नहीं सुधरा मौ. ज़ुबैर, अर्शदीप पर पाक हैंडल के ट्वीट किए रिट्वीट

Md. Zubair : नहीं सुधरे जुबैर! अर्शदीप पर शेयर कर दिया पाकिस्तानी प्रॉपगैंडा वाले ट्वीट्स

Arshdeep Singh Catch Drop news update भारत के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने पाकिस्तानी क्रिकेटर आसिफ अली का कैच छोड़ दिया। एशिया कप का वह मैच भारत हार गया। उसके बाद ट्विटर पर अर्शदीप के खिलाफ ट्वीट्स की बाढ़ आ गई। हालांकि, ज्यादातर ट्वीट्स पाकिस्तानी हैंडल्स से किए गए थे, लेकिन मो. जुबैर ने उनके स्क्रीनशॉट्स शेयर किया।

हाइलाइट्स
मोहम्मद जुबैर के एक और ट्वीट पर विवाद, एफआईआर की मांग
जुबैर ने भारत-पाकिस्तान मैच में अर्शदीप के कैच छोड़ने पर ट्वीट किया
उन्होंने स्क्रीनशॉट्स शेयर किया जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठाया गया

फिर सवालों के घेरे में मोहम्मद जुबैर।

नई दिल्ली: मोहम्मद जुबैर एक बार फिर विवादों में हैं। उन्होंने एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले के बाद ऐसा ट्वीट किया जो उन्हें फिर से जेल के अंदर पहुंचा सकता है। बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने उस ट्वीट के पीछे की मंशा पर गहरा सवाल उठाते हुए पुलिस से शिकायत की और एफआईआर दर्ज करवा दी है। मामला मैच के दौरान भारत के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की तरफ से पाकिस्तानी बैटर आसिफ अली का कैच छोड़ने का है। उस मैच में पाकिस्तान को जीत मिली थी और भारत हार गया था। इस पर धड़ाधड़ ट्वीट्स होने लगे जिसमें अर्शदीप को खालिस्तानी बताते हुए उसपर जान-बूझकर कैच छोड़ने का आरोप लगाया जाने लगा। दावे किए जाने लगे कि अर्शदीप एंटी-नैशनल है जिसने भारत को पाकिस्तान के हाथों हराने के लिए ही मैच के बिल्कुल अहम मोड़ पर कैच छोड़ दिया।
जुबैर ने रात 35 स्क्रीनशॉट्स के साथ किया ट्वीट
मोहम्मद जुबैर ने अर्शदीप को धिक्कारने वाले कुल 35 ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स लेकर ट्वीट किया। 4 अगस्त की रात करीब 11.30 बजे मैच खत्म हुआ और उसी रात 12.05 बजे जुबैर ने स्क्रीनशॉट्स के साथ अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक कैच छूटा और…’ जुबैर ने अपने ट्वीट में #INDvsPAK भी डाला।

जुबैर पर लगा पाकिस्तानी प्रॉपगैंडा फैलाने का आरोप
उसी रात 2.15 बजे विजय पटेल नाम के यूजर ने जुबैर को याद दिलाया कि उनके इस ट्वीट को पाकिस्तान में बहुत पसंद किया जा रहा है। उन्होंने लिखा, ‘यह ट्वीट पाकिस्तानी अकाउंट्स से रीट्वीट और पसंद किया जा रहा है। बधाई, आपने अपना काम कर दिया। आप पाकिस्तान के हीरो हैं!’

मनजिंदर सिंह सिरसा ने की पुलिस से शिकायत

हालांकि, जुबैर को फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने न कोई सफाई दी और न अपना ट्वीट ही डिलीट किया। फिर जुबैर के खिलाफ बातें होने लगीं। उन्हें देश में नफरत फैलाने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने की मांग की जाने लगी। बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह ने तो बाकायदा पुलिस को चिट्ठी लिखकर एफआईआर करने की मांग कर डाली। लेकिन जुबैर हैं कि डिग नहीं रहे। ये वही जुबैर हैं जो अपने ट्वीट के लिए जेल जा चुके हैं और कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत दी है। अदालत ने यह जरूर कहा है कि वो जुबैर या किसी अन्य को ट्वीट करने से कैसे रोक सकता है, लेकिन क्या इससे जुबैर को कुछ भी ट्वीट करने की छूट मिल जाती है?

