बाबरी के मुद्दई इकबाल अंसारी को भूमि पूजन का पहला निमंत्रण पत्र, ख़ुश हो कर बोले-रामजी सबके हैं, उनकी हैं मर्जी

‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने वाले इकबाल अंसारी को भूमि पूजन का पहला कार्ड, कहा- एक समुदाय के नहीं, सबके हैं राम
निमंत्रण मिलने के बाद अंसारी ने कहा कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में भागीदार बनकर उन्हें मंदिर निर्माण में सहभागी बनने का मौका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाकर विवाद खत्म कर दिया है। अब आगे कोई विवाद नहीं होना चाहिए.
राम मंदिर भूमि पूजन के लिए इकबाल अंसारी को भेजा गया निमंत्रण पत्र (साभार एएनआई)
अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन के लिए आमंत्रण-पत्र भेजे जाने शुरू हो गए हैं। सोमवार (अगस्त 3, 2020) को कार्यक्रम का पहला आमंत्रण पत्र बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी को भेजा गया। निमंत्रण पत्र पाकर अंसारी काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा, “यह भगवान राम की ही इच्छा होगी कि मंदिर निर्माण का पहला आमंत्रण पत्र मुझे मिले। मैं इसे स्वीकार करता हूँ।”
बता दें कि इकबाल अंसारी के पिता हाशिम अंसारी बाबरी अयोध्या विवाद में बाबरी मस्जिद के मुद्दई थे। वे 1949 से मुकदमे की पैरवी कर रहे थे। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में हाशिम अंसारी कॉन्ग्रेस को दोषी मानते थे। वहीं, मुस्लिम नेताओं के भी आलोचक थे। उनके इंतकाल के बाद इकबाल ने बाबरी मस्जिद को लेकर कानूनी लड़ाई जारी रखी थी। हालॉंकि अदालत के फैसले के बाद उन्होंने इसका स्वागत किया था।
वैसे इकबाल पिछले साल उस समय भी चर्चा में आए थे जब अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह से उनका विवाद हुआ था। गौरतलब है कि 3 सितंबर को वर्तिका सिंह राम मंदिर को लेकर बात करने इकबाल अंसारी से के घर पहुँची थीं। इस दौरान दोनों में विवाद हो गया था। वर्तिका का कहना था कि बातचीत के दौरान इक़बाल अंसारी ने न सिर्फ़ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लेकर अपशब्द भी कहे।
वर्तिका सिंह की याचिका के बाद पुलिस ने इकबाल अंसारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 504, 505 (2) और 506 के तहत राम जन्मभूमि थाने में केस दर्ज किया था। वर्तिका ने कोर्ट में दी याचिका में इकबाल अंसारी पर मारपीट का आरोप लगाया था।
निमंत्रण मिलने के बाद अंसारी ने कहा कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में भागीदार बनकर उन्हें मंदिर निर्माण में सहभागी बनने का मौका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाकर विवाद खत्म कर दिया है। अब आगे कोई विवाद नहीं होना चाहिए। दोनों मिलकर रहें। अंसारी ने कहा कि भगवान राम किसी एक के नहीं सारे समुदाय के हैं। हम उनकी नगरी में ही रहते हैं, यह सौभाग्य की बात है।
इकबाल अंसारी ने पहले भी कहा था कि भूमिपूजन में अगर उन्हें निमंत्रण दिया जाता है तो वह जरूर जाएँगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रामनामी पटका से स्वागत करने की इच्छा भी जताई है। इसके अलावा इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामचरित मानस भेंट करने की इच्छा जताई है।
बता दें कि 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।

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