फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर में मीडिया हाउस की भूमिका की हो रही जांच, करोड़ों का मिला था कैश

Fake  Call Center In Dehradun: 225 Crore Transaction Comes In Investigation,a media houses also involve

फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर: हुआ 225 करोड़ का लेनदेन, एक मीडिया हाउस की मिलीभगत भी आई सामने
इस मामले में एक मीडिया हाउस का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी भी एसटीएफ जांच में जुटी हुई है।

देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर मामले में अब तक 225 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। इस लेनदेन की जानकारी एसटीएफ ने ईडी, आईबी और अमेरिका में एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) समेत दस एजेंसियों को भेजी है।

इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने भी एसटीएफ को बहुत सी जानकारी मुहैया कराई हैं। इस मामले में एक मीडिया हाउस का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी भी एसटीएफ जांच में जुटी हुई है। एसटीएफ ने गत 21 जुलाई को न्यू रोड स्थित कॉल सेंटर में छापा मार 14 लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि 300 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई थी। मौके से 1.26 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इस कॉल सेंटर से अमेरिका और कनाडा के लोगों से बात की जाती थी। उनके कंप्यूटर में एक वायरस भेजकर उसे हैंग कर दिया जाता था।
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इसके बाद इस समस्या को दूर करने के लिए उनसे डॉलर लेकर उसे ठीक कर दिया जाता था। एसटीएफ ने 250 लैपटॉप और 85 कंप्यूटर बरामद किए थे। इसमें एसटीएफ को मनी लॉड्रिंग होने की बात भी पता चली थी। इसके लिए सरकार को भी जानकारी दी गई थी। अब एसटीएफ को फरार लोगों की तलाश है। साथ ही जिन लोगों की शह पर कॉल सेंटर चल रहा था, उनकी भी तलाश की जा रही है। अब तक की जांच में एसटीएफ को 225 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। इसकी जानकारी अब कई एजेंसियों से साझा की जा रही है।

इन विभागों को भेजी जानकारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आसूचना ब्यूरो (आईबी), फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) अमेरिका, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी), डिपार्टमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी (डीओटी), सीजीएसटी, एसजीएसटी, राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट।

दून में बैठकर विदेशियों को लगा रहे ऐसे चूना, इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर से सवा करोड़ से ज्यादा कैश बरामद

एसटीएफ ने देहरादून में एक ऐसे इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर का भांडाफोड किया है। जो कि माइक्रोसॉफ्ट आनलाईन सपोटर बन कर फर्जी हैल्पलाईन नम्बर के जरिए विदेशी नागरिको को ड़ायलर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रोजन वायरस लैप्टॉप रिपेयरिंग आदि सेवायें देने के एवज में क्यूआर कोड़ के माध्यम से फ्रॉड कर रहे ​थे। एसटीएफ ने मौके से 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने मौके से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अलावा 1 करोड़ 26 लाख 51 हजार 500 रुपए की नकदी बरामद की है।

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ए टू जेड नाम से चला रहे थे सेंटर

एजुकेशन हब के नाम से फेमस देहरादून अब फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का हब बनता जा रहा है। एक साल में ही देहरादून में 5 ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड किया है। इस बार एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस को लगातार दून में ऐसे फर्जी कॉल सेंटर संचालित होने के इनपुट मिल रहे थे, जो कि विदेशी नागरिक बनकर विभिन्न तरीकों से आम जनता को ठग रहे हैं। सूचना के आधार पर एसटीएफ ने एमकेपी चौक के पास से एक तीन मन्जिला भवन पर दबिश दी जहां अवैध रुप से कॉल सेन्टर संचालित किया जा रहा था। यहां ए टू जेड नाम से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। कॉल सेंटर मे 300 युवक और युवतियां काम कर रही थी। जहां से एसटीएफ ने 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया।

ये था फ्रॉड का तरीका

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इन्टरनेशनल कॉल सेन्टर का संचालन माइक्रोसॉफ्ट आनलाईन सपोटर बन कर फर्जी हैल्पलाईन नम्बर जारी किया जाता था, ​जहां विदेशी नागरिको को ड़ायलर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रोजन वायरस लैप्टॉप रिपेयरिंग आदि सेवायें देने के एवज में क्यूआर कोड़ के माध्यम से पैसे ऐंठे जा रहे थे। पुलिस को इस पूरे अपराध में दिल्ली निवासी नितिन गुप्ता,उदित गर्ग, गर्वित की तलाश है।

करोड़ का कैश और बाहरी लोगों की शह बना बड़ा सवाल

एसटीएफ की टीम अब कॉल सेंटर से बरामद किए गए सवा करोड़ की गुत्थी सुलझाने में लगी है। आखिर इस सेंटर पर इतना कैश कैसे बरामद किया गया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि जब कॉल सेंटर में आनलाइन पेमेंट कराया जाता ​था, तो फिर कैश कहां से आ रहा था। एसटीएफ इस पूरे फर्जीवाड़े में बाहरी लोगों की भी तलाश कर रही है, जिनकी शह पर ये सेंटर संचालित हो रहा था। सूत्रों के अनुसार, इसमें कुछ बड़े लोगों की मिलीभगत भी हो सकती है।

युवाओं को रोजगार के नाम पर मिल रहा फ्रॉड

दून को एजुकेशन हब के नाम से जाना जाता है। यहां देश विदेश से स्कूल कॉलेजों में पढ़ाई के लिए आते हैं। लेकिन अब दून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का चलन बढ़ता जा रहा है। जिसमें युवक युवतियों को लालच देकर रोजगार के बहाने फ्रॉड कराया जा रहा है। एसटीएफ ने जिस ए टू जेड नाम के कॉल सेंटर पर छापा मारा वहां 300 युवक, युवतियां काम कर रही थी। दावा किया जाता है कि इन युवाओं को इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इनसे फ्रॉड कराया जा रहा है। एसटीएफ लगातार ऐसे कॉल सेंटर पर कार्रवाई कर रहा है।

 

देहरादून में फर्जी कॉल सेंटर्स का भंडाफोड़, STF की छापेमारी में 17 गिरफ्तार

 

पकड़े गये कॉल सेंटरों में एक कॉल सेंटर से विदेशों में ठगी की जा रही थी. वहीं दो फर्जी सेंटर डोमेस्टिक हैं. ठग बड़ी कंपनियों का फर्जी प्रतिनिधि बनकर लोगों को झांसे में लेते थे.

