हरियाणा अपनी नौ खिलाड़ियों को देगा 50-50 लाख

 

हरियाणा सरकार 9 हॉकी खिलाड़ियों को देगी 50-50 लाख:टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन पर CM मनोहर लाल ने किया ऐलान, बोले- झांसी की रानी की तरह लड़ी बेटियां
चंडीगढ़06 अगस्त।टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन करने पर भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। प्रदेश से टीम में खेल रही सभी 9 बेटियों को 50-50 लाख का नकद पुरस्कार देने की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की है। हरियाणा की 9 खिलाड़ियों में शाहाबाद की कप्तान रानी रामपाल, नवजोत कोर, नवनीत कौर, सोनीपत जिले से मोनिका मलिक, नेहा गोयल, निशा व हिसार से शर्मिला गोदारा, उदिता दुहन और सिरसा से सविता पुनिया शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में ब्रिटेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल का मैच खेलते हुए भले ही बेटियां हार गई हों, पर उनका प्रदर्शन जबरदस्त रहा। झांसी की रानी की तरह लड़ी बेिटयां। खिलाड़ियों का जोश खेलने से ही दिख रहा था। ब्रिटेन टीम पर पलटवार करते हुए म्हारी छोरियों ने पसीने छुड़ाए रखे और क्या चाहिए। भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल तक पहुंचकर इतिहास रचा है। इसके लिए टीम को और सभी खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई।

जानिए महिला हॉकी टीम में खेल रही हरियाणा की खिलाड़ियों के बारे में

रानी रामपाल, भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान का जन्म 4 दिसंबर 1994 को हरियाणा के शाहाबाद मारकंडा में हुआ था। वह मिड-फील्डर के तौर पर टीम में खेलती हैं। 15 साल की उम्र में वह 2010 विश्व कप में भाग लेने वाली राष्ट्रीय टीम की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थीं। रानी ने 212 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और 134 गोल किए हैं। 2020 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया था।

गोलकीपर सविता पुनिया, अर्जुन अवार्डी हैं और सिरसा के जोधकां गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने 6 साल की उम्र में सिरसा की अग्रसेन एकेडमी में हॉकी खेलना शुरू किया था। इसके बाद उनका हिसार के साई सेंटर में दाखिला हो गया। फिलहाल वह साईं में कोच के रूप में कार्यरत हैं और उनके पिता महेंद्र सिंह पुनिया स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत हैं।

शर्मिला गोदारा हिसार के कैमरी गांव की रहने वाली हैं। वे भारतीय महिला हॉकी टीम में फॉरवर्ड स्ट्राइकर हैं। चौथी क्लास से हॉकी खेल रही हैं। जन्म साल 10 अक्टूबर 2001 को हरियाणा में हुआ था। उन्होंने सोनीपत स्थित प्रीतम सिवाच हॉकी अकादमी में हॉकी के गुर सीखे हैं। उन्होंने वर्ष 2019 में टोक्यो टेस्ट इवेंट में पदार्पण किया था। साल 2019 में यूएसए के खिलाफ पहले मैच में एक बहुत ही महत्वपूर्ण गोल किया था। पिताजी सुरेश गोदारा मध्यमवर्गीय किसान हैं। शर्मिला ने दिल्ली, हिमाचल और हरियाणा से खेलकर स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं।

उदिता दुहन भिवानी के नांगल गांव की रहने वाली हैं। जन्म 14 जनवरी 1998 हरियाणा के हिसार जिले में हुआ। उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी करियर में 32 मैच खेले हैं, जिनमें चार गोल भी किए हैं। पिता जसबीर सिंह हरियाणा पुलिस में थे और 2015 में उनका स्वर्गवास हो चुका है। पहले उदिता एक हेंडबाल खिलाड़ी थी, लेकिन बाद में उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया। उदिता टीम में एक मिड फील्डर प्लेयर हैं, 2017 से वह भारत की टीम का हिस्सा हैं।

नेहा गोयल, 15 नवंबर 1996 को हरियाणा के सोनीपत जिले में जन्मीं। वे भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम में मिडफील्डर के रूप में खेलती हैं। वह एक गरीब परिवार से आती हैं और उसकी दो बड़ी बहनें हैं। उसके परिवार ने उसकी बुनियादी ज़रूरतों जैसे जूते, हॉकी स्टिक, आहार व्यवस्था, आदि की देखभाल के लिए संघर्ष किया है। गोयल ने भारत के पूर्व कप्तान प्रीतम रानी सिवाच द्वारा संचालित एक अकादमी में प्रशिक्षण लिया है। गोयल लंदन में 2018 विश्व कप के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम का हिस्सा थीं।

मोनिका मलिक का जन्म 5 नवंबर 1993 को हरियाणा में हुआ। वह भारतीय महिला हॉकी टीम में डिफेंडर पॉजिशन पर खेलती हैं। उन्होंने हॉकी कोच राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में हॉकी की बारीकियां सीखीं। वह 2014 की एशियाई खेलों में भी भारतीय टीम का हिस्सा रहीं। वह वर्तमान में भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं।

नवनीत कौर 26 जनवरी 1996 को हरियाणा के शाहबाद में जन्मीं। वह भारतीय हॉकी टीम में फॉरवर्ड पॉजिशन पर खेलती हैं। उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी करियर में 57 मैच खेले हैं, जिनमें 16 गोल किए हैं।

नवजोत कौर का जन्म 7 मार्च, 1995 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में हुआ था। उनके पिता पेशे से मैकेनिक हैं और मां गृहिणी हैं। नवजोत को बचपन से ही हॉकी खेलना पसंद था। उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की और शाहबाद में बलदेव सिंह की अकादमी में हॉकी के लिए प्रशिक्षण लिया। उन्होंने 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया है। उन्होंने 2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में प्रवेश किया।

निशा भारतीय नेशनल हॉकी टीम में डिफेंडर पॉजिशन पर खेलती हैं। इनका जन्म 9 जुलाई 1995 में हरियाणा के सोनीपत में हुआ। उनके पिता एक रिटेल स्टोर में दर्जी का काम करते हैं। निशा के भारत के लिए हॉकी खेलने के सपने को पूरा करने में उनके पिता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू 2019 में हिरोशिम में हुए एफआईएच के फाइनल में किया था।

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