अमृत कलश यात्रा में सम्मिलित होंगें उत्तराखण्ड के 358 प्रतिनिधि

देहरादून 28 अक्टूबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हिमालयन संस्कृति केन्द्र, निम्बूवाला, गढ़ी कैंट में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम में राज्य स्तरीय ‘अमृत कलश यात्रा’ में प्रतिभाग किया। मेरी माटी मेरा देश अभियान में दिल्ली में देश भर से लाये गये अमृत कलशों का सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भव्य स्वागत किया जायेगा। अमर बलिदानियों की वीरता की अटूट परंपरा समेटकर भविष्य की प्रेरणादायी नींव रखने के उद्देश्य से कर्तव्य पथ पर वृहद कार्यक्रम आयोजित होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमें “मेरी माटी, मेरा देश“ अभियान में उन वीरों की वंदना करने का अवसर प्राप्त हुआ है, जिन्होंने देश की माटी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस महाभियान में सबने अपनी भागीदारी निभाई है जिसका परिणाम है कि “अमृत कलश यात्रा“ में देवभूमि के सुदूरवर्ती अंचलों के 95 विकास खण्डों व 101 नगर निकायों से 192 तथा नेहरू युवा केंद्र से 166 स्वयंसेवक उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगें। कलश यात्रा अमर बलिदानियों के त्याग एवं बलिदान को हमारे मस्तिष्क में चिरस्थाई रखने को संपूर्ण देशभर में “मेरी माटी मेरा देश” महाभियान में चलाई जा रही है। इस यात्रा में अमर बलिदानियों की तपोभूमि की मिट्टी अमृत कलश में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक तक पहुंचायी जा रही है। अमृत कलश यात्रा में देशभर से 7500 कलशों में आ रही मिट्टी और पौधों से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ’अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह अमृत वाटिका उनके दिए ’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र तभी महान बनता है, जब उसके नागरिकों के मन में अपने देश, अपनी संस्कृति, अपनी परंपरा और अपने सामर्थ्य पर पूर्ण विश्वास एवं गर्व का भाव होता है। हमारी देवभूमि, वीरों की, बलिदानियों की भूमि है, और यह हमारे सैनिकों ने अब तक हुए सभी युद्धों में सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना न केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति पताका चारों ओर फहरा रही है। केंद्र सरकार जहां एक ओर सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है, वहीं दूसरी ओर सैनिकों और उनके परिवारों को मिल रही सुख-सुविधाओं का भी ख्याल रख रही है। राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशन में सैनिकों एवं उनके परिवार को सुविधाओं में वृद्धि करने को पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने सैनिकों या उनके आश्रितों को अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय भी इसी आशय से लिया है।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आजादी के अमृतकाल का यह वर्ष देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता एवं सशक्त भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए विश्व पटल पर एक महाशक्ति के रूप में उभरकर सामने आया है। देश आज जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम एवं दूरदर्शी नेतृत्व के कारण तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो रहा है, वहीं आज पूरे देश को एकजुट कर आजादी के अमृत महोत्सव अभियान से प्रत्येक घर और व्यक्ति को जोड़कर अखण्ड भारत की छवि एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर लाने का प्रयास भी बेहद सफल रहा है। पूरे वर्ष भर आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देशभर में हर्षोल्लास से मनाया गया। इसी अभियान में देश के लिये अपना बलिदान देने वाले करोड़ों वीरों को नमन एवं उनके प्रति समर्पित भाव से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने को ’मेरी माटी मेरा देश“  जन अभियान का रूप ले चुका है, जो हमें देश के प्रति अटूट आस्था एवं समर्पण प्रदर्शित करता है। देवभूमि उत्तराखण्ड अनादिकाल से आध्यात्मिक, चिन्तन एवं साधना का प्रमुख केन्द्र रहा है तो वहीं इस भूमि को वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है।

इस अवसर पर सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक खजानदास, सुरेश सिंह चौहान, उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड संस्कृत साहित्य एवं कला परिषद श्रीमती मधु भट्ट, अध्यक्ष कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड (मंडी) अनिल डब्बू, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, सचिव एच. सी. सेमवाल, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट, आईटीबीपी और एसएसबी के अधिकारी उपस्थित थे।

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