उत्तराखंड कोरोना 18 जून:222 नये केस, चार मौतें,451हुए ठीक

उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में 222 नए संक्रमित मिले, चार की मौत, 451 मरीज हुए ठीक
उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर काबू में आ गई है। प्रदेश में अब संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 95.26 फीसदी तक पहुंच गया है।

उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 222 नए मामले सामने आए हैं। वहीं चार मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा आज 451 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को 26872 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, अल्मोड़ा में 17, बागेश्वर में तीन, चमोली में सात, चंपावत में आठ, देहरादून में 63, हरिद्वार में 46, नैनीताल में 14, पौड़ी में 14, पिथौरागढ़ में 14, रुद्रप्रयाग में 12, टिहरी में 11, ऊधमसिंह नगर में 10 और उत्तरकाशी में तीन मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल मामलों की संख्या तीन लाख 38 हजार 288 हो गई है। इनमें से तीन लाख 22 हजार 258 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3231 पहुंच गई है। राज्य में कोरोना के चलते अब तक 7017 लोगों की जान जा चुकी है।

कोरोना से बचने के लिए टीकाकरण जरूरी : यतीश्वरानंद

राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि इस समय कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। इसके साथ ही शारीरिक दूरी और बाहर निकलने पर मास्क और सैनिटाइज का प्रयोग करना जरूरी है। वह कलियर विधानसभा क्षेत्र के पाडली गुर्जर के शक्ति विहार कॉलोनी में आयुष किट बांटने के दौरान आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

शुक्रवार को रुड़की की शक्ति विहार कॉलोनी में भाजपा नेता अजय सैनी के नेतृत्व में लोगों को आयुष किट वितरित की गई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे गन्ना एवं चीनी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि लोगों को कोरोना वैक्सीन के लिए जागरूक करने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर तक काम कर रहे हैं।

जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को वैक्सीनेशन और कोरोना टेस्ट के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस मौके पर भाजपा नेता अजय सैनी ने कहा कि इस विपदा की घड़ी में हर किसी को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।

धीमी हुई वैक्सीनेशन की रफ्तार, 37 दिनों में केवल 12 प्रतिशत युवाओं को लगा टीका

राज्य में कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए 18 से अधिक आयु के युवाओं के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत धीमी है। 37 दिनों में करीब 12 प्रतिशत युवाओं को ही वैक्सीन लग पाई है। प्रदेश में 50 लाख युवाओं को वैक्सीन लगनी है, लेकिन अभी तक मात्र 5 लाख 91 हजार को ही पहली डोज लग पाई है। इससे सरकार के कोरोना पर पूरी तरह से काबू पाने के दावे धरातल पर उतरते नहीं दिख रहे हैं।

बुजुर्ग और कोरोना वारियर्स स्वास्थ्य कर्मियों के बाद सरकार ने राज्य की करीब आधी आबादी यानि 18 से 44 साल के युवाओं को कोरोना की वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया था। 10 मई से वैक्सीनेशन का काम शुरू किया गया। शुरू में वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से चला, लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते यह काम धीमा हो गया है। जिन केंद्र में 1 हजार टीके लगते थे, वहां घटकर 100 टीके प्रतिदिन लग रहे हैं।

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राज्य में 37 दिन बाद करीब 5,91,570 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग पायी है। औसतन एक दिन में राज्य में 16 हजार वैक्सीन लग रहे हैं, जोकि काफी कम हैं। यही स्थिति रही तो सभी युवाओं को टीकाकरण करने में 10 माह से ज्यादा समय लग जाएगा। उधर, जानकारों का कहना है कि जब तक 60 से 70 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह से वैक्सीनेशन नहीं होगा, तब तक कोरोना पर अंकुश लगाना संभव नहीं है। ऐेसी स्थिति में कोरोना का खतरा आने वाले दिनों में भी बना हुआ है।

स्लॉट बुक नहीं होने से युवा परेशान

18 से 44 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जरूरी है कि वह कोविन एप पर स्लॉट बुक कराएं। स्लॉट बुक कराने से केंद्र और समय निर्धारित होता है, लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते स्लॉट बुक नहीं हो रहा है। इससे युवा परेशान हैं।

वैक्सीन लगाने में मैदानी राज्यों को प्राथमिकता

सैंपलिंग हो या फिर वैक्सीनेशन, उत्तराखंड राज्य में मैदानी जिलों को प्राथमिकता मिली है। वैक्सीन सबसे ज्यादा 1,13,871 लोगों को राज्य की राजधानी में लगी है, जबकि सबसे कम अल्मोड़ा जिले में 28,279 लोगों को लगी है।

20 हजार को दोनों डोज

राज्य में 18 से 44 साल उम्र के 5 लाख 91 हजार से ज्यादा लोगों को पहली डोज लगी है। वहीं इसी उम्र के 20,005 लोगों को दोनों डोज लगाई गई हैं। पहली डोज लगा चुके लोगों को यह नहीं मालूम है कि उनको दूसरी डोज कब, कैसे और कहां लगेगी। इसको लेकर सरकार की तरफ से भी साफ दिशा- निर्देश नहीं दिए गए हैं।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर तृप्ति बहुगुणा ने कहा, ‘जैसे-जैसे कोरोना वैक्सीन की खेप मिल रही है, हर जिला मुख्यालय में दी जा रही है ताकि सभी केंद्रों में टीकाकरण हो सके। विभाग की कोशिश है कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को जल्द से जल्द प्राप्त किया जाए।’

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