राजस्थान कॉलेज में नमाज के विरोध में हनुमान चालीसा, कांग्रेस उतरी नमाज के पक्ष में

 

राजस्थान कॉलेज में नमाज के बाद हनुमान चालीसा का पाठ:ABVP नेता बोले- धर्म विशेष के लिए नहीं कॉलेज जमीन, ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं
राजस्थान कॉलेज में हनुमान चालीसा का पाठ करते एबीवीपी कार्यकर्ता।

राजस्थान कॉलेज इन दिनों पढ़ाई से ज्यादा राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है। स्टूडेंट्स की राजनीति भी अब धर्म के नाम पर की जा रही है। हाल ही में स्टूडेंट्स के कॉलेज कैम्पस ग्राउंड में नमाज पढ़ने पर काफी हो-हल्ला हुआ। अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्टूडेंट्स ने कॉलेज कैम्पस में श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया है। साथ ही कहा कि धर्म के नाम पर कॉलेज की जमीन से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। एनएसयूआई भी प्रोटेस्ट में उतर आई है। एनएसयूआई का आरोप है कि आपत्ति जताने वाले शिक्षक आरएसएस के थे।

बिरसा मुंडा की जयंती पर हुआ पुष्पांजलि कार्यक्रम।

जनजाति गौरव दिवस मनाया

​​​​​​​बिरसा मुंडा जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाते हुए एबीवीपी प्रदेश मंत्री हुश्यार मीना और उनके साथ मौजूद स्टूडेंट्स ने राजस्थान कॉलेज कैम्पस में बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया। मीना ने आरोप लगाया कि सोमवार को राजस्थान कॉलेज मे भगवान बिरसा की जयंती मनाई जा रही थी। इस दौरान पुलिस ने छात्रों को रोका और हमला किया। यह कांग्रेस की छोटी सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा को हनुमान चालीसा बहुत पसंद था। इसलिए हमने हनुमान चालीसा का पाठ करके सांकेतिक रूप से यह मैसेज दिया है कि इस शिक्षा के मंदिर को कलंकित नहीं होने दिया जाएगा।

हम इस बात का सम्मान करते हैं कि कॉलेज में सभी धर्मों के लोग पढ़ें। कोई नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद या दूसरे धर्म के लिए कॉलेज में जमीन मांगे, यह विद्यार्थी परिषद को स्वीकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टूडेंट ही नहीं, बल्कि बाहर के लोग आकर कॉलेज कैम्पस में नमाज अदा कर रहे हैं। यह शर्म की बात है। हमारे जीते जी कोई कॉलेज की जमीन नहीं ले सकता है। शिक्षा के मंदिर में इस तरह की अप्रिय घटनाओं को स्टूडेंट्स स्वीकार नहीं करेंगे। हम भगवान बिरसा के फॉलोअर हैं।

राजेश चौधरी, जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई।

आपत्ति जताने वाले शिक्षक आरएसएस से जुड़े : एनएसयूआई

एनएसयूआई के जयपुर जिलाध्यक्ष राजेश चौधरी ने आरोप लगाया है कि नमाज पर आपत्ति जताने वाले शिक्षक आरएसएस से जुड़े हुए थे। इसलिए उन्हें खुले में बैठकर नमाज पढ़ते हुए स्टूडेंट से आपत्ति हुई। किसी भी व्यक्ति के धर्म के नाम पर प्रताड़ित करना गलत है। एनएसयूआई ने भी कॉलेज कैम्पस और राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्रोटेस्ट का कार्यक्रम रखा है।

पिछले शुक्रवार को हुआ था विवाद

पूरा मामला 12 नवंबर का है। इसी दिन राजस्थान कॉलेज में कुछ स्टूडेंट्स ने नमाज पढ़ी थी। आपत्ति जताने पर पुलिस प्रशासन ने छात्रों को परिसर में नमाज पढ़ने से रोका। एनएसयूआई से जुड़े कुछ छात्र पुलिस प्रशासन से उलझ गए और कहासुनी हो गई। उन्होंने कहा कि या तो उन्हें खुले में नमाज पढ़ने दी जाए या फिर नमाज के लिए कॉलेज में अलग से जगह आवंटित की जाए। इसी बात को लेकर माहौल गरमा गया है।

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