बीबीसी की गुजरात दंगों पर डाक्यूमेंट्री भारत को अस्वीकार, यूट्यूब से हटवाई

BBC की डॉक्यूमेंट्री में PM मोदी का दुष्प्रचार:विदेश मंत्रालय ने भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया, ब्रिटिश PM बोले- डॉक्यूमेंट्री से सहमत नहीं

BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ के पहले एपिसोड में कवर पर यही तस्वीर इस्तेमाल की गई थी। हालांकि कवर पर कुछ लिखा नहीं गया था।
देहरादून/नई दिल्ली 19 जनवरी। भारत सरकार ने BBC की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफ्रिंग में कहा- हम नहीं जानते कि डॉक्‍यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्‍प्रचार है।

बागची ने कहा- यह डॉक्यूमेंट्री भारत के खिलाफ एक खास किस्म के दुष्प्रचार का नैरेटिव चलाने की कोशिश है। डॉक्यूमेंट्री में दिखता है कि इससे जुड़े हुए लोग और संगठन खास किस्म की सोच रखते हैं, क्योंकि इसमें फैक्ट ही नहीं हैं। यह औपनिवेशिक यानी गुलामी की मानसिकता को दर्शाती है। हम नहीं जानते कि इसके पीछे का एजेंडा क्‍या है?

ब्रिटिश PM ने भी किया विरोध

उधर, BBC की डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश संसद चर्चा हुई। पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने कहा- गुजरात दंगों के लिए सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी जिम्मेदार थे। अब भी दंगा पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिला। उन्होंने ब्रिटिश PM ऋषि सुनक से सवाल किया- दंगे में मोदी की भूमिका पर आपका क्या कहना है?

इस पर सुनक ने कहा- BBC की डॉक्यूमेंट्री में जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया है,मैं उससे कतई सहमत नहीं हूं। उन्होंने कहा- ब्रिटेन सरकार की स्थिति स्पष्ट है। हम दुनिया के किसी भी हिस्से में होने वाली हिंसा को बर्दाश्त नहीं करते,लेकिन डाॅक्यूमेंट्री में PM मोदी की जो इमेज पेश की गई है, मैं उससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं

BBC ने 17 जनवरी को ‘द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटवा दिया। पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव पर नजर डालती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है। बता दें कि गुजरात दंगों की जांच को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित सम‍िति ने नरेंद्र मोदी को क्‍लीन चिट दी थी।

UK के सांसद बोले- डॉक्यूमेंट्री निष्पक्ष नहीं

UK के सांसद लॉर्ड रामी रेंजर ने BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर 18 जनवरी को ट्वीट किया। उन्होंने BBC से कहा- आपने भारत के 100 करोड़ से अधिक लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। एक लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री,भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। हम गुजरात दंगों की निंदा करते हैं, लेकिन आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी आलोचना करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट दे चुका है

गुजरात में 2002 में हुए दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया था। कमेटी ने दंगों में नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं पाया था। SIT ने कहा था कि मोदी के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिले। जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने SIT की तरफ से मोदी को मिली क्लीन चिट को सही माना था।

1. गुजरात दंगों से जुड़े 9 में से 8 केस बंद

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े 9 में से 8 केस बंद करने का आदेश दिया। इन सभी मामलों से जुड़ी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित थीं। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को कहा कि इतना समय गुजरने के बाद इन मामलों पर सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है। वहीं, एक अन्य मामले में कोर्ट ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को राहत को अपील करने की अनुमति दे दी।

2. गुजरात दंगों पर अमित शाह बोले- मोदी भगवान शंकर की तरह 18-19 साल विषपान करते रहे

अमित शाह ने कहा है कि गुजरात सरकार पर लगाए सभी आरोप पॉलिटिकली मोटिवेटेड थे। जिन लोगों ने भी मोदी जी पर आरोप लगाए थे, उन्हें भाजपा और मोदी जी से माफी मांगनी चाहिए। करीब 40 मिनट के इंटरव्यू में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा न्यायपालिका में विश्वास रखा है।

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