उत्तराखंड आंदोलनकारी पत्रकार योगेश भट्ट नियुक्त हुए सूचना आयुक्त

उत्तराखंड आंदोलनकारी पत्रकार योगेश भट्ट को उत्तराखंड का सूचना आयुक्त बनाए जाने पर मीडियाकर्मियों में ख़ुशी की लहर

 

बधाई….
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उत्तरांचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार व प्रखर राज्य आंदोलनकारी योगेश भट्ट की राज्य सूचना आयोग में बतौर सूचना आयुक्त नियुक्ति पुष्कर सिंह धामी सरकार का महत्वपूर्ण और सराहनीय फैसला है। यह न केवल उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और प्रदेशभर की पत्रकार बिरादरी का सम्मान है, अपितु हर उस व्यक्ति का भी सम्मान है, जो उत्तराखंड और यहां के सवालों पर गंभीर है। संभवत यह पहली बार हुआ है कि जब जुगाड़ तंत्र को दरकिनार करते हुए पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य के भीतर से ही किसी पत्रकार को अहम जिम्मेदारी दी है। स्टूडेंट्स एंड यूथ अलायंस यानी साया के संचालनकर्ताओं में शामिल रहे योगेश भट्ट पर राज्य नहीं तो चुनाव नहीं आन्दोलन के दौरान गिरोहबंद अधिनियम (गैंगस्टर एक्ट) भी लगाया गया था। डीएम- एडीएम से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों की गाड़ियां कब्जे में लेकर शहर भर में आंदोलनकारी घटनाओं को अंजाम देने वाले साया की हर क्रांतिकारी गतिविधि का हिस्सा वे रहे हैं। राज्य बनने के बाद भी तमाम मंचों पर उत्तराखंड से जुड़े सवालों पर योगेश की मुखरता निरंतर बनी रही है। 90 के दशक के उत्तरार्ध में अपनी पत्रकारिता की पारी आरंभ करने वाले योगेश भट्ट की पहचान प्रखर पत्रकार के रूप में भी बनी हुई है। अब तक होता यह आया है कि जब भी किसी पद पर पत्रकारों के नाम पर मनोनयन का मौका आता है, तो जुगाड़ लगाकर बाहर से आए किसी पत्रकार को उस पर बिठा दिया जाता है या फिर किसी गैर पत्रकार को। अक्सर पत्रकारों के मनोनयन के मामले में अब तक जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं, वे एकाधिक अपवाद को छोड़कर हमेशा विवादित रही हैं। इसकी वजह यह है कि अब तक जो भी नियुक्तियां हुई हैं, उनमें नियुक्ति पाने वाले पत्रकार की सामाजिक सरोकारों को लेकर कोई सक्रिय भूमिका कभी नहीं रही। यही वजह है कि योगेश के मनोनयन को व्यापक फलक पर देखा जा रहा है। दक्षिणपंथ से लेकर वामपंथ तक और आंदोलनकारियों से लेकर पत्रकारों के तमाम खेमों तक तक सरकार के फैसले की चौतरफा सराहना की जा रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि योगेश सूचना आयोग जैसे प्लेटफार्म को राज्य और जनहित के संदर्भ में बेहतर ढंग से उपयोग कर पाएंगे। उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से योगेश भट्ट को इस मनोनयन पर बधाई एवं शुभकामनाएं और धामी सरकार समेत चयन समिति को सर्वथा योग्य चयन के लिए साधुवाद….

-जितेंद्र अंथवाल, अध्यक्ष उत्तरांचल प्रेस क्लब

योगेश भट्ट होंगे उत्तराखंड राज्य सूचना आयुक्त। इस फैसले से धामी जी ने दिल जीत लिया। शानदार फैसला। अब जलने वाले जले मेरी बला से।

प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट को सूचना आयुक्त बनाया है। शासन ने इस सम्बंध में अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने शासन को प्राप्त आवेदनों के आधार पर उनका चयन किया है। समिति में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कैबिनेट मंत्री चन्दनराम दास शामिल हैं। योगेश भट्ट उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में भी काफी सक्रिय रहे।

-पंकज पंवार

सीएम पुष्कर धामी को इस फैसले के लिए धन्यवाद। बड़े भाई, राज्य आंदोलनकारी, वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट जी को राज्य सूचना आयुक्त बना कर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बेहतरीन फैसला लिया। इस फैसले के जरिए राज्य आंदोलनकारियों और राज्य के पत्रकारों का सम्मान किया गया।

योगेश भट्ट की पहचान हमेशा लोगों के सुख दुख में साथ खड़े रहने की है। कोई भी आंदोलनकारी हो, पत्रकार हो या कोई भी जानने वाला, वो हर शख्स की मदद को हरदम तैयार रहते हैं। तन, मन, धन से साथ जुड़े रहते हैं। वो किसी की मदद करने के दौरान ये नहीं देखते की सामने वाला उन्हें पसंद करता है या नहीं। उनसे जुड़ा है या नहीं। वो न जानने वाले की मदद को भी हमेशा तैयार रहते हैं।

