उत्तराखंड कोरोना 09 जुलाई: लगातार तीसरे दिन कोई मौत नहीं, लेकिन अभी भी 1319 सक्रीय मामले

उत्तराखंड में कोरोना: लगातार तीसरे दिन एक भी मरीज की मौत नहीं, 65 नए संक्रमित मिले
उत्तराखंड में अब कोरोना संक्रमण थम रहा है। प्रदेश में संक्रमितों का रिकवरी रेट 95.71 पहुंच गया है।

देहरादून 09जुलाई। उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 65 संक्रमित मिले हैं। वहीं प्रदेश में लगातार तीसरे दिन एक भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 184 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1319 पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को 24363 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। चंपावत और पौड़ी जिले में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अल्मोड़ा में सात, बागेश्वर में दो , चमोली में तीन, देहरादून में 13, हरिद्वार में 11, नैनीताल में 10, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में चार, टिहरी में एक, ऊधमसिंह नगर में सात और उत्तरकाशी में एक मामला सामने आया है।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 341088 हो गई है। इनमें से 326451 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7338 लोगों की जान जा चुकी है।

ब्लैक फंगस के चार नए मामले, एक मौत

प्रदेश में शुक्रवार को ब्लैक फंगस के चार नए मरीज मिले हैं, जबकि एक मरीज की मौत हुई है। प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 518 और 104 मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार देहरादून जिले में चार मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। मरीजों को इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया। जो दूसरे राज्यों से आए हैं।
डेल्टा प्लस वेरिएंट की जांच के लिए 31 सैंपल दिल्ली भेजे
दिनेशपुर में कोरोना संक्रमण के डेल्टा प्लस वेरिएंट मिलने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। जिले से 16 और हल्द्वानी से 15 कोरोना संक्रमितों के सैंपल एनसीडीसी दिल्ली भेजे गए हैं।

हाल ही में लखनऊ से दिनेशपुर आए एक व्यक्ति को डेल्टा प्लस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को डोर-टू-डोर भेजा गया। उन्हें स्वास्थ्य की जानकारी जैसे खांसी-बुखार या जुकाम के लक्षणों वालें लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए।

अब तक 300 से अधिक घरों का सर्वे किया जा चुका है। राज्यभर से नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की ओर से सबसे प्रभावी वायरस वाले सैंपल जांच के लिए मांगे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से हर 10 दिन में सबसे अधिक प्रभाव वाले सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे हैं।

आरटीपीसीआर लैब इंचार्ज डॉक्टर अंकुर धवन ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि के लिए ऊधमसिंह नगर से 16 और हल्द्वानी की दो लैबों से 15 सैंपल दिल्ली भेजे गए हैं।
आशा कार्यकर्ताओं ने टीकाकरण में निभाई अहम भूमिका
आशा कार्यकर्ता गांवों में लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रही हैं। इसी का परिणाम है कि रुद्रप्रयाग के दूरस्थ तोषी, गौंडार, चिलौंड, ब्यूंखी समेत अन्य गांवों में दोनों आयुवर्ग में कोरोना टीकाकरण (पहली डोज) शत-प्रतिशत हो चुका है।

मद्महेश्वर घाटी की आशा फैसीलेटर भरोसी देवी ने बताया कि उनके पास 17 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें कोरोना टीकाकरण शत-प्रतिशत हो चुका है। अब केवल गर्भवती व बीमार लोग ही छूटे हुए हैं। वहीं गौंडार, रांसी, उनियाणा, राऊलेंक समेत अन्य गांवों में 45 वर्ष से अधिक उम्र के साथ युवाओं का वैक्सीनेशन भी पूरा हो चुका है।

कालीमठ घाटी के ब्यूंखी, चौमासी, चिलौंड, जाल तल्ला व मल्ला में भी दोनों आयुवर्ग को पहला टीका लग चुका है। केदारघाटी व तुंगनाथ घाटी सहित उप तहसील बुसकेदार के गांवों में भी 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लग चुका है। प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत, संरक्षक संदीप पुष्पवाण का कहना है कि टीकाकरण अभियान सफल बनाने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम रही है।

विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में रहते हुए भी आशा कार्यकर्ता कोरोना टीकाकरण को शत-प्रतिशत सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। अभियान पूरा होने के बाद विभागीय स्तर पर आशा को पुरस्कृत किया जाएगा।
– डॉक्टर बीके शुक्ला, सीएमओ, रुद्रप्रयाग।

कोविड वैक्सीन की कमी बरकरार, दिसंबर तक कैसे होगा लक्ष्य पार

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। छह माह के भीतर प्रदेश में 47.83 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई।
उत्तराखंड में कोविड वैक्सीन की कमी से टीकाकरण की रफ्तार कम हो गई है। जबकि सरकार ने दिसंबर तक 18 साल से अधिक आयु के लोगों का शत प्रतिशत टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है। वैक्सीन की कमी से लक्ष्य को पूरा करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।

प्रदेश में 16 जनवरी से अब तक 3840903 को पहली और 942063 को दूसरी डोज लगी है। 10 मई तक 18 से 44 आयु वर्ग का टीकाकरण शुरू किया गया। 21 जून के बाद केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है। वैक्सीन की कमी से टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई है।
पहली और दूसरी डोज लगाने के लिए टीके न होने से लोगों को कई केंद्रों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। प्रदेश में 45 से अधिक उम्र वालों की आबादी 27.95 लाख से अधिक है। इसमें 70 प्रतिशत लोगों को पहली और 25.5 प्रतिशत को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। वहीं, 18 से 44 आयु वर्ग की आबादी 50 लाख है। इसमें 31.6 प्रतिशत को पहली और 0.8 प्रतिशत लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है।

तीन जिलों में 45 आयु वर्ग में शत प्रतिशत टीकाकरण
अल्मोड़ा, बागेश्वर व चमोली जिले में 45 से अधिक आयु वर्ग का टीकाकरण 100 प्रतिशत से पहुंच गया है। वहीं, पौड़ी, उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग जिले में 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहली डोज लगाई गई है। कोविड टीकाकरण में उत्तराखंड का देश में पांचवां स्थान है।

केंद्र से नियमित रूप से वैक्सीन मिल रही है। टीकाकरण में उत्तराखंड की प्रगति अन्य राज्यों से बेहतर है। दिसंबर तक शत प्रतिशत लोगों का टीकाकरण के लिए हरसंभव किया जाएगा। छह माह में 48 लाख से ज्यादा लोगों को पहली व दूसरी डोज लग की चुकी है।
– डा. पंकज कुमार पांडेय, सचिव स्वास्थ्य

यह है स्थिति

माह वैक्सीन डोज वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या
जनवरी 205500 33325
फरवरी 426660 150254
मार्च 628540 611935
अप्रैल 980150 1349563
मई 988900 796712
जून 1238460 1478912
जुलाई (अब तक)380930 362265
कुल 4849140 4782966

जिलावार वैक्सीन की पहली डोज का प्रतिशत
जिला 18 से 44 45 से अधिक आयु
अल्मोड़ा 30.5 101.3
बागेश्वर 62.4 106.4
चमोली 45.2 100.1
उत्तरकाशी 52.0 91.6
चंपावत 50.6 87.9
देहरादून 29.3 76.1
नैनीताल 37.1 70.4
पौड़ी 28.5 93.8
पिथौरागढ़ 37.2 78.8
रुद्रप्रयाग 66.6 97.9
टिहरी 32.9 82.3
ऊधमसिंह नगर 22.5 43.3
हरिद्वार 23.9 51.9

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