कामेडियन कुणाल कामरा पर चलेगा सुको अवमानना का मुकदमा

कॉमेडियन कुणाल कामरा मुश्किल में फंसे, अटॉर्नी जनरल ने SC की अवमानना मामले में केस दर्ज करने की सहमति दी
कॉमेडियन कुणाल कामरा मुश्किल में फंसे, अटॉर्नी जनरल ने SC की अवमानना मामले में केस दर्ज करने की सहमति दी
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा की फाइल फोटो
नई दिल्ली,12 नवंबर । सुप्रीम कोर्ट के बारे मे अपमानजनक ट्वीट करने वाले कामेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट के बारे में किये गए कुणाल कामरा के ट्वीट्स को न्यायालय की अवमानना मानते हुए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही की सहमति दे दी है। कुछ वकीलों सहित कुल आठ लोगो ने कामरा के ट्वीट्स को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताते हुए अटार्नी जनरल से उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिए सहमति मांगी थी। अटार्नी जनरल की सहमति मिलने के बाद ये लोग कामरा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है।
न्यायालय की अवमानना कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्रिमनल अवमानना की याचिका दाखिल करने के लिए अटार्नी जनरल या सालिसिटर जनरल की सहमति चाहिए होती है। या फिर किसी मामले पर कोर्ट स्वयं संज्ञान लेकर क्रिमनल अवमानना की कार्यवाही शुरू कर सकता है। कुणाल कामरा ने 11 नवंबर बुधवार को अर्णव गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद कई ट्वीट किये थे जिनमें सुप्रीम कोर्ट और न्यायाधीश के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की गई थी।

अटार्नी जनरल को पत्र लिखकर कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की सहमति मांगी थी

कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति मांगते हुए श्रीरंग कात्नेश्वरकर ने अटार्नी जनरल को कामरा के सुप्रीम कोर्ट और न्यायाधीश के बारे में किये गए अपमानजनक सभी छह – सात ट्वीट्स का हवाला दिया था। कात्नेश्वरकर ने अटार्नी जनरल को अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति मांगने वाला पत्र 11 नवंबर को ही भेज दिया था जिसका गुरुवार 12 नवंबर को जवाब देते हुए अटार्नी जनरल ने कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति दे दी है।

अटार्नी जनरल ने सहमति देने वाले पत्र में कामरा के सुप्रीम कोर्ट के बारे में किये गए तीन ट्वीट्स को सीधे अवमाननापूर्ण माना है और जिसके कारण उन्होने अवमानना कार्यवाही की सहमति दी है। इसके अलावा अन्य ट्वीट्स को भी अटार्नी जनरल ने आपत्तिजनक मानते हुए कहा है कि इनके बारे में कोर्ट तय करेगा कि ये सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हैं कि नहीं।

अटार्नी जनरल ने पत्र में कहा है कि आजकल लोग समझने लगे हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी में बेधड़क ढिठाई से सुप्रीम कोर्ट और उसके न्यायाधीशों की निंदा कर सकते हैं। लेकिन संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी अवमानना कानून के अधीन है। अटार्नी जनरल ने कहा कि अब समय आ गया है कि लोग यह समझें कि अनुचित ढंग से और ढिठाई से सुप्रीम कोर्ट पर हमला करने से न्यायालय की अवमानना कानून में सजा मिलेगी।

कामेडियन कुणाल कामरा के विवादास्‍पद ट्वीट

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पत्रकार अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत के आदेश के बाद कुणाल कामरा ने ट्वीट किया था कि कुणाल कामरा ने ट्वीट किया कि जिस गति से सुप्रीम कोर्ट ने “राष्ट्रीय महत्‍व” के मामलों में काम करता है, यही वह समय है, जब हमें महात्मा गांधी की फोटो को हरीश साल्‍वे की फोटो से बदल सकते हैं।
एक अन्य ट्वीट में कुणाल कामरा ने लिखा है कि डीवाई चंद्रचूड़ एक फ्लाइट अटेंडेंट हैं जो प्रथम श्रेणी के यात्रियों को शैम्पेन ऑफर कर रहे हैं क्योंकि वो फास्ट ट्रैक्ड हैं। जबकि सामान्य लोगों को यह भी नहीं पता कि वो कभी चढ़ या बैठ भी पाएंगे, सर्व होने की तो बात ही नहीं है।
गौरतलब है कि इससे पहले स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने 28 जनवरी को इंडिगो एयरलाइंस से यात्रा के दौरान पत्रकार अर्नब गोस्‍वामी से बदतमीजी की थी। इसके बाद इंडिगो एयरलाइन के साथ-साथ 4 और एयरलाइंस ने कुणाल कामरा के अपनी एयरलाइंस में छह माह तक यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुणाल कामरा ने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह पत्रकार अर्नब गोस्‍वामी से सवाल करते हुए नजर आए थे। हालांकि, पत्रकार ने उनका सवाल को अनसुना कर दिया और अपने लैपटॉप में व्यस्त रहे। इस दौरान कुणाल ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया। उसके बाद यह मामला कोर्ट में भी गया था।

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