राज्यांदोलन बलिदानी राजेश रावत को कांग्रेस पार्षद ने बताया आतंकी पत्थरबाज

देहरादून  नगर निगम बोर्ड बैठक में जबरदस्त हंगामा, राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले को पत्थरबाज कहने पर भिड़े पार्षद
देहरादून 25 अप्रैल। कांग्रेस पार्षद द्वारा राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले को पत्थरबाज कहने पर जबरदस्त हंगामा हो गया और पार्षद आमने-सामने आ गए। हंगामा बढ़ने के बाद मीना बिष्ट बिना माफी मांगे ही सदन छोड़कर चली गईं। कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद राजेश परमार ने सदन में माफी मांगी।

नगर निगम की बोर्ड बैठक में कांग्रेस पार्षद द्वारा राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले को पत्थरबाज कहने पर जबरदस्त हंगामा हो गया। इतना ही नहीं, भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आपस में भिड़ गए।

राज्य आंदोलनकारी शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज कहा

नगर निगम में आज बोर्ड बैठक के दौरान चंदर नगर से कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले राजेश रावत को पत्थरबाज कह दिया। कहा कि वह गुंडे थे, जिन्‍होंने दूसरे के घर पर पत्थर फेंका था। जिसके बाद बैठक में हंगामा हो गया और पार्षद आमने-सामने आ गए। भाजपा पार्षद मीना बिष्‍ट के विरोध में उतर आए और कांग्रेसी पार्षद बोर्ड बैठक से उठ गए।

इतना ही नहीं आक्रोश में पार्षद मीना बिष्ट ने बलिदानी राजेश रावत की तुलना आतंकवादी से कर दी। हंगामा बढ़ने के बाद मीना बिष्ट बिना माफी मांगे ही सदन छोड़कर चली गईं जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद राजेश परमार ने सदन में माफी मांगी। परमार मोहब्बेवाला के पार्षद हैं।

बताया जा रहा था है कि कांग्रेस दो दिन पहले ही पार्षदों के साथ बैठक कर रणनीति बना चुकी है।  महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा के अनुसार कांग्रेसी पार्षदों से बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर विचार विमर्श हो चुका है।

 नगर निगम की बैठक में भिड़े BJP-कांग्रेस पार्षद, मीना बिष्ट ने शहीद को बताया पत्थरबाज

देहरादून नगर निगम की बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ. बैठक में कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने शहीद को पत्थरबाज कह दिया. इसके बाद भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. पार्षदों ने कांग्रेस पार्षद मुर्दाबाद के नारे लगाए. हंगामा बढ़ता देख कांग्रेस पार्षद बैठक छोड़ चली गईं. वहीं, हंगामे के बाद बोर्ड बैठक में 16 प्रस्ताव रखे गए, जो सर्वसम्मति से पास हो गए.

नगर निगम की बोर्ड बैठक हंगामे (Uproar in municipal board meeting) की भेंट चढ़ गई. हंगामा नई बस्ती चंदर रोड (New Basti Chander Road) का नाम बदलकर शहीद राजेश रावत (Martyr Rajesh Rawat) के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव पर हुआ. इस पर क्षेत्र की कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट (Congress councilor Meena Bisht) आपत्ति जता हंगामा करने लगी. हंगामे बीच पार्षद मीना बिष्ट ने शहीद को पत्थरबाज कहा तो भाजपा पार्षदों ने जबरदस्त हंगामा कर दिया. भाजपा पार्षदों ने मीना बिष्ट से माफी की मांग करते हुए कांग्रेस पार्षद मुर्दाबाद के नारे लगाए. हंगामा बढ़ता देख कांग्रेस पार्षद बैठक छोड़कर चली गईं.

देहरादून नगर निगम वार्ड-28 की पार्षद मीना बिष्ट ने कहा कि नई बस्ती चंदर रोड का नाम 50 सालों से है. बस्ती में 6 हजार लोग रहते हैं. नगर निगम ने मुझसे किसी भी तरह की कोई सहमति नहीं ली. पार्षद की सहमति से नाम बदलने की प्रक्रिया होनी चाहिए. साथ ही कहा कि अगर कोई किसी के घर पत्थर फेंक घर तोड़े तो वह शहीद नहीं हो सकता .

शहीद को पत्थरबाज कहने पर हंगामा

वहीं, मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शहीद राजेश रावत के नाम पर चंदर रोड नगर नई बस्ती के लोग हमारे पास आये थे और बस्ती का नाम शहीद राजेश रावत के नाम पर रखने का आग्रह किया था. शहीद का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है. नई बस्ती चंदन नगर के पार्षद ने इसका विरोध किया है. पार्षद के विरोध दर्ज करते हुए नई बस्ती का नाम राजेश रावत के नाम का प्रस्ताव पास किया गया है.

कौन हैं शहीद राजेश रावत

2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर गोली कांड की दर्दनाक घटना के अगले दिन 3 अक्टूबर को देहरादून में राज्य आंदोलनकारियों में उबाल आ गया और यूपी सरकार मुर्दाबाद और यूपी पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए लोग जगह-जगह से सड़कों पर निकलने लगे. इस दौरान डीएवी महाविद्यालय की ओर से करनपुर में भी छात्रों व राज्य आंदोलनकारियों का हुजूम निकल पड़ा. काफी संख्या में राज्य आंदोलनकारी नारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे. तभी किसी ने पीछे से एक पत्थर फेंका और तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता सूर्यकांत धस्माना के आवास पर भीड़ जुटने लगी. तभी अचानक भीड़ में कुछ छात्रों को छर्रे लगे और अचानक राजेश को एक गोली लगी और इसी में वे बलिदान हो गये.

हंगामे के बीच 16 प्रस्ताव पास

बोर्ड बैठक में 16 प्रस्ताव रखे गये जिसमें सभी को सर्वसम्मति से पास किया गया. बोर्ड बैठक में मुख्य रूप से शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट को दूसरी जगह शिफ्ट करने, मलिन बस्तियों से हाउस टैक्स लिए जाने, सभी वार्डों में सीसीटीवी लगाए जाने, दुकानों के आगे फड़ लगाये जाने पर संबंधित दुकानदार से दो हजार रुपये का जुर्माना लिए जाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव बैठक में पास किये गए.

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