बाल यौन शोषण पर सीबीआई के देशव्यापी 56 जगहों पर छापे

बाल उत्पीड़न से जुड़ी सामग्री के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई, देशभर में 56 जगहों पर छापेमारी
नयी दिल्ली, 24 सितंबर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ में बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री (सीएसएएम) के ऑनलाइन प्रसार से जुड़े दो मामलों में शनिवार को 19 राज्यों और एक केंद्र-शासित प्रदेश में 56 ठिकानों की तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छापेमारी इंटरपोल सिंगापुर से मिली सूचना और पिछले साल के ‘ऑपरेशन कार्बन’ के दौरान प्राप्त खुफिया जानकारी पर आधारित है। छापेमारी अभियान क्लाउड स्टोरेज सेवाओं पर लक्षित है, जिसका इस्तेमाल अपराधी बच्चों के साथ अवैध यौन गतिविधियों के ऑडियो-विजुअल प्रसारित करने के लिए करते हैं। इसी के चलते इस अभियान को ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ नाम दिया गया।

सीबीआई ने देशभर में सीएसएएम प्रसारित करने वाले अपराधियों पर छापे मारे
इंटरपोल की जानकारी से सीबीआइ ने देश के 21 राज्यों में मारे छापेबाल यौन शोषण के खिलाफ आपरेशन ‘मेघ चक्र’

इंटरपोल से मिली जानकारी के बाद सीबीआइ ने इस अपराध से जुड़े लोगों की पहचान करने को 200 अधिकारियों की अलग-अलग टीमें गठित की थीं। लोगों की पहचान सुनिश्चित होने के बाद एजेंसी ने कार्रवाई की।

इंटरपोल से मिली जानकारी के बाद सीबीआइ ने देश के 21 राज्यों में मारे छापे, बाल यौन शोषण के खिलाफ आपरेशन ‘मेघ चक्र’

बाल यौन शोषण सामग्री आनलाइन डाउनलोड और शेयर करने वालों के खिलाफ सीबीआइ ने बड़ी कार्रवाई की है। इंटरपोल के मार्फत न्यूजीलैंड से मिली जानकारी के आधार पर सीबीआइ ने शनिवार को आपरेशन ‘मेघ चक्र’ चलाकर 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 59 स्थानों पर छापे मारकर तलाशी ली। इस दौरान 50 लोगों के मोबाइल और लैपटाप की फारेंसिक जांच की गई, जिसमें कई में बाल यौन शोषण के प्रसार करने के सुबूत मिले हैं। इस मामले में सीबीआइई ने दो एफआइआर दर्ज की है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले दिनों सिंगापुर स्थित इंटरपोल की विशेष इकाई क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रेन (सीएसी) ने सीबीआइ को भारत में कई लोगों द्वारा बाल यौन शोषण को डाउनलोड और शेयर किए जाने की जानकारी दी थी। इंटरपोल को यह जानकारी न्यूजीलैंड पुलिस की ओर से मिली थी। यह भी बताया गया था कि जांच एजेंसियों से बचने के लिए इस अपराध से जुड़े लोग क्लाउड आधारित स्टोरेज का इस्तेमाल करते हैं।

सीबीआइ ने 200 अधिकारियों की टीमें गठित कीं

इंटरपोल से जानकारी के बाद सीबीआई ने इस अपराध से जुड़े लोगों की पहचान करने को 200 अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनी थीं। लोगों की पहचान के बाद एजेंसी ने एकसाथ कार्रवाई की। पिछले साल भी सीबीआइ ने आपरेशन ‘कार्बन’ में आनलाइन बाल यौन शोषण के खिलाफ कार्रवाई की थी।

दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश कई राज्यों में तलाशी
आपरेशन ‘मेघ चक्र’ के तहत सीबीआइ ने जिन स्थानों पर छापे मारे उनमें दिल्ली, हरियाणा में फतेहाबाद और फरीदाबाद, उत्तराखंड में देहरादून, झारखंड में रांची और धनबाद, उत्तर प्रदेश में हाथरस और महाराजगंज, बिहार में सिवान और भागलपुर, पंजाब में गुरुदासपुर और होशियारपुर और हिमाचल प्रदेश में मंडी शामिल है। छापे में 50 संदिग्धों के मोबाइल और लैपटाप के अलावा अन्य उपकरण मिले हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उपकरणों की साइबर फारेंसिक टूल्स की मदद से तत्काल शुरुआती फारेंसिक जांच की गई जिनमें कई में बड़ी संख्या में बाल यौन शोषण सामग्री मौजूद होने के संकेत मिले। पूछताछ हो रही है।

ग्लोबल आपरेशन का नेतृत्व कर रही है सीबीआई

सीबीआई आनलाइन बाल यौन शोषण के खिलाफ ग्लोबल आपरेशन का नेतृत्व कर रही है। एजेंसी आपरेशन चक्र चला रही है जिसमें आनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्रापी से जुड़े मामलों के अंतरराष्ट्रीय लिंक की पड़ताल होती है और इंटरपोल द्वारा संबंधित देश को उसकी जानकारी भेजी जाती है। इसके साथ ही बाल यौन शोषण रोकने को इंटरपोल की मदद से सभी देशों की जांच एजेंसियों की मीटिंग भी होती है ताकि बेहतर समन्वय से आरोपितों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

आपरेशन का नाम ‘मेघ चक्र’ क्यों?