यही वजह है, जो पिछले लंबे समय से मुख्य धारा की पत्रकारिता से दूर रहने के बावजूद उनका जुड़ाव किसी से कम नहीं हुआ है। बल्कि जो आत्मियता उनकी लोगों के साथ है, वो रोज साथ उठने बैठने वाले भी अपने साथ के लोगों से नहीं बना पाए होंगे। उनके लेखों के हर एक एक शब्द को हर शख्स पूरी तवज्जो देता है।
यही वजह है, जो आज राज्य सूचना आयुक्त बनाए जाने का फैसला सार्वजनिक होते ही उन्हें बधाई देने वालों का सोशल मीडिया में तांता लगा हुआ है। राइट हो या लेफ्ट, सभी उन्हें राज्य सूचना आयुक्त बनाए जाने के फैसले का स्वागत करने के साथ ही सरकार का धन्यवाद दे रहे हैं।

मैंने उनके साथ महज ढाई साल काम किया, लेकिन इस ढाई साल में उनके साथ वो रिश्ता जुड़ा, जो आज तक कायम है। शायद ही कोई सप्ताह ऐसा गुजरता हो, जब उनका फोन न आता हो। उनका मकसद हमेशा साथ के लोगों को आगे बढ़ाने का रहा है। न की टांग खींचने, नुकसान पहुंचाने का। हमेशा धारा के विपरीत रहकर भी अपने को उन्होंने स्थापित किया। आज सरकार ने उन्हें ये सम्मान देकर सभी को गौरान्वित होने का मौका दिया है। ये उत्तरांचल प्रेस क्लब के लिए भी गौरान्वित क्षण है। प्रेस क्लब के एक सदस्य, महासचिव और अध्यक्ष रहे योगेश भट्ट जी को राज्य सूचना आयुक्त बना कर एक नई परम्परा की शानदार शुरुआत सरकार ने की है। एकबार फिर बड़े भाई और पूरी पत्रकार बिरादरी को बधाई।

-रवि नेगी

हिंदी पत्रकारिता में कुछ गिने चुने पत्रकारों में मित्र योगेश भट्ट हमेशा शुमार रहे हैं। दैनिक जागरण देहरादून की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे। नब्बे का दशक रहा होगा। हम दोनों ने मिलकर ताबड़तोड़ खबरों से तब दून से दिल्ली तक हड़कंप मचाया हुआ था। नारायण दत्त तिवारी सीएम थे। अशोक पांडेय edition incharge थे। योगेश चूंकि उत्तराखंड आंदोलन से जुड़े रहे, सो उनके पास खबरें चल कर आया करती थी। राज्य सरकार को हिला देने वाली खबरों से सीएम साहेब परेशान रहते थे। लेकिन वो कहते थे ऐसी खबरों से व्यवस्था चलाने में मदद मिलती है। योगेश की तूती बोलने लगी।

मैं दिल्ली से देहरादून गया था। मेरा ध्यान ऐसी खबरों पे रहा जो all edition पहले पेज पर जगह बनाये। एक खबर ज़ेहन में आ रही है। तब संसद में National Biodiversity Bill Table करने की तैयारी थी। मैंने FRI के विशेषज्ञों से बिल की खामियों पे तीन दिन लगातार खबर की। जागरण के सभी संस्करणों में पेज वन छपी- मिलने वाली है बाघ, हिरण को मारकर दवाई बनाने की आजादी। बाद में बिल के प्रारूप में संशोधन हुआ तो The Hindu ने मेरी खबर पर विस्तार से रिपोर्टिंग की थी।

उसी समय योगेश राज्य सरकार को लेकर हर दिन पेज वन लीड खबर से स्थानीय संसकरण को आबाद कर रहे थे। जल्द ही जमी जमाये अमर उजाला को परेशानी होने लगी। तब सुभाष गुप्ता अमर उजाला के इंचार्ज थे। दैनिक जागरण उस समय बस आया ही था। आक्रामक खबरों ने जल्द ही जागरण को पाठकों का प्रिय बना दिया।

वो दिन इसलिए शिद्दत से याद कर रहा हूँ क्योंकि आज योगेश भट्ट को उत्तराखंड के सीएम ने सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी दी है। Information Commissioner के पद पर योगेश भट्ट जैसे प्रखर पत्रकार के चयन को मैं व्यक्तिगत रूप से बेहतरीन फैसला मानता हूँ। सीएम पुष्कर सिंह धामी को बहुत बधाई। योगेश भट्ट को बहुत शुभकामनाएं।

-शिशिर सोनी

 

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