सॉरी मम्मी-पापा मैं JEE नहीं कर सकती,18 वर्षीय निहारिका ने भी लगाई फांसी

Education Mummy Papa I Can Not Do Jee Kota Student Commits Suicide Two Days Before The Exam This Is Second Case Of Year
‘मम्मी, पापा, मैं जेईई नहीं कर सकती’: कोटा में एग्जाम से दो दिन पहले छात्रा ने की आत्महत्या 


Kota Student Commits Suicide: कोटा पूरे देश में इंजीनियरिंग और नीट की परीक्षा की तैयारी के लिए प्रसिद्ध है। यहां बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हर वर्ष तैयारी के लिए आते हैं। हालांकि, जब कुछ छात्रों का सेलेक्शन नहीं होता है या फिर एग्जाम के डर से वे दबाव में आकर आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। पिछले कुछ वर्षों से सरकार की तरफ से विभिन्न तरह के कदम उठाएं जा रहे हैं, बावजूद इसके आत्महत्या के मामलों में कमी नहीं आ रही है।

कोटा 29 जनवरी 2024। राजस्थान के कोटा में सोमवार को 18 वर्षीय जेईई अभ्यर्थी ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड से पहले उसने अपने माता-पिता के लिए एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था कि वह जेईई करने में असमर्थ है। परीक्षा से दो दिन पहले उसने यह कदम उठाया। कोटा में करीब एक हफ्ते में और कुल मिलाकर इस साल यह दूसरी आत्महत्या है।

पुलिस को मिले सुसाइड नोट में निहारिका ने खुद को “सबसे बुरी बेटी” बताया और कहा कि यह “उसका आखिरी विकल्प” था। नोट में लिखा है, “मम्मी और पापा, मैं जेईई नहीं कर सकती। इसलिए, मैं आत्महत्या कर रही हूं। मैं हारी हुई हूं। मैं ही इसकी वजह हूं। मैं सबसे बुरी बेटी हूं। सॉरी, मम्मी और पापा। यह आखिरी विकल्प है।”

इससे पहले मुरादाबाद की छात्र ने भी की थी आत्महत्या
इससे पहले मुरादाबाद के रहने वाले छात्र मोहम्मद जैद ने भी आत्महत्या कर ली थी। जैद की उम्र 17 या 18 साल थी। जैद एक हॉस्टल में रहता था और कोटा में NEET कोचिंग में दाखिला लेकर तैयारी करता था। उसका शव उसके कमरे में लटका हुआ पाया गया था।

आपको बता दें कि कोटा इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है। यहां रहकर तैयारी करने वाले 29 छात्रों ने 2023 में आत्महत्या कर ली थी।
Kota Student Safety Step: हर साल की तरह एक और साल बदल गया, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी राजस्थान के कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोटा में लगातार कोचिंग स्टूडेंट के हो रहे सुसाइड मामलों में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार की ओर से भी गाइडलाइन जारी की गई, जिसके तहत छात्रों को तनाव मुक्त रखने के लिए कोचिंग संस्थानों और जिला प्रशासन को महत्वपूर्ण निर्देश दिए.
हर साल कोटा आते हैं लाखों स्टूडेंट्स
राज्य की शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामलों में फिर बढ़ोतरी हो रही है, जिसे लेकर राज्य सरकार बेहद चिंतित है. राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए कई प्रयास भी किए हैं. राज्य सरकार द्वारा छात्रों की देखभाल के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में कई आदेश जारी किए गए, ताकि इस सिलसिले को रोका जा सके. इंजीनियरिंग के लिए जेईई और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर साल 2.5 लाख से ज्यादा छात्र कोटा आते हैं.


