वैक्सिनेशन सिरिंज कहां से आ रही है? इसमें भी भारत ही लीडर

 

कोविड वैक्सीनेशन के लिए सबसे जरूरी हथियार है सिरिंज, कौन सी कंपनी कर रही है करोड़ों सिरिंज का इंतजाम?

नई दिल्ली 06 अप्रैल। भारत में पिछले 3 दिनों में सिर्फ कोरोना वैक्सीनेशन में 1 करोड़ से ज्यादा सिरिंज का इस्तेमाल हुआ है। सिरिंज कोविड वैक्सीनेशन का सबसे जरूरी हथियार है, जिसके बिना कोविड वैक्सीन किसी काम की नहीं रह जाएगी। वैक्सीनेशन के लिए सिरिंज की भारी मांग पूरी करने में देश की सबसे बड़ी सिरिंज कंपनी ‘हिंदुस्तान सिरिंजेस एंड मेडिकल डिवाइसेज’ (HMD) लगातार कोशिश कर रही है।

यह कंपनी 100 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट से अपनी क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके जरिए कंपनी अब हर साल 300 करोड़ सिरिंज बनाना चाह रही है, जबकि कंपनी अभी हर साल 250 करोड़ सिरिंज बनाती है। ऐसे समय जब पूरी दुनिया में सिरिंज की मांग बढ़ी हुई है, भारत की सिरिंज जरूरतों को पूरा करने के लिए यह बड़ा और जरूरी कदम है।

HMD के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव नाथ ने कहा, ‘इस इन्वेस्टमेंट को कंपनी सिर्फ सिरिंज बनाने, जरूरी मशीनें खरीदने और पैकेजिंग पर ही खर्च नहीं करेगी बल्कि वह सिरिंज की सुईयां बनाने, कर्मचारियों को रखने और उन्हें ट्रेनिंग देने में भी इस पैसे का इस्तेमाल करेगी।’ एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी में फिलहाल 3000 फुल टाइम कर्मचारी हैं और 5000 कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं।

हर्ड इम्युनिटी पाने के लिए होगी 180 करोड़ सिरिंज की जरूरत

भारत में अब तक कोविड वैक्सीन के 7.5 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य जुलाई के अंत तक वैक्सीन के 40 करोड़ डोज लगाने का है। वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक देश में कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी विकसित करने के लिए जनसंख्या के 60% लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने की जरूरत होगी।

ऐसे हालात में अगले कुछ महीनों में देश में करीब 90 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगानी होगी। इतने लोगों को वैक्सीन की दो डोज लगाने के लिए 180 करोड़ सिरिंज चाहिए होंगी। इनमें से 32.5 करोड़ सिरिंज की जरूरत सिर्फ जुलाई के आखिरी तक होगी।

इतनी बड़ी मात्रा में सिरिंज सप्लाई के लिए भारत सरकार ने HMD से फिलहाल 26.5 करोड़ सिरिंज का कॉन्ट्रैक्ट किया है। इसके अलावा दुनिया की सबसे बड़ी सिरिंज निर्माता बेक्टन, डिकिंसन एंड कंपनी (BD) के साथ भी सरकार ने 4.4 करोड़ सिरिंज के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है।

राजीव नाथ ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘हम भारत सरकार को सितंबर तक 44 करोड़ सिरिंज दे सकते हैं। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक 17.7 करोड़ सिरिंज की सप्लाई तो अप्रैल तक ही कर देंगे।’

दुनिया भर में वैक्सीनेशन के लिए चाहिए होंगी 1000 करोड़ सिरिंज

दुनिया भर में कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी विकसित करने के लिए करीब 1000 करोड़ सिरिंज की जरूरत होगी। इसके अलावा दूसरी बीमारियों से जुड़े वैक्सीनेशन और बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए भी भारी मात्रा में सिरिंज की जरूरत होगी। ऐसे हालात में HMD और BD जैसी दुनिया की बड़ी कंपनियों का अपनी क्षमता बढ़ाने की कोशिश करना जरूरी हो जाता है।

BD भी 1200 करोड़ रुपए कंपनी में लगाकर क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रही है। ये दोनों ही कंपनियां दुनिया के कई देशों को अपनी सिरिंज का निर्यात भी कर रही हैं ताकि सभी जगहों पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम आसानी से चलता रहे। BD ने अपने देश अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, कनाडा और भारत सहित कई देशों को सिरिंज की सप्लाई कर रही है।

HMD, WHO-कोवैक्स प्रोग्राम, ब्राजील और जापान को दे रही सिरिंज

भारतीय कंपनी HMD भी दुनिया के कई देशों को सिरिंज दे रही है। यह कंपनी सबसे ज्यादा 24 करोड़ सिरिंज WHO कोवैक्स प्रोग्राम को दे रही है। कोवैक्स प्रोग्राम के जरिए दुनिया के कमजोर देशों को वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है। इसके अलावा HMD, 7.9 करोड़ सिरिंज की सप्लाई ब्राजील को और 1.5 करोड़ सिरिंज की सप्लाई जापान को भी कर रही है।

♦सबसे बड़ी सिरिंज निर्माता कैसे बनी HMD?

साल 1957 में शुरू हुई HMD एक फैमिली बेस्ड बिजनेस है। इसकी स्थापना वर्तमान MD राजीव नाथ के पिता नरेंद्र नाथ ने की थी। राजीव कहते हैं, ‘शुरुआत से ही हमारी कंपनी मार्केट में सबसे आगे रही है। पहले कांच की सिरिंज, फिर डिस्पोजेबल सिरिंज और फिर एक बार ही काम में आने वाली सिरिंज लेकर आए, हम हमेशा बाजार के साथ बदलते रहे। इसी तरह हमारी सिरिंज की सुई में भी बदलाव आया। फिलहाल कुल भारतीय बाजार का 60% हमारे पास है।’

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