चकराता से विकासनगर आती बोलेरो खाई में,13 मौतें

चकराता हादसा: नौ सीटर वाहन में सवार थे 15 लोग, खाई में गिरते ही बोलेरो के उड़े परखच्चे, 13 की चली गई जान

विकासनगर 31 अक्तूबर। देहरादून में विकासनगर के बायला-पिंगुवा मोटर मार्ग पर चकराता तहसील अंतर्गत राजस्व क्षेत्र बायला के पास बोलेरो अनियंत्रित होकर करीब 400 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना में वाहन में सवार 13 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जिसमें से 11 एक ही गांव बायला के रहने वाले थे। मृतकों में आठ पुरुष और पांच महिलाएं शामिल हैं। जबकि दो गंभीर घायल अस्पताल में भर्ती हैं।

बताया जा रहा है कि नौ सीटर वाहन में 15 लोग सवार थे। खाई में गिरते ही वाहन के परखच्चे उड़ गए। दुर्घटना रविवार सुबह करीब 8:10 बजे बायला गांव से करीब 100 मीटर आगे हुआ। दुर्घटना की सूचना मिलते ही चकराता थाना पुलिस, एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया।

कड़ी मशक्कत के बाद सभी शवों और घायलों को खाई से बाहर निकाला जा सका। दोनों गंभीर घायल सीएचसी चकराता में भर्ती हैं। बोलेरो बायला गांव से विकासनगर आ रही थी। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है।

ड्राइवर नहीं था तो मालिक खुद ही चलाने लगा गाड़ी, 100 मीटर आगे बढ़ते ही यात्रियों समेत खाई में जा गिरी बोलेरो

देहरादून के चकराता में हुए दर्दनाक हादसे के कारणों में शुरुआती वजह वाहन (बोलेरो) का रेग्यूलर चालक न होना सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि रोज वाहन चलाने वाला ड्राइवर नहीं था तो मालिक ने ही स्टेयरिंग थाम ली थी। इसके बाद जैसे ही गाड़ी 100 मीटर आगे बढ़ी तो आगे दुर्घटना हो गई।

एसपी देहात स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि हादसे के कारणों के बारे में अभी ज्यादा पता नहीं चला है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि इस गाड़ी को रोज ड्राइवर चलाता था। लेकिन, शनिवार को उसे कुछ काम था तो वह अपने गांव में उतर गया था। यह गाड़ी नरेंद्र की थी। नरेंद्र ने उससे कहा था कि वह सुबह उसे गांव से ले लेगा। यहां तक वह खुद गाड़ी चलाकर आ जाएगा। रविवार को ड्राइवर नहीं आया था। इसके चलते गाड़ी नरेंद्र ही लेकर चल दिया।

गाड़ी में क्षमता से अधिक सवारियां बैठी हुई थीं। खचाखच गाड़ी भरे होने के कारण गाड़ी चला रहे व्यक्ति ने इस पर से नियंत्रण खो दिया और 100 मीटर दूर वाहन खाई में जा गिरा। एसपी देहात ने बताया कि यह जानकारी केवल स्थानीय लोगों ने ही दी है।
घटना की और क्या वजह हैं इनके बारे में अभी जांच चल रही है। मृतकों के अंतिम संस्कार होने के बाद विस्तृत जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि नरेंद्र को गाड़ी चलाने का अनुभव नहीं था। इसके चलते यह हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। पता चला है कि बोलेरो में स्थानीय लोग छानी में पशुओं के चारे की व्यवस्था करने जा रहे थे। दो लोग पास में ही घराट जाने के लिए सवार हुए थे। इन्होंने गेहूं के बोरे भी गाड़ी में लादे हुए थे।

हादसे के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि हादसा बेहद गंभीर है। क्षेत्र में पहले भी इस तरह के हादसे हुए हैं। पुलिस समय-समय पर ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करती है। अब परिवहन विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जल्द ही विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। शासन को भी इस संबंध में अवगत कराया जाएगा। ताकि, एक वृहद टीम बनाकर अभियान चलाया जा सके
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़क हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी देहरादून को जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने परिवहन विभाग को सख्त निर्देश दिए कि वाहनों में ओवर लोडिंग न हो। यदि इस तरह की कोई बात आती है तो संबधित पर कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, गढ़वाल कमिश्नर व जिलाधिकारी देहरादून आर. राजेश कुमार घटना स्थल के लिए रवाना हो गए थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की बात कही है। वहीं, घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।


वहीं, दुर्घटना के मामले में परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवालों के घेरे में है। एक माह पूर्व चकराता, विकासनगर, त्यूनी क्षेत्र के लोगों ने अधिकारियों को पत्र सौंपकर अनफिट और वाहनों में ओवरलोडिंग के बाबत शिकायत की थी। आरटीओ (प्रवर्तन) के निर्देश पर अभियान भी चलाया गया, लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में संचालन बंद नहीं हुआ।

आरटीओ प्रवर्तन के निर्देश पर तीन टीमों ने 21 से लेकर 23 अक्तूबर तक क्षेत्र में अभियान चलाया गया। इस दौरान 130 वाहनों का चालान भी किया गया। इसमें 48 यात्री वाहन शामिल थे। 10 ऐसे वाहनों का चालान किया गया जिसमें यात्रियों को ठूंस-ठूंसकर बिठाया गया था। अभियान के बाद ओवरलोडिंग और ओवरस्पीडिंग फिर से चालू हो गई। नतीजतन रविवार को दुखद हादसा हो गया।
आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2020 में देहरादून में 1225 गाड़ियों का चालान किया गया और 81 वाहन सीज किए गए। वर्ष 2021 में अब तक 1570 वाहनों का चालान व 130 वाहनों को सीज कर दिया गया। वर्ष 2021 में 223 वाहनों को ओवरलोडिंग के चलते सीज किया गया है। ऋषिकेश क्षेत्र में पिछले साल 285 वाहनों का चालान करने के साथ ही 28 वाहनों को सीज किया गया।
इस साल अब तक 680 वाहनों का चालान और 40 वाहनों को सीज करने के साथ ही ओवरलोडिंग में 304 वाहनों का चालान किया गया। विकासनगर क्षेत्र में पिछले साल 262 वाहनों का चालान किया गया था। इस साल अब तक 424 वाहनों का चालान किया गया है। पिछले साल 22 वाहनों को सीज किया गया और इस साल 58 वाहन सीज किए गए।
ओवरलोडिंग में पिछले साल 53 और इस साल कुल 73 वाहनों का चालान किया गया। आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप सैनी के अनुसार देहरादून, ऋषिकेश, विकासनगर क्षेत्र में पिछले साल 1772 और इस साल अब तक 2674 वाहनों का चालान किया। पिछले साल 131 और 2021 में अब तक 246 वाहनों को सीज किया जा चुका है।

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