चला नहीं झूठ:आफताब न पारसी,न सिंधी,वह है मुस्लिम खोजा

Fact Check Story: श्रद्धा मर्डर केस का आरोपित आफताब अमीन पूनावाला मुस्लिम है, न कि पारसी
श्रद्धा मर्डर केस में गिरफ्तार किए गए आरोपित आफताब अमीन पूनावाला की धार्मिक पहचान को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। आफताब पूनावाला मुस्लिम है न कि पारसी या सिंधी जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है।

नई दिल्ली 21नवंबर। दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस मामले के आरोपित आफताब अमीन पूनावाला की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि आरोपित पूनावाला पारसी समुदाय का है। कई अन्य यूजर्स आरोपित के सिंधी और अन्य समुदाय से संबंधित होने का दावा कर रहे हैं।

हमने अपनी जांच में पाया कि श्रद्धा मर्डर केस का आरोपित आफताब अमीन पूनावाला मुस्लिम है। दिल्ली पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें भी आरोपित के मुस्लिम होने की जानकारी दी गई है। आरोपित का परिवार मुंबई के पालघर के वसई इलाके में रहता था और वहां रहने वाले पड़ोसियों ने भी आरोपित के मुस्लिम होने की पुष्टि की है।

दैनिक जागरण की 15 नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रद्धा हत्याकांड के आरोपित आफताब पूनावाला को पुलिस महरौली के जंगल में ले गई, जहां उसने कथित तौर पर श्रद्धा के शरीर के अंग ठिकाने लगाये थे। साथ ही पुलिस ने श्रद्धा और आफताब के कॉमन दोस्त पूछताछ को बुलाये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक श्रद्धा के पिता ने आरोपित को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है।

दिल्ली के छतरपुर में हुए इस हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए आरोपित युवक को सोमवार को गिरफ्तार किया। हमारे पास इस मामले में दर्ज एफआईआर की प्रति मौजूद है। दक्षिणी दिल्ली के महरौली थाना में दर्ज एफआईआर (संख्या-0659) के मुताबिक, आरोपित युवक आफताब अमीन पूनावाला मुस्लिम है और मृतक लड़की हिंदू धर्म की कोली जाति से संबंधित है।

आरोपित आफताब अमीन पूनावाला इंस्टाग्राम पर ‘thehungrychokro’ के नाम से मौजूद है और यहां एक पोस्ट पर उसने टिप्पणी करते हुए स्वयं को मुस्लिम बताया है। करीब 422 हफ्ते पुरानी टिप्पणी में उसने लिखा है, ”@zloymom I am a Muslim and the other term you’re is Hindu. Lord Krishna is the God of Hindus. May I ask why the certain inquisitiveness about my religion???” (”मैं मुस्लिम हूं और जो दूसरा शब्द है, वह यह कि तुम हिंदू हो। भगवान कृष्ण हिंदुओं के देवता हैं। क्या मैं पूछ सकता हूं कि मेरे धर्म के बारे में ये शंकाएं क्यों?”)

आरोपित युवक का परिवार मुंबई के पालघर में रहता है। इसलिए  हमने इस मामले में अतिरिक्त जानकारी के लिए  सहयोगी दैनिक जागरण के मुंबई ब्यूरो चीफ ओमप्रकाश तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने वसई में आरोपित के परिवार के पड़ोसियों के हवाले से इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि वह मुस्लिम (खोजा) है न कि पारसी।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि श्रद्धा मर्डर केस का आरोपित आफताब अमीन पूनावाला मुस्लिम है, न कि पारसी, जैसा कि सोशल मीडिया पर यूजर्स दावा कर रहे हैं।

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आफताब पूनावाला का मज़हब गूगल के टॉप ट्रेंड में:मुस्लिमों के खोजा समुदाय से था,जो कुछ सदी पहले हिंदू से मुसलमान बने

श्रद्धा मर्डर केस में गिरफ्तार आफताब अमीन पूनावाला के पंथ पर भी  बहस छिड़ी है। कुछ लोग उसके पारसी होने के दावे कर रहे हैं। इसकी वजह है उसका सरनेम ‘पूनावाला’।ऐसे सरनेम पारसी लगाते हैं। आफताब ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में अपना धर्म ‘मानवता’ लिखा था। इससे भी कंफ्यूजन बढ़ा है। लोग आफताब के इंस्टाग्राम अकाउंट से लेकर उसका पंथ सर्च कर रहे हैं और ये गूगल पर टॉप ट्रेंड में चल रहा है।

