विवेचना: ट्विटर ने राहुल समेत कांग्रेसियों के एकाउंट क्यों किये सस्पेंड,क्या उसे अधिकार है इसका?

विवेचना:ट्विटर ने राहुल समेत कांग्रेस के कई नेताओं के अकाउंट ब्लॉक किए; क्यों और किसके कहने पर हुआ ऐसा?

कांग्रेस ने गुरुवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दरअसल, कांग्रेस की पार्टी का ऑफिशियल ट्विटर हैंडल लॉक हो गया था। इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट टेम्पररी सस्पेंड हो गया था।

इसके बाद बुधवार रात को कांग्रेस के 5 और सीनियर लीडर्स के ट्विटर अकाउंट लॉक हो गए। इनमें पार्टी महासचिव और पूर्व मंत्री अजय माकन, लोकसभा में पार्टी के व्हिप मणिकम टैगोर, असम प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव शामिल हैं।

ट्विटर की कार्रवाई पर कांग्रेस ने क्या कहा?

फेसबुक पर इंडियन नेशनल कांग्रेस ने लिखा कि जब हमारे नेताओं को जेलों में बंद किया तब हम नहीं डरे तो अब ट्विटर अकाउंट बंद करने से क्या खाक डरेंगे। हम कांग्रेस हैं, जनता का संदेश है, हम लड़ेंगे, लड़ते रहेंगे। अगर बलात्कार पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाना अपराध है, तो यह अपराध हम सौ बार करेंगे। जय हिंद…सत्यमेव जयते।’

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर ट्विटर के खिलाफ प्रदर्शन किए। मोदी सरकार पर भी सवाल उठाए। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ट्विटर ने ऐसा क्यों किया? उसकी पॉलिसी क्या कहती है?

कांग्रेस के नेताओं के अकाउंट लॉक होने पर ट्विटर ने क्या कहा?

ट्विटर ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के अकाउंट भारतीय कानूनों और ट्विटर की अपनी पॉलिसी का उल्लंघन करने की वजह से लॉक किए गए। राहुल ने दलित लड़की के पैरेंट्स का फोटो पोस्ट किया था। यह जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट का उल्लंघन था। कानून में साफ तौर पर कहा गया है कि पीड़िता की पहचान सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए।
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट को नोटिस जारी किया था। इसके बाद ही ट्विटर ने कांग्रेस नेताओं के ट्वीट डिलीट किए। राहुल गांधी का विवादित ट्वीट डिलीट होने और उसके बाद अकाउंट को टेम्पररी लॉक करने के खिलाफ सुरजेवाला और माकन समेत कुछ अन्य नेताओं ने उसी फोटोग्राफ को अपने हैंडल से शेयर किया था। इसकी वजह से उनके अकाउंट्स भी लॉक किए गए।
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर हल्लाबोल रैली का आयोजन किया।
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर हल्लाबोल रैली का आयोजन किया।

क्या ट्विटर की यह कार्रवाई जायज थी?

हां। ट्विटर के पास लोकल कानूनों का पालन करने के कई ऑप्शन हैं। इसमें ट्वीट की विजिबिलिटी को सीमित करने से लेकर ट्वीट को सिंथेटिक एंड मैनिपुलेटेड मीडिया के तौर पर लेबल करने तक शामिल है। अकाउंट होल्डर को वह विवादित ट्वीट डिलीट करने को कहा जा सकता है। ट्वीट डिलीट होने तक ट्विटर उस पोस्ट को छिपा भी सकता है।
ट्विटर की पॉलिसी कहती है कि अगर किसी अकाउंट का प्रोफाइल या मीडिया कंटेंट पॉलिसी का उल्लंघन करता है तो उस अकाउंट को टेम्पररी लॉक किया जा सकता है। ट्विटर पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले को ईमेल पर इसकी चेतावनी भी देता है।
ट्विटर कुछ ट्वीट्स के साथ नोटिस लगा सकता है। उन ट्वीट्स के साथ होने वाला इंटरैक्शन सीमित कर सकता है। इसमें रिप्लाई, रीट्वीट और लाइक करने की अनुमति न देना शामिल है। इस तरह के ट्वीट को एक नोटिस के पीछे भी रखा जा सकता है। यह ट्वीट टॉप ट्वीट्स में या सेफ सर्च या ईमेल और टेक्स्ट नोटिफिकेशन में भी नहीं दिखाई देते।
दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दलित बच्ची के दुष्कर्म के मामले में प्रदर्शन किया।

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कांग्रेस और उसके नेताओं के ट्वीट्स और अकाउंट्स का क्या होगा?

ट्विटर ने जिन ट्वीट्स को आपत्तिजनक माना है, उन्हें मार्क किया है। उन्हें डिलीट किया है या हाइड किया है। ट्विटर की पॉलिसी कहती है कि अगर किसी अकाउंट होल्डर ने पॉलिसी का उल्लंघन किया है तो ट्विटर उसे इसकी सूचना देता है। उससे ट्वीट डिलीट करने या पॉलिसी में कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी देता है।
अगर कोई यूजर बार-बार पॉलिसी का उल्लंघन करता है तो उसे परमानेंट सस्पेंड भी किया जा सकता है। कांग्रेस नेताओं के केस में ट्विटर ने ट्वीट्स डिलीट किए। इसके बाद अकाउंट्स को टेम्पररी लॉक किया। बाद में उन्हें दोबारा अनलॉक कर दिया गया।

 

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