पर्यावरणवादी थर्नबर्न का ट्वीट है किसानों के नाम पर अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का सबूत

देहरादून 04 फरवरी। भारत में चल रहे कृषि विपणन कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन क्यों और कैसे  षड्यंत्र का हिस्सा है,यह अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणवादी ग्रेटा थर्नबर्न के एक उस ट्वीट से सामने आ गया जिसे उन्होंने आनन फानन में हटा भी दिया लेकिन तब तक उसका लोग स्क्रीन शॉट ले चुके थे। यह ट्विट था-

ग्रेटा थनबर्ग ने भारत के खिलाफ कैंपेन का प्लान ट्वीट करके किया डिलीट, कंगना बोलीं-सारे पप्पू एक ही टीम में

पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वालीं ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया था, जिसे उन्होंने डिलीट कर दिया है। बुधवार को दिन भर भारत में ट्विटर ट्रेंड का हिस्सा रहीं ग्रेटा थनबर्ग अब ट्रोल हो रही हैं। दरअसल ग्रेटा थनबर्ग ने एक गूगल डॉक्युमेंट फाइल शेयर की थी, जिसमें किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया कैंपेन का शेड्यूल शेयर किया गया था। यही नहीं इस फाइल को शेयर करते हुए ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके चलते वह निशाने पर आ गई हैं।

उन्होंने एक डॉक्यूमेंट साझा किया था, जिसमें भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना साझा की गई थी। भले ही ग्रेटा ने गलती को समझते हुए अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है, लेकिन तब तक कई जगहों पर उनकी फाइल का स्क्रीनशॉट शेयर होने लगा था। ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट में भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को फासीवादी पार्टी तक करार दिया था। उनके ट्वीट की इस भाषा को लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि क्या वह भी प्रॉपेगेंडा का हिस्सा हैं। इस फाइल में 5 मुख्य बातें लिखी गई थीं, ऑन ग्राउंड प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने पहुंचे। किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शन करने वाली तस्वीरें ई मेल करें। ये तस्वीरें 25 जनवरी तक भेजे

इसके अलावा डिजिटल स्ट्राइक #AskIndiaWhy के साथ फोटो/वीडियो मैसेज 26 जनवरी से पहले या 26 जनवरी तक ट्विटर पर पोस्ट कर दिए जाएं। 4-5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान लाने की प्लानिंग, यानि किसान आंदोलन से जुड़ी चीजों, हैशटैग और तस्वीरों को ट्रेंड कराने की योजना। इसके लिए तस्वीरें, वीडियो मैसेज 5 फरवरी तक भेज दिए जाएं. आखिरी दिन 6 फरवरी का होगा। एक अन्य तरीका बताते हुए लिखा गया था कि स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क करें। इससे भारतीय सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनेगा।

ग्रेटा थनबर्ग की ओर से शेयर की गई फाइल की भाषा को लेकर सवाल उठाते हुए कहा जा रहा है कि वह शायद मुहिम का हिस्सा हैं। दोपहर में विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में भी कहा गया कि विदेशी हस्तियां हैशटैग कैंपेन में न फंसें। माना जा रहा है कि सरकार की ओर से ग्रेटा थनबर्ग, रिहाना और मिया खलीफा जैसी विदेशी हस्तियों को लेकर यह संदेश जारी किया गया है।

कंगना ने कसा तंज सब पप्पू एक ही टीम में हैं: ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट करने और फिर डिलीट करने को लेकर कंगना रनौत ने तीखा हमला किया है। कंगना रनौत ने लिखा है, ‘इस बेवकूफ लड़की ने लेफ्ट वालों के लिए सबसे बड़ी गलती कर दी है। भारत को अस्थिर करने के उनके इंटरनेशनल प्लान को ट्वीट कर दिया है, जो कॉन्फिडेंशियल रहा है। सब पप्पू एक ही टीम में हैं, हाहाहा। जोकरों का समूह।

अब आगे

यानि जिस पढ़ाई-लिखाई  पूरी किये बिना नाम और पहचान कमाने वाली जिस  लड़की को भारत का भूगोल तक नहीं पता, उसके पास भारत के किसान आंदोलन के अंतराष्ट्रीयकरण का पांच चरण का विस्तृत ब्लूप्रिंट है और आंदोलन चल भी ठीक वैसे ही रहा है।

दूसरे तरीके से भी देंखे तो पर्यावरण प्रदूषण से दुनिया नष्ट होने की कल्पना कर अपनी स्कूली पढ़ाई भी अधबीच छोड़ने वाली ग्रेटा को शायद ही यह पता हो कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन में  एक मांग पराली जलाने की छूट भी दी जिसके बारे में वैज्ञानिक दावा करते हैं कि भारी प्रदूषण होता है।

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