उत्तराखण्ड बजट सत्र अनिश्चितकाल को स्थगित,विपक्ष का नेता सदन की अनुपस्थिति पर आपत्ति

उत्तराखंड बजट सत्र 2024: सदन अनिश्चितकाल को स्थगित, विपक्ष का आरोप- सरकार ने बजट पर चर्चा को नहीं दिया मौका
Uttarakhand Assembly Budget Session 2024 adjourned उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र 2024 की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है. बजट सत्र 28 घंटे से अधिक समय तक चला. इस दौरान प्रश्नकाल में 304 सवालों का जवाब दिया गया.

देहरादून 29 फरवरी । उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 2024 विनियोग विधेयक के पारित होते ही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्हें बजट पर बोलने का मौका नहीं दिया गया. साथ ही बिना नेता सदन के वक्तव्य के बजट पारित कर दिया गया. जबकि संसदीय कार्य मंत्री का कहना है कि विपक्ष को पूरा मौका दिया गया. वहीं, इस 2024 का बजट सत्र 28 घंटे 25 मिनट तक चला है.

गुरुवार शाम करीब 8 बजे उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. विपक्ष ने बाहर आकर आरोप लगाया कि उन्हें सदन में बजट पर चर्चा करने का मौका नहीं दिया गया. विपक्ष के तमाम विधायकों ने आरोप लगाया कि यह उत्तराखंड के इतिहास और संसदीय कार्य प्रणाली के इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है, जब बिना नेता सदन के चर्चा किए विनियोग विधेयक यानी कि बजट पास कर दिया गया. राज्यपाल के अभिभाषण पर भी मुख्यमंत्री ने अपना वक्तव्य नहीं रखा.

विपक्षी विधायकों का आरोप: विपक्ष के तमाम विधायकों ने सदन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्हें बजट पर चर्चा करनी थी और अपनी बात रखनी थी. लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. सीमांत क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि उनकी धारचूला विधानसभा से कई गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना से बाहर रखा गया है, जिस पर वह बजट अभिभाषण के दौरान बोलना चाहते थे. इसके अलावा कांग्रेस के विधायक ममता राकेश और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित तमाम विधायकों ने अपनी आपत्ति जताई.

28 घंटे 25 मिनट तक चला सदन: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 2024- 25 एक दिन पहले ही स्थिगित कर दिया गया. इस बजट सत्र में चार दिन की कार्रवाई के दौरान सदन 28 घंटे 25 मिनट तक चला, जिसमें प्रश्न कल के दौरान 304 सवालों का जवाब दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि यह सत्र बेहद कामकाज भरा रहा. इसमें कई विधायक और सूचनाओं पारित की गई. जिसमें बजट विधेयक भी पास किया गया.

वहीं, ऋतु खंडूड़ी ने एक दिन पहले ही सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की बात पर कहा कि बजट विधेयक विपक्ष के हंगामे के बीच पारित किया गया. सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री ने प्रस्ताव दिया  जिसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

विपक्ष ने नहीं चलने दिया सदन: वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने भी कहा कि सरकार ने इस बजट सत्र में प्रदेश के विकास को चहुंमुखी बजट पेश किया. उन्होंने बताया कि विनियोग विधेयक सहित इस बजट सत्र में 6 विधायक पास किए गए. इस सत्र के दौरान आधे दर्जन से ज्यादा संशोधित विधेयक पास किए गए.

बजट और राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता सदन (मुख्यमंत्री) के अपना वक्तव्य न दिए जाने के सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री ने जवाब दिया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें अधिकृत किया था. मुख्यमंत्री जरूरी काम से बाहर थे. इसलिए वे बजट पर अपना वक्तव्य नहीं रख पाए.

विपक्ष के आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री का जवाब: विपक्ष के बजट पर बोलने ना देने के आरोप पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष ने सुनियोजित तरीके से सदन में हंगामा किया. जब सदन में बजट पर बोलने के लिए विपक्ष के विधायकों का नाम पुकारा गया तो उस समय विपक्ष के विधायक सदन से नदारद थे. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदन के सभी सदस्यों को बजट पर बोलने के लिए और चर्चा करने के लिए पूरा-पूरा मौका दिया गया. लेकिन विपक्ष केवल हंगामा के मूड में था.

मंत्री अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष हंगामा करते हुए बजट पर बोलने के समय सदन से बाहर चला गया. जिस तरह से विपक्ष का रवैया था, उससे साफ पता चलता है कि विपक्ष सदन के भीतर हंगामा करना चाहता था. लिहाजा सरकार द्वारा बजट विधेयक को पारित कर दिया गया और सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

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