इस पोस्ट में एक यूजर आफताब के धर्म पर सवाल उठाते हुए कह रहा है कि वो किसी भी धर्म का हो। कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
आगे हम तीन  ठोस प्रमाण दे रहे हैं, जिससे साफ है कि आफताब मुस्लिम है और वो खोजा है…

1. इंस्टाग्राम पर आफताब का ‘thehungrychokro’ नाम से प्रोफाइल है। इसमें करीब 422 हफ्ते पुरानी पोस्ट में आफताब ने खुद लिखा है कि मैं मुस्लिम हूं।

2. दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज FIR में लिखा है कि आफताब अमीन पूनावाला मुस्लिम है और मृतक श्रद्धा वॉकर हिंदू धर्म की कोली जाति की थी।

3. आफताब का परिवार मुंबई के वसई में रहता है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में उसके पड़ोसियों ने पुष्टि की है कि वो मुस्लिम और खोजा  है।

अब सवाल है कि ये खोजा समुदाय क्या है? क्या ये भारत के आम मुस्लिमों से अलग होते हैं?

शिया इस्माइली कानून मानने वाले मुसलमानों का एक समुदाय खोजा कहलाता है। कुछ खोजा सुन्नी इस्लाम भी मानते हैं। इस समुदाय का बड़ा वर्ग गुजरात और महाराष्ट्र में  है। भारत के बाहर पूर्वी अफ्रीका के कुछ देशों में, यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में भी बसे हैं।

14वीं सदी में हिंदू धर्म से इस्लाम में कंवर्ट हुए खोजा

ब्रिटैनिका वेबसाइट के मुताबिक, खोजा हिंदू जाति थी। 14वीं सदी में फारसी पीर सदर-अल-दीन ने कई भारतीयों को इस्लाम में शामिल किया। कुछ को डराया धमकाया गया और कुछ से जबरदस्ती भी की गई। इसमें खोजा हिंदू भी थे। ये लोग इस्लाम के शिया इस्माइली संप्रदाय से जुड़े।  ये आगा खान के अनुयायी माने जाते हैं।

19वीं सदी में भारत में इस्माइली इमामत की स्थापना हुई। ताकि समुदाय एकजुट और संगठित हो। इससे खोजा मुस्लिमों का एक हिस्सा छिटक गया। इनमें से कुछ इस्ना अशअरी बन गए और कुछ ने सुन्नी अपना लिया।

खोजा समुदाय के बहुत से रिवाज़ हिंदुओं से मेल खाते हैं। संडे गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1866 के अपने फैसले में इस्माइली खोजा समुदाय को आधा मुस्लिम और आधा हिंदू माना । समुदाय की कुछ महिलाएं अभी भी स्वामी नारायण पूजक हैं। बच्चों के जन्म के छठवें दिन छठी रस्म होती है, जो आमतौर पर मुस्लिमों में नहीं होती।

खोजा महिला की तस्वीर। इसे 1928 में राव बहादुर एम वी धुरंधर ने बनाया था। गौर करने वाली बात है कि इसमें महिला बुर्के या नकाब में नहीं है।
मुस्लिमों में खोजा को एक प्रगतिशील समुदाय माना जाता है। पूरी दुनिया में इनकी संख्या करीब 6.5 लाख बताई जाती है। इसमें करीब 5 लाख लोग भारत में ही रहते हैं। अलग-अलग तरह के बिजनेस में तो ये आगे हैं ही, साथ ही डॉक्टर, इंजीनियर और लॉयर भी बड़ी संख्या में बन रहे हैं।

श्रद्धा के पिता नहीं चाहते थे कि बेटी मुसलमान के साथ रहे

दिल्ली के छतरपुर के एक सामान्य फ्लैट में रहे आफताब पर आरोप है कि उसने अपनी लिव-इन पार्टनर  श्रद्धा की न सिर्फ हत्या की, बल्कि शव 35 टुकड़ों में काटकर जंगल में फेंक दिया। उसने शव बाथरूम में काटा, घर के फ्रिज में कटा सिर रखा।

श्रद्धा के पिता विकास कहते हैं, ‘बेटी के साथ जो उसने किया, उसे भी वैसी ही सजा मिले। मैं नहीं चाहता था कि बेटी मुसलमान के साथ रहे। मैंने आफताब को लेकर उसे शुरू से ही मना किया था, लेकिन वो मानी ही नहीं। मैं पहले तो आफताब से कभी नहीं मिला था, लेकिन जब मेरी पत्नी की मौत हुई, उस दौरान वो आता-जाता था।’

 

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