नवरात्रि में सायरा बानो समेत तीन महिलाओं को महिला आयोग में

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तीन महिला कार्यकर्ताओं को दायित्व से नवाजा, सायरा बानो को भी राज्यमंत्री का दर्जा
सीएम रावत ने तीन महिला कार्यकर्ताओं को दायित्व से नवाजा।
देहरादून, 20 अक्तूबर । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नवरात्र के अवसर पर तीन महिलाओं को दायित्व से नवाजकर तोहफा दिया है। राज्य महिला आयोग में तीन महिला कार्यकर्ताओं को दायित्व के साथ ही राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। तीन तलाक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली काशीपुर की महिला सायरा बानो को महिला आयोग में उपाध्यक्ष (प्रथम), रानीखेत की ज्योति शाह को उपाध्यक्ष (द्वितीय) और चमोली की पुष्पा पासवान को उपाध्यक्ष (तृतीय) बनाया गया है। सायरा बानो ने हाल ही में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। आयोग में उपाध्यक्ष के तीन पदों पर काफी समय से खाली चल रहे थे।

आपको बता दें कि तीन तलाक मामले में कानूनी लड़ाई लड़कर मिसाल पेश करने वाली उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले की रहने वाली सायरा बानो ने 10 अक्टूबर को भाजपा में शामिल हुई थीं। इस मौके पर शायरा बानो ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों से प्रेरित होकर वह पार्टी में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए वह निरंतर संघर्ष करती रहेंगी।

गौरतलब है कि तीन तलाक मामले में उच्चतम न्यायालय में प्रथम याचिकाकर्ता शायरा बानो ऊधमसिंहनगर जिले के गोपीपुरा पांडे कॉलोनी (काशीपुर) की रहने वाली हैं। उन्होंने 23 फरवरी 2016 को उच्चतम न्यायालय में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दायर की। उन्होंने दृढ़ता के साथ कानूनी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की। तब से वह चर्चा में रहीं।
शायरा के सियासत में आने की चर्चा तब शुरू हुई, जब उन्होंने आठ जुलाई 2018 को प्रदेश भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अजय भट्ट से मुलाकात कर भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई थी। तब ये तय हुआ था कि वह दिल्ली में केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था। लंबे इंतजार के बाद शायरा देहरादून में भाजपा में शामिल हुईं थीं।
बीजेपी (BJP) में शामिल होने के बाद सायरा बानो (Shayara Bano) ने कहा था कि तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार ने जो कानून बनाया है, उससे वह प्रभावित है ट्रिपल तलाक (Triple Talaq) और हलाला के खिलाफ आवाज उठाकर मामले को सुप्रीम कोर्ट से असंवैधानिक घोषित कराने और इसे दंंडनीय अपराध घोषित कर कानून पारित करवाने में कामयाब रहीं सायरा बानो (Shayara bano) पिछले महीने बीजेपी (BJP) में शामिल हो गईं. उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष बंशीधर भगत ने एक सादे समारोह में उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई थी। सायरा बानो ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना रोल मॉडल बताया और कहा कि मुस्लिम समाज में बीजेपी को लेकर जो डर और संशय बना हुआ है उसे वे दूर करने का प्रयास करेंगी.

बीजेपी में शामिल होने के बाद सायरा बानो ने कहा था कि तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार ने जो कानून बनाया है, उससे वह प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि वे अल्पसंख्यक समाज को जोड़ने का काम करेंगी और समाज में फैली विभिन्न भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करती रहेंगी.

कौन हैं सायरो बानो
> उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली रिटायर्ड आर्मी अफसर की बेटी सायरा बानो एमबीए पास हैं.

> सायरा बानो की शादी प्रयागराज निवासी प्रॉपर्टी डीलर रिजवान से 2002 में शादी हुई थी. रिजवान से सायरा बानो के दो बच्चे भी हैं. साल 2015 में पति की प्रताड़ना से परेशान होकर वह अपने मायके आ गई थीं. पति रिजवान ने एक कागज पर तीन बार तलाक लिखकर उससे रिश्ता तोड़ लिया था.

> 23 फरवरी, 2016 को सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तीन तलाक बोलकर पत्नी को छोड़ने और फिर पुनर्स्थापना को अनिवार्य हलाला की कुप्रथा को चुनौती दी थी. अदालत से इसे गैरकानूनी करार देकर महिलाओं को भी बराबरी का हक देने वाला कानून बनाने की अपील की थी.

> 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के पैनल में से तीन ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया था.

> 30 जुलाई 2019 को भारत की संसद ने भी इसे असंवैधानिक करार देते हुए कानून बना ट्रिपल तलाक को दंडनीय अपराध घोषित कर दिया.

> 44 साल की हो चुकी सायरो बानो पिछले साल बीजेपी में शामिल हो गई थी।

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