सुरंग दुर्घटना के 100 घंटे, प्रार्थना करें कि प्लान बी शीघ्र सफल हो

Uttarkashi Tunnel Collapse  Plan B Active Now
प्रार्थना कीजिए उत्तरकाशी सुरंग के लिए बना प्लान-B सफल रहे, जानें अभी क्या चल रहा है
पूरा देश कह रहा है, परिजन वॉकी-टॉकी से उम्मीद बंधा रहे हैं- हिम्मत मत हारिएगा। हम जल्द ही आप सभी 40 लोगों को बाहर निकाल लेंगें। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 24 घंटों में उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा। इस बीच, डॉक्टरों ने सलाह दी है कि श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद उनकी शारीरिक फिटनेस की जांच करने के साथ ही उन्हें मनोवैज्ञानिक परीक्षण और परामर्श की जरूरत होगी। पहले मलबा हटा कर श्रमिकों को निकालने की आशा थी लेकिन चिमनी की तरह आये मलबे से जितना निकालो,उतना ही और मलबा आने लगा,तब प्लान बी,पाइप फिट कर उनसे श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिशें शुरू हुई।

नई दिल्ली 16 नवंबर: 100 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन उत्तरकाशी में धंसी सुरंग में फंसे 40 लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। टिक-टिक करती घड़ी की सुई परिजनों की धड़कनें बढ़ा रही है। कल तो साथी श्रमिक और घरवाले भड़क गए थे। कैसे भी करके पुलिस और अधिकारियों ने समझा-बुझाकर उन्हें शांत कराया। उनका आरोप है कि बचाव अभियान काफी धीमी गति से चल रहा है। मंगलवार देर रात मलबे की ड्रिलिंग में ताजा भूस्खलन होने और मिट्टी गिरने से काम बीच में ही रुक गया था। बाद में ऑगर मशीन भी खराब हो गई। इसके बाद प्लान-बी पर काम शुरू हुआ। भारतीय वायुसेना के C130 हरक्यूलिस विमान तैनात किये गये। इनसे 25 टन वजनी, अत्याधुनिक बड़ी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गई। कुछ घंटे पहले दोबारा ड्रिलिंग शुरू हो गई है। नई मशीन एक घंटे में पांच से सात मीटर मलबा भेदने में सक्षम है। आशा है कि  सुबह होगी और जल्द ही 40 जिंदगियां बचाई जा सकेंगी। अधिकारियों ने बताया है कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उनसे लगातार बातचीत हो रही है। मलबे के दूसरी ओर लगभग दो किलोमीटर क्षेत्र में श्रमिक मौजूद हैं। देशभर के लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि बचाव दल का प्लान-बी सफल रहे। आगे पॉइंट्स में जानिए अब तक क्या-क्या हुआ।

अमेरिकी मशीन है मोर्चे पर
1. यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा दिवाली की सुबह ढहा है। दिल्ली से लाई गई भारी अमेरिकी ऑगर मशीन से गुरुवार को ड्रिलिंग शुरू कर दी गई। ड्रिलिंग के बाद स्टील के बड़े व्यास वाले पाइपों से ‘एस्केप टनल’ तैयार की जाएगी जिससे मजदूरों को बाहर निकाला जा सके।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

2. राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन काफी एडवांस है, जो काफी तेजी से काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री की टीम भी शामिल हो गई है। वायुसेना भी मदद कर रही है।

नॉर्वे और थाईलैंड की टीम से भी मदद
3. अधिकारियों ने बताया है कि फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की भी मदद ली जा रही है। रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की एक रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है। इसी कंपनी ने कुछ समय पहले थाईलैंड की एक गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था। रेस्क्यू टीम ने नॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया है, जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन के लिए सुझाव लिया जा सके।

4. एनएचआईडीसीएल की ओर से सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी जीएल नाथ ने बताया है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को हर आधा घंटे में खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। इसके अलावा उन्हें आक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप से लगातार पहुंचाया जा रहा है।

बाहर अस्पताल तैयार
5. पहले आशा थी कि गुरुवार तक श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल तैयार कर लिया गया है। मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ मेडिकल टीमें तैनात हैं जिससे श्रमिकों के बाहर निकलने पर तत्काल चिकित्सीय मदद दी जा सके।

6. चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना में निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं। युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चल रहा है। विभिन्न एजेंसियों के 160 बचावकर्मियों का दल दिन रात अभियान में जुटा है।

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