ताजा मिली जानकारी के मुताबिक यहां एक और छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. बोरखेड़ा की रहने वाली निहारिका यहां जेईई मेंस की तैयारी कर रही थी, जो 31 जनवरी को यह परीक्षा होनी थी. घटना स्थल से पुलिस को बरामद हुए छात्रा के सुसाइड नोट से स्पष्ट हुआ कि आत्महत्या की वजह पढ़ाई के चलते हुआ डिप्रेशन था, जिसे वह झेल नहीं पा रही थी. कोटा में इस साल 2024 के पहले महीने और बीते एक सप्ताह में आत्महत्या का ये दूसरा मामला है. इससे पहले 23 जनवरी को भी नीट की तैयारी कर रहे छात्र मोहम्मद जैद ने आत्महत्या कर ली. वह यूपी के मुरादाबाद का रहने वाला था. पुलिस को मृतक मोहम्मद जैत का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला.

हर साल कई छात्र उठाते हैं यह खौफनाक कदम
सुसाइड के मामले उस स्थिति में बढ़ते जा रहे हैं, जब केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही प्रशासन ने कोचिंग सेंटर्स के लिए कई गाइडलाइंन जारी कर रखी है. इतना ही नहीं इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन छात्रों के गाइडेंस और मोटिवेश के लिए कार्यक्रम आयोजित करता रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 29 कोचिंग स्टूडेंट्स ने यह खौफनाक कदम उठाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. जबकि, साल 2022 में यह आंकड़ा 15 था.

ऊंची मंजिल से कूदने से रोकने के लिए किए उपाय
आत्महत्या के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें कोचिंग संस्थानों को दो महीने तक कोई टेस्ट नहीं लेने के आदेश भी दिए गए है. कोटा में ज्यादातर छात्र या तो पंखे से लटककर, ऊंची इमारत या छत से कूदकर अपनी जान ले लेते हैं. इस तरह की घटनाओं बचने को कई उपाय किए हैं.

यहां हॉस्टल्स में होने वाले सुसाइड के केस को रोकने के लिए यहां सभी लॉबी, खिड़कियों-बालकनियों में लोहे के जाल लगाए गए हैं, ताकि छात्र-छात्राएं ऊंची मंजिल से कूदे तो उन्हें समय रहते बचाया जा सके. ये जाल 150 किलो तक वजन सह सकते हैं. हॉस्टल ऑनर्स का कहना है कि इन दुखद घटनाओं से बचने के लिए अपने परिसर को ‘आत्महत्या रोधी’ बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

पंखों में एक एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाना जरूरी
साल 2023 में सुसाइट केस में हुई बढ़ोतरी के कारण’आत्महत्या विरोधी उपाय’ के तहत पंखों में स्प्रिंग उपकरण लगाने को लेकर निर्देश जारी किए गए, जिसका सख्ती से इसका पालन करने के लिए कहा था. पंखे में स्प्रिंग उपकरण लगाने जैसे उपाय ऐसे प्रयास को विफल करने में सहायक हो सकते हैं. एक बार जब छात्र आत्महत्या के प्रयास में असफल हो जाते है, तो परामर्श देकर उन्हें इन चीजों से बाहर निकालना आसान हो जाता.

वहीं, हॉस्टल ऑनर्स का कहना है इस तरह के हादसों से व्यवसाय भी प्रभावित होता है, क्योंकि ऐसी घटना के बाद स्टूडेंट्स दूसरे हॉस्टल्स में शिफ्ट होने लगते हैं. यहां हॉस्टल संचालक बच्चों के नियमित मनोवैज्ञानिक परीक्षण से लेकर पेरेंट्स के साथ लगातार बातचीत करने जैसे उपाय भी कर रहे हैं.

इस बात का भी रखा जाए ख्याल
मेस कर्मियों और टिफिन प्रोवाइडर्स को इस ओर भी ध्यान देने के लिए कहा गया है कि अगर कोई स्टूडेंट अक्सर ही मेस से अनुपस्थित रहे, भोजन करना छोड़ देता है या किसी का टिफिन बिना खाया हुआ पाया जाता है तो वे इसकी सूचना पुलिस को दी जाए.

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