STF की गिरफ्त में आरोपित

 

देहरादून में फर्जी कॉल सेंटरों का बड़ा कारोबार चल रहा है. जब एसटीएफ ने अपनी कार्रवाई शुरू की, तो चार दिनों में तीन बड़े फर्जी कॉल सेंटर पकड़ में आये हैं. वहीं कई कॉल सेंटर एसटीएफ की रडार पर भी हैं. शहर के भीतर कई ऐसे कॉल सेंटर हैं जो करोड़ों की ठगी कर रहे हैं. हालांकि जब एसटीएफ को ऐसी सूचनाएं मिली तो फौरन कार्रवाई तेज की गई. वहीं पिछले चार दिनों में तीन ऐसे कॉल सेंटरों पर रेड मारी गई है, वहीं 17 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है.

इन योजनाओं के नाम पर ठगी

पीएम योजना के नाम पर झांसा देकर ठगी

लोन दिलाने के नाम पर ब्याज में भारी छूट

मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर मोटी रकम देने का लालच

घर बैठे पैसे कमाने का लालच

कंप्यूटर पर एंटीवायरस अपडेट के नाम पर ठगी

लोन दिलाने के नाम पर ठगा

एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गये तीन फर्जी कॉल सेंटरों में एक कॉल सेंटर से विदेशों में ठगी की जा रही थी. वहीं दो फर्जी सेंटर डोमेस्टिक हैं. ये शातिर ठग बड़ी कंपनियों का फर्जी प्रतिनिधि बनकर लोगों को झांसे में लेते थे. देहरादून से विदेश में ठगी करने वाला गिरोह अभी तक करोड़ों की ठगी को अंजाम दे चुका है. वहीं दो अन्य सेंटरों में पीएम योजनाओं के नाम पर और लोन दिलाने के नाम आदि पर लोगों को ठगा जा रहा था.

एसटीएफ की युवाओं से अपील

एसटीएफ के सीओ अंकुश मिश्रा ने कहा कि “ये बात तब और ज्यादा गंभीर हो जाती है जब इस रैकेट के साथ आज के बेरोजगार युवा पैसे के लालच में जुड़कर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. कई युवा पहले नौकरी के लिए यहां काम करते हैं और फिर इसी फर्जीवाड़े में पैसे के लालच में इसको पेशा बना रहे हैं. एसटीएफ ने युवाओं से अपील भी की है, कि ऐसी जगहों पर नौकरी करने से पहले उस जगह का सत्यापन कर लें. एसटीएफ ने ऐसे युवाओं से ये भी कहा, कि अगर वो कहीं ऐसी जगह नौकरी कर रहे हैं, जहां ऐसा फर्जीवाड़ा चल रहा है, तो ऐसे में पुलिस को सूचना देकर कार्रवाई में सहयोग करें.

कॉलेज से पास आउट को संदेश

सीओ एसटीएफ अंकुश मिश्रा का कहना है कि जब युवा कॉलेज से पास आउट होते हैं, मैं उन्हें ये संदेश देना चाहुंगा कि जब भी आप जॉब लेते हैं. सबसे पहले सत्यापन करें कि जो व्यक्ति जॉब पर रख रहा है, वो क्या काम करता है. क्या उसके पास इस काम को करने का लाइसेंस है. साथ ही आपको समझ में आना चाहिए कि आपसे जो काम करवाया जाता है, भले ही वो कॉलिंग करवाई जा रही है, तो आपको समझना चाहिए कि काम कितना जायज या कितना नाजायज है. आप किसी को भी कोई फर्जी स्कीम, लोन स्पेशली जो इंटरनेशनल कॉल सेंटर में काम कर रहे हैं, उन्हें ये जरुर समझना चाहिए की आपको सैलरी जरुर मिल रही है.

एसटीएफ की कार्रवाई लगातार जारी

इसके साथ ही अंकुश मिश्रा ने कहा एक बार वहां जो भी मालिक है उनसे चैक करा लें कि उनको उस चीज का लाइसेंस मिला है कि नहीं. क्या उन्हें माइक्रोसॉप्ट ने सर्टिफाईड किया है कि क्या उन्हें किसी कम्पनी ने सर्टिफाइड किया है. जो वो कस्टमर्स से बोलने के लिए कह रहे हैं कि क्या वो जैनवन है की नहीं, अगर आपको कभी भी कोई संदेह हो तो तुरन्त पुलिस को सूचना दें. एसटीएफ की कार्रवाई लगातार जारी है, अभी कई फर्जी कॉल सेंटर एसटीएफ की रडार पर भी हैं. कार्रवाई से ये तो साफ है कि ये धंधा बड़े स्तर पर देहरादून में संचालित हो रहा है और इसमें कई ऐसे लोग भी शामिल हो सकते हैं, जो अभी एसटीएफ की गिरफ्त से बाहर हों. लेकिन ऐसी जगहों पर काम करने वाले युवा अगर पुलिस का सहयोग करें तो ही, कॉल सेंटरों के नाम पर फर्जी कारोबार के इस बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है.

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