आजाद हिंद फौज के फतेह सिंह बुटोला की 1960 तक होती रही जासूसी

……………………………………… चरित्र-निर्माण, समाज-सुधार तथा राष्ट्रवादी जन-चेतना के लिए समर्पित *मातृभूमि सेवा संस्था* (राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत) आज देश के ज्ञात व अज्ञात राष्ट्रभक्तों को उनके अवतरण, स्वर्गारोहण व बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन करती है। 🙏🙏🌹🌹🌹🌹
…………………………………………………………………………………………………………………………
🌹🌹🙏 *फतेह सिंह बुटोला जी* 🙏🌹🌹

📝 राष्ट्रभक्त साथियों, मातृभूमि की आज़ादी के लिए जहाँ व्यक्तिगत प्रयास किए गए, वहीं क्रांतिकारी संगठन स्थापित करके भी यह कार्य किए गए। साथियों आज ऐसे ही क्रांतिकारी संगठन आज़ाद हिन्द फौज के एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी के जीवन पर प्रकाश डालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जिनका मातृभूमि की आज़ादी में अतुलनीय योगदान रहा है। साथियों ,! जंगे आजादी के योद्धा आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानी फतेह सिंह बुटोला का जन्म 10.10.1917 को अविवजीत उत्तर-प्रदेश के उत्तराखंड में जनपद चमोली के बधाण पट्टी के सिमली गाँव में हुआ। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी के आह्वान पर 18 रॉयल ब्रिटिश आर्मी को छोड़कर 15.02.1942 को सिंगापुर में आजादी के निर्णायक संग्राम में कूद पड़े। सन् 1946 तक इनके विषय में इनके परिवार वालों को कुछ भी पता नही चल रहा था कि अब वो कहाँ हैं और किसके लिए सेवाएं दे रहे हैं ? आज भी ब्रिटिश हुकूमत के वो पत्र लालकिले पर बने संग्रहालय में और उनके परिवारजनों के पास मौजूद हैं, जिसमे ब्रिटिश हुकूमत द्वारा ये कहा गया कि वो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की आज़ाद हिन्द फौज को छोड़कर ब्रिटिश रॉयल आर्मी में शामिल हो जाएं, लेकिन आजादी के मतवालों की दीवानगी तो सिर्फ मातृभूमि की स्वाधीनता थी।

📝 जब महान स्वतंत्रता सेनानी फतेह सिंह बुटोला सिंगापुर में आज़ाद हिन्द फौज में शामिल हुए तो उनके कानों में 1.50 तोला कान के कुंडल/कान के आभूषण थे। नेताजी के कहने पर उन्होंने ये कुंडल आजाद हिंद फौज को दान स्वरूप भेंट कर दिए। 05 नवम्बर 1945 को लालकिले पर आजाद हिंद फौज के सेनानियों पर चल रहे मुकदमे के दौरान फतेह सिंह बुटोला को ब्रितानी हुकूमत द्वारा नजरबन्द किया हुआ था। लालकिले में खुले में चले मुकदमे में पंडित जवाहरलाल नेहरू आदि के बैरिस्टर के रूप में पेश होने के बाद अंग्रेजों ने सबको देश का मूड़ देखते हुए मुक्त तो कर दिया लेकिन बुटोला जी के गांव लौटने के बाद भी 1960 तक सरकार की ओर से उनकी जासूसी होती रही। उनकी आजाद हिंद फौज की टोपी, खुकरी, और आजाद हिंद फौज और नेताजी से जुड़ी कई स्मृतियाँ प्रोफेसर कपिल कुमार मुख्य इतिहासकार,निदेशक स्वतंत्रता संग्राम एवं प्रवासी अध्ययन केंद्र और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार के निर्देशन में ऐतिहासिक लालकिले पर बने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और आजाद हिंद फौज के संग्रहालय में आज भी संग्रहित / सरंक्षित हैं। इस महान स्वतंत्रता सेनानी के सुपुत्र भाई सुरेन्द्र सिंह बुटोला हमारी मातृभूमि सेवा संस्था में उत्तराखण्ड के अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रसेवा दे रहे हैं। *मातृभूमि सेवा संस्था आज आज़ाद हिन्द फौज के महान योद्धा फतेह सिंह बुटोला जी की 103वीं जयंती पर इनके सम्मान में नतमस्तक है।* 🌹🌹

✍️ राकेश कुमार
👉 पोस्ट सुरेन्द्र सिंह बुटोला जी द्वारा प्रमाणित है।
🇮🇳 *मातृभूमि सेवा संस्था 9891960477* 🇮🇳

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *