अतीक को शहीद बता पटना जामा मस्जिद में मांगी दुआ

BiharPatnaAtiq Ahmed Support Slogans Raised In Patna Jama Masjid Who Instigated Bihar Muslims

‘या अल्लाह! अतीक अहमद की शहादत को कबूल फरमा’, बिहार के मुसलमानों को किसने भड़काया?

उत्तर प्रदेश में मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद के समर्थन में बिहार की राजधानी पटना में अलविदा की नमाज के बाद नारेबाजी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारे लगाए गए। ये सबकुछ पटना जंक्शन से सटे जामा मस्जिद के बाहर हुआ। नारेबाजी के वक्त कोई पुलिसवाला झांकने तक नहीं आया। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला था।

हाइलाइट्स
1-उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अतीक अहमद के समर्थन में पटना में नारेबाजी
2-जामा मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने की नारेबाजी
3-प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारे लगाए गए
4-बिहार को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं सीएम नीतीश कुमार- भाजपा

पटना 21 अप्रैल: ‘आज हमने दुआ किया…या अल्लाह…! अतीक अहमद के शहादत को कबूल फरमाए। आज हमने यही दुआ किया अल्लाह से।’ पटना जामा मस्जिद के बाहर अलविदा की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अतीक अहमद के समर्थन में नारे बाजी की। केंद्र और यूपी सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए। अतीक अहमद के समर्थन में कसीदे पढ़े। नारे लगानेवाले रईस गजनवी ने बड़े ही फक्र से पूरे के पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा किया।

पटना में अतीक के समर्थन में नारेबाजी

अतीक के समर्थन में नारेबाजी कर रहे शख्स ने अपना नाम रईस गजनवी बताया। उसने कहा कि ‘आज हमने दुआ किया… या अल्लाह! अतीक अहमद की शहादत को कबूल फरमा। आज हमने यही दुआ किया अल्लाह से कि अतीक अहमद, अशरफ अहमद और असद अहमद की शहादत को कबूल फरमा। उन्हें मारा गया। योगी सरकार ने उन्हें प्लांड-वे में मरवाया। इसमें कोर्ट, मीडिया, सरकार और पुलिस सबका हाथ है। शहीद हुआ है अतीक अहमद। रोजा के दिन में उसको सरकार और पुलिस ने अपराधियों के जरिए मरवाया। पूरी दुनिया के मुसलमानों की नजर में वो शहीद हो गया। उसकी हत्या के लिए कोर्ट भी जिम्मेवार है।’

अतीक पर तेजस्वी ने की थी बयानबाजी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पिछले दिनों अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस कस्टडी में दोनों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया था, जहां मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे तीन बदमाशों ने पुलिस की मौजूदगी में ताबड़तोड़ गोली मारी। अतीक और उसके भाई पर हत्या, रंगदारी अपहरण के दर्जनों मामले दर्ज थे। इस घटना पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था कि ‘पुलिस कस्टडी में हुई हत्या, ये कानून का जनाजा निकला है। ये घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में किस तरह का राज चल रहा है। अपराधियों और अपराध का समर्थन नहीं करने की बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा उत्तर प्रदेश में जो हुआ है। वह ठीक नहीं हुआ है।’

नीतीश कुमार ने भी जताया था दुख

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ही नहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अतीक की हत्या के बाद योगी सरकार पर हमला बोलते देखे गए। नीतीश कुमार ने कहा कि ‘अगर कोई अपराधी है तो क्या उसे गोली मार दीजिएगा? सजा देने के लिए न्यायालय बना है। इस पर निश्चित रूप से एक्शन लेने चाहिए, ऐसे मार देना दुःखद है। ये तो कोर्ट न तय करती है कि उसे क्या सजा देनी है। अगर कोई जेल से निकलेगा और कोई बीमार हो गया तो उसको मार दीजिएगा? ऐसा कोई कैसे कर सकता है? रास्ते में मौत हो जाना बेहद बड़ी बात है। ये निश्चित तौर पर कानून-व्यवस्था पर सवाल है। सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला है।

अब भाजपा  हुई नीतीश पर हमलावर

यूपी के गैंगस्टर रहे अतीक अहमद के पक्ष में नारेबाजी से भारतीय जनता पार्टी बिफर पड़ी। भाजपा के नेताओं ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। भाजपा ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं, वे यहां तालिबानी कानून लागू करना चाहते हैं। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने कहा कि उनकी मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति ने बिहार को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। पटना में सरेआम अतीक अहमद जैसे गुंडे और मवाली के समर्थन में नारे लग रहे हैं। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा इस तरह की नारेबाजी में सरकार का कहीं ना कहीं इनवॉल्वमेंट जरूर है।

 

क्रिमिनल से मुसलमान हो गई पहचान?

अतीक की एक क्रिमिनल से ज्यादा मुसलमान की पहचान कैसे बन गई? आखिर बिहार से उसका क्या लेना-देना? वो आखिरी बार बिहार कब आया, ये तो ठीक से किसी को मालूम भी नहीं है। उसके सताए लोगों में हिन्दू और मुसलमान दोनों हैं तो फिर इस तरह की नारेबाजी क्यों? बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अतीक नाम की वजह से दुखी थे या फिर घटना को लेकर? इस देश में अतीक की हत्या से भी बड़े वारदात को अपराधी अंजाम दे चुके हैं। मगर मज़हब के हिसाब से मातम का सिलसिला कई सवाल खड़ा करता है।

 

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