उत्तराखंड 25 अगस्त: फिर ठीक हुए 22 लोगों से ज्यादा 32 नये केस, सक्रीय केस320

प्रदेश में बुधवार को बागेश्वर जिले में एक भी संक्रमित नहीं मिला है। वहीं, कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 95.99 फीसदी पहुंच गए हैं।

उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 32 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 22 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मामलों की संख्या भी बढ़कर 320 पहुंच गई है। जबकि मंगलवार को प्रदेश में 310 सक्रिय मामले थे।

 

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, बुधवार को 16289 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। बागेश्वर जिले में एक भी संक्रमित नहीं मिला है। वहीं, अल्मोड़ा, चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में दो-दो, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी और ऊधमसिंह नगर में एक-एक, देहरादून और रुद्रप्रयाग में तीन-तीन व नैनीताल में 13 संक्रमित मरीज मिले हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 342818 हो गई है। इनमें से 329069 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7377 लोगों की जान जा चुकी है।

राज्य में अब तक कोरोना के तीन लाख 42 हजार 818 मामले आए हैं। इनमें से 95.99 फीसद यानी तीन लाख 29 हजार 69 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। फिलवक्त राज्य में कोरोना के 320 सक्रिय मामले हैं। वहीं, 7377 मरीजों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटे में निजी और सरकारी लैब से 16 हजार 321 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें से 16 हजार 289 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। नैनीताल में सबसे अधिक 13 लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा देहरादून व रुद्रप्रयाग में तीन-तीन, अल्मोड़ा, चमोली, पिथौरागढ़ व उत्तरकाशी में दो-दो और चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी व ऊधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। बागेश्वर में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला है।

फंगस से राहत, नया मामला नहीं

राज्य में फंगस (म्यूकर माइकोसिस) से राहत है। बुधवार को भी प्रदेश में इस बीमारी का कोई नया मामला नहीं मिला और न किसी मरीज की मौत ही हुई। वहीं, एक मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ है। प्रदेश में अब तक फंगस के 574 मामले मिल चुके हैं। इनमें से 131 मरीजों की मौत हो चुकी है और 334 स्वस्थ हो चुके हैं।

70423 व्यक्तियों का हुआ टीकाकरण

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण भी तेजी से चल रहा है। बुधवार को भी प्रदेश में 846 केंद्रों पर 70 हजार 423 व्यक्तियों का टीकाकरण हुआ। अब तक 60 लाख 71 हजार 900 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है। जबकि, 19 लाख नौ हजार 276 का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।

उत्तराखंड: कोरोना वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक कराने की अनिवार्यता समाप्त, अब केंद्रों पर सीधे लगवाएं टीका

अब टीका लगवाने वाले लोगों को आधार कार्ड लेकर टीकाकरण केंद्रों पर जाना होगा। जहां न सिर्फ उनका पंजीकरण किया जाएगा वरन टीका भी लगाया जाएगा।

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कोरोना बीमारी से बचने को लेकर टीका लगवाने वाले लोगों को अब स्लॉट बुक कराने के साथ ही अपनी बारी का इंतजार नहीं करना होगा

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब टीका लगवाने वाले लोगों को आधार कार्ड लेकर टीकाकरण केंद्रों पर जाना होगा। जहां न सिर्फ उनका पंजीकरण किया जाएगा वरन टीका भी लगाया जाएगा

टीकाकरण अभियान के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉक्टर. सुधीर कुमार पांडे ने बताया कि टीकाकरण र्केद्रों पर अब टीका लगवाने को लेकर मारामारी की स्थिति नहीं है। अब लोगों को पहले की तरह स्लॉट बुक कराने की भी जरूरत नहीं है। आधार कार्ड लेकर सीधे टीकाकरण केंद्र आएं और पंजीकरण करने के साथ ही टीका लगवाएं।
पर्याप्त डोज मुहैया कराने के साथ ही टीकाकरण अभियान तेज
नोडल अधिकारी डॉक्टर. पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से टीके की पर्याप्त डोज मुहैया कराने के साथ ही टीकाकरण अभियान तेज कर दिया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 12.10 लाख लोगों यानी 84 फीसदी लोगों को कोरोना टीके की पहली डोज लगायी जा चुकी है।

मात्र 16 फीसदी लोगों को टीके की पहली डोज लगाया जाना बाकी है। जहां तक टीके की दूसरी डोज का सवाल है तो 45 साल से अधिक 60 फीसदी लोगों को टीके की दूसरी डोज लगायी जा चुकी है। जबकि 18 से 45 साल के 30 फीसदी लोगों को टीके की दूसरी डोज लगायी जा चुकी है।

नोडल अधिकारी डॉक्टर. पांडे का कहना है कि कई भ्रांतियों के चलते लोग टीकाकरण केंद्रों पर नहीं आ रहे हैं, जो ठीक नहीं है। भ्रांतियों को मन से निकालकर लोगों को टीकाकरण के लिए आगे आना चाहिए।

वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किए गए मेगा वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत दूसरे दिन मंगलवार को जिले भर में 22300 लोगों का टीकाकरण किया गया। इस दौरान जिले भर में बनाए गए 166 टीकाकरण केंद्रों पर लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। बता दें कि मेगा वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत पहले दिन तीस हजार लोगों का टीकाकरण किया गया था। जबकि टीकाकरण का लक्ष्य एक लाख रखा गया था।
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आशा रोडी चेक पोस्ट पर हो बाहर से आने वालों की हो कोरोना जांच

वीर भूमि फाउंडेशन ने आशारोडी चेक पोस्ट पर दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर या वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच की मांग की है। इस संबंध में फाउंडेशन ने एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर इसके लिए निर्देश जारी किए जाने की मांग की।

फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश रावत ने कि फाउंडेशन की जानकारी में आया है कि आशारोडी चेक पोस्ट पर बाहरी राज्यों से आने वाले लोग बिना किसी रोक के लिए आ रहे हैं। पहले यहां लोगों की कोरोना जांच की जा रही थी लेकिन अब जांच बंद कर दी गई है।

न तो यहां आरटीपीसीआर रिपोर्ट चेक की जा रही है और न ही कोरोना वैक्सीनेशन रिपोर्ट। इसमें पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी लापरवाही बरत रहा है। कहा कि वैज्ञानिक लगातार तीसरी लहर की आंशका जता रहे हैं, ऐसे में जांच में लारवाही बरतने का मतलब है उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देना।

कहा कि संक्रमण वैसे भी अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में लापरवाही भारी पड़ सकती है। एसएसपी से उन्होंने चेक पोस्ट पर बाहर से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट या वैक्सीनेशन रिपोर्ट की जांच के निर्देश देने की मांग की है।

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