बाल यौन शोषण के खिलाफ सीबीआई ने अपने आपरेशन को ‘मेघ चक्र’ कोड नाम दिया था। ‘मेघ चक्र’ नाम देने के पीछे भी खास वजह है। जांच एजेंसी को सूचना मिली थी कि इस अपराध से जुड़े लोग क्लाउड स्टोरेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए एजेंसी ने क्लाउड स्टोरेज को लक्षित कर अपना आपरेशन चलाया और इसी से इसे ‘मेघ चक्र’ नाम मिला।

भारत में बाल यौन शोषण के मामलों में 17 गुना वृद्धि

लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में बाल यौन शोषण के मामलों में 17 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2018 में बाल यौन शोषण के 44 मामले दर्ज किए गए थे जो 2020 में बढ़कर 738 पर पहुंच गए। इस तरह कोरोना संकट के दौरान इस मामले में 1,600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह 2018 में इस संबंध में 36 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी,जबकि 2020 में 372 लोग गिरफ्तार किए गए।

बाल यौन शोषण के मामलों में उत्तर प्रदेश और केरल शीर्ष पर

बाल यौन शोषण के मामलों में उत्तर प्रदेश और केरल शीर्ष पर हैं। 2018-2020 के दौरान उत्तर प्रदेश में बाल यौन शोषण के सबसे अधिक 194 केस दर्ज किए गए। इसके बाद केरल का स्थान था जहां 146 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा केरल में 129, कर्नाटक में 126 मामले दर्ज हुए। केरल में सबसे ज्यादा 209 गिरफ्तारियां हुई है।

Cbi Raid In Dehradun: चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीबीआई ने देहरादून में मारे छापे, कई लोगों से की पूछताछ

इंटरपोल ने सीबीआई को बताया था कि भारत और कुछ अन्य देशों में बच्चों के शारीरिक शोषण से संबंधित सामग्री इंटरनेट पर शेयर की जा रही है। शुरुआती जानकारी इंटरपोल न्यूजीलैंड से मिली थी।
इंटरपोल के इनपुट पर सीबीआई ने शनिवार को देहरादून में छापे मारे। चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जांच में यह कार्रवाई की गई। सीबीआई ने ऑपरेशन मेघ चक्र में 20 राज्यों में 56 जगहों पर छापे मारे हैं। देहरादून में भी कई लोगों से पूछताछ की गई है। कई लोगों को चिन्हित भी किया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने न सिर्फ बच्चों के शारीरिक शोषण से जुड़ी सामग्री इंटरनेट पर शेयर की हैं। बल्कि, उन्हें ब्लैकमेल भी किया है।

देहरादून में सीबीआई के छापों के बारे में जनसंपर्क अधिकारी आरके गौड़ ने बताया कि सीबीआई ने सर्क्यूलेशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लाइटेशन मटेरियल (सीएसईएम) के दो मामले दर्ज किए हैं। इंटरपोल ने सीबीआई को बताया था कि भारत और कुछ अन्य देशों में बच्चों के शारीरिक शोषण से संबंधित सामग्री इंटरनेट पर शेयर की जा रही है। शुरुआती जानकारी इंटरपोल न्यूजीलैंड से मिली थी।

इस ऑपरेशन को सीबीआई ने मेघ चक्र नाम दिया है। इसमें 20 राज्यों में 56 ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। इनमें से देहरादून भी एक है। सूत्रों के मुताबिक यहां पर तीन जगहों पर 10 लोगों से पूछताछ की गई है। इनके डिवाइस के आईपी एड्रेस इस तरह की सामग्री वायरल होने में सामने आए हैं। ऐसे में इन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

ऑनलाइन बाल यौन शोषण मामले में डॉक्टर के घर पर सीबीआई की रेड,बेटे-बहू से भी पूछताछ

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सीबीआई ने ऑपरेशन मेघचक्र (Operation Megh Chakra) में एक डॉक्टर के घर पर छापा मारा। इस दौरान सीबीआई की टीम ने डॉक्टर के बेटे और उसकी पत्नी से करीब 12 घंटों तक पूछताछ की। इस बीच डॉक्टर के पड़ोसियों और परिचितों, मित्रों ने सीबीआई टीम को घर में ही घेर लिया तो सुरक्षा को पुलिस भी पहुंची।

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण के मामले में एक डॉक्टर के घर पर छापा मारा। इस दौरान सीबीआई टीम ने करीब बारह घंटे तक डॉक्टर के बेटे और बहू से पूछताछ की। सीबीआई टीम ने घर से कुछ मोबाइल और लैपटॉप भी अपने कब्जे में ले लिये।

जानकारी के मुताबिक सीबीआई दिल्ली की टीम शनिवार सुबह करीब सात बजे कोतवाली सिकंदराराऊ पहुंची। सीबीआई टीम ने यहां धारा 67 बी में अपनी आमद कराई और शहर के एक डॉक्टर के घर पर पहुंची। पांच अधिकारियों के नेतृत्व में आई सीबीआई टीम ने डॉक्टर के बेटे और बहू को दो बार उनके क्लीनिक व मेडिकल स्टोर ले जाकर पूछताछ की।

इस दौरान पुलिस ने डॉक्टर के सभी परिजनों के मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिए। इसके बाद टीम अपने साथ डॉक्टर की बहू को लेकर क्लीनिक पहुंची, जहां काफी देर तक टीम उनसे पूछताछ करती रही। गौरतलब है कि ऑपरेशन मेघचक्र में सीबीआई ने शनिवार को देशभर में 56 ठिकानों पर बाल यौन शोषण मामलों में छापा मारा है।

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