नूपुर विवाद को भूल गए जुबैर?

यह सवाल इसलिए भी गंभीर है कि बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के टीवी पर दिए एक बयान पर उनके एक ट्वीट से देश में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। वही विवाद देश में लंबे समय तक भय और आतंक का आधार बना रहा। विदेशों से प्रतिक्रियाएं आईं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की फजीहत हुई। इतना ही नहीं, उदयपुर से इंदौर तक आठ लोग इस्लामी कट्टरपंथियों के शिकार हो गए। अगर जुबैर ने ट्वीट नहीं किया होता तो शायद उन कट्टरपंथियों को पता भी नहीं चल पाता कि आखिर उस टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा ने क्या कहा।

इस बार दूसरा अल्पसंख्यक समुदाय हो सकता था आहत

जुबैर को अच्छे से पता है कि पैगंबर को लेकर एक समुदाय में कितनी संवेदनशीलता है, फिर भी उन्होंने ट्वीट किया और भावनाएं भड़क उठीं। उसका नतीजा आठ लोगों की बर्बर हत्याओं के रूप में सामने आया। लेकिन जुबैर हैं कि उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है। उन्होंने फिर से ऐसा ट्वीट किया जिसमें सिख समुदाय के अंदर आक्रोश पैदा करने की पूरी क्षमता है। वह अलग बात है कि वक्त रहते लोगों ने यह साबित कर दिया कि अर्शदीप को खालिस्तानी बताने वाले ज्यादातर ट्विटर हैंडल पाकिस्तानी हैं जिनकी मंशा भारत में सिखों और हिंदुओं के बीच विभेद पैदा करने की है।

जुबैर ने ट्वीट्स की फैक्ट चेकिंग क्यों नहीं की?

जुबैर खुद को फैक्ट चेकर कहते हैं। कहते क्या हैं, वो यही पेश ही अपना रखा है। फिर सवाल उठता है कि क्या उन्होंने जिन ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स लिए थे, उनके हैंडल की जांच की थी? अगर की होती तो उन्हें पता चल गया होता कि भारत के अंदर से अर्शदीप के खिलाफ आवाजें नहीं उठ रही हैं बल्कि यह पाकिस्तानी प्रॉपगैंडा है। अगर उन्होंने अच्छे से देख-परख लिया था, फिर भी ट्वीट किया तो उनकी मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है। यानी, अगर जुबैर ने उन ट्वीट्स की फैक्ट चेकिंग नहीं की तो क्यों नहीं और करके भी स्क्रीनशॉट्स ट्वीट किए तो फिर क्यों?

क्या सब जानबूझकर किया ट्वीट?

सवाल तो दोनों हालात में बनते हैं। दूसरे लहजे में कहें तो अर्शदीप को लेकर किया गया ट्वीट हर हाल में जुबैर को कठघरे में खड़ा करता है। जुबैर वही व्यक्ति हैं जो यह बताते हैं कि कौन सा वीडियो, कौन सा ट्वीट, कौन सा फोटो कहां से लिया गया है, वो कब का है, उसकी उत्पत्ति कहां से हुई है। ऐसे में यह सवाल नाजायज तो नहीं हो सकता कि आखिर अर्शदीप को खालिस्तानी बताने वाले ट्वीटर हैंडल्स कहां के हैं, उनके पीछे कौन लोग हैं, इसका पता लगाने में उन्होंने कोताही क्यों की? क्या यह उनकी कोताही थी या फिर जानबूझकर नजरअंदाज करने के विकल्प का चयन जो वो अक्सर किया करते हैं।

With Intention Md Zubair Shared Screenshots Of Tweets From Pakistani Handles On Arshdeep Singh

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