 2 भैंस और 1 बकरी मलबे में दब गई हैं. वहीं चार 4 भैंसें घायल हुईं हैं. घटना में कोई जनहानि नहीं है. करीब 20 घरों में मलबा घुसा है. साथ ही एक भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त हुआ है.
नायाब तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि राजस्व विभाग की टीम मौके पर नुकसान का आकलन कर रही है. प्रभावित ग्रामीणों को मदद दी जा रही है।. पूरे नुकसान आकलन की रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन और शासन को भेजी जा रही है. आपदा प्रबधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल का कहना है कि एसडीआरएफ भी मौके पर पहुंच रही है. फिलहाल स्थिति कंट्रोल है.

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