कश्मीर में डिलिमिटेशन बाद चुनाव, सहयोग करें:मोदी सर्वदलीय बैठक में

पीएम मोदी बोले- कश्मीर में चुनाव होंगे, जानिए सर्वदलीय बैठक के बाद किसने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पर 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं संग करीब साढ़े 3 घंटे तक बैठक की। प्रधानमंत्री आवास पर चली बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने, पूर्ण राज्य बहाली और अनुच्छेद 370 हटाने समेत अन्य मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई।
पीएम मोदी बोले- कश्मीर में चुनाव होंगे, जानिए सर्वदलीय बैठक के बाद किसने क्या कहा

नई दिल्ली 24जून।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर चल रही बैठक खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग बैठक में कहा कि डि-लिमिटेनशन के बाद कश्मीर में चुनाव कराएंगे। कश्मीर में हर वर्ग की सुरक्षा के लिए माहौल बनाना होगा। बैठक को पीएम मोदी ने करीब 10 मिनट तक संबोधित किया। पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक में अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठा।

सूत्रों के हवाले से बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि डी-लिमिटेशन के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर सभी ने सहमति जताई। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी मिटाना चाहते हैं। कश्मीर के बेहतर भविष्य के लिए खुलकर बातचीत हुई। कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत करने पर चर्चा। कश्मीर के हर वर्ग की सुरक्षा के लिए माहौल बनाना होगा। हम सभी को जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सुरक्षित रखना होगा।

करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठक

पीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बैठक करीब साढ़े 3 घंटे चली। जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं ने पीएम के साथ सर्वदलीय बैठक में अपनी बात रखी। गौरतलब है कि बैठक में महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला ने धारा 370 का मुद्दा उठाया। हालांकि, मुजफ्फर बेग ने महबूबा को टोक दिया। वहीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 का जिक्र तक नहीं किया।

कश्मीर को लेकर कन्फ्यूजनन दूर हुआ- अल्ताफ बुखारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा​कि कश्मीर को लेकर कन्फ्यूजन दूर हुआ। जम्मू-कश्मीर के लिए आज बहुत बड़ा दिन। पीएम ने हमारी बात गौर से सुनी। कश्मीर में डी-लिमिटेशन के बाद चुनाव होगा।

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कांग्रेस ने 5 बड़ी मांगे रखी- गुलाम नबी आजाद

पीएम मोदी के साथ बैठक में कांग्रेस ने 5 मांगें रखी। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद कहा कि कश्मीरी पंडितों को वापस बसाया जाए। जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव हों। चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। डोमिसाइल, जमीन की गारंटी मांगी और राजीनिक कैदियों की रिहाई हो। गुलामा नबी आजाद ने कहा कि बैठक में किसी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। बिना एजेंडा खुले मन से बैठक में बात हुई। पीएम पिछले साल से ही कश्मीरी नेताओं से मिलना चाहते थे।आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में मैंने अपनी बातें रखीं। आर्टिकल-370 हटाने पर सहमति नहीं ली गई, साथ ही सुप्रीम कोर्ट को आर्टिकल-370 पर आखिरी फैसला करना चाहिए।

सभी दलों ने खुलकर अपनी बात रखी- निर्मल सिंह

पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा कि सभी दलों ने खुलकर अपनी बात रखी। पीएम ने सभी दलों की बात सुनी। पीएम ने देश की अखंडता, लोकतंत्र के लिए काम करने की अपील की।

370 के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे- उमर अब्दुल्ला

पीएम मोदी संग सर्वदलीय बैठक के बाद उमर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य की बहाली नयी दिल्ली की तरफ से विश्वास कायम करने का पहला कदम होगा। जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में विश्वास बहाली की जरूरत है। अब्दुला ने कहा कि प्रधानमंत्री से अच्छे माहौल में बात हुई। 370 का फैसला हमें कबूल नहीं है। डीलिमिटेशन की प्रक्रिया संदेहपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश ना रहे। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। 370 हटाए जाने की लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे। कानून, संविधान के दायरे में रहकर विरोध करेंगे। एक मुलाकात में दिल की दूरी खत्म करना मुमकिन नहीं। जम्मू-कश्मीर को बाकी राज्यों की तरह बनाया जाए। पीएम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव हो। केंद्र और जम्मू-कश्मीर के बीच विश्वास टूटा।

हर किसी ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग उठाई- मुजफ्फर हुसैन बेग

पीएम मोदी संग सर्वदलीय बैठक के बाद पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लगभग हर किसी ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग उठाई। प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से जम्मू-कश्मीर पर आयोजित बैठक काफी सौहार्दपूर्ण एवं सकारात्मक रही। प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया कि वह जम्मू-कश्मीर को संघर्ष के बजाय शांति का क्षेत्र बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेताओं द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को ‘सावधानीपूर्वक’ सुना और उन पर जवाब दिया। सरकार का कहना है कि परिसीमन का काम पूरा होना है और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय किया जाएगा।

पिछले लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए गुरुवार को वहां के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह सहित पीएमओ और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूख अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद मौजूद रहे।

यह बैठक ऐसे समय हुई जब एक दिन पहले ही परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया था। परिसीमन की कवायद के बाद जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। ज्ञात हो कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और राज्य को जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।

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