पत्रकारों की पिटाई में अखिलेश समेत 21 पर मुकदमा,दो पत्रकारों पर भी क्रास केस

पत्रकारों से मारपीट: अखिलेश यादव पर मुरादाबाद में मुकदमा दर्ज
मुरादाबाद 13 मार्च।पत्रकारों से मारपीट के मामले में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित 21 के खिलाफ मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इंडियन प्रेस एलाइवनेस एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अवधेश पराशर ने मारपीट, बलवा और अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया है। वहीं दूसरी ओर सपा जिलाध्यक्ष ने भी दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

एफआईआर में पत्रकारों ने लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश पुलिस के पास दर्ज कराई गई एफआईआर में पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि 11 मार्च को मुरादाबाद के होलीडे रेजीडेन्सी में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लॉबी में कुछ पत्रकारों ने उनसे कुछ व्यक्तिगत सवाल पूछ लिए। इससे यादव छटपटा गए और उन्होंने अपने गार्डों और साथियों को पत्रकारों पर हमला करने के लिए उकसाया। सिक्योरिटी गार्डों एवं 20 से अधिक सपा कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों को पीटकर बुरी तरह घायल कर दिया जिसमें कई पत्रकारों को गंभीर चोटें आई हैं।

सपा जिला अध्यक्ष ने भी दर्ज कराया मामला

सपा जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने भी पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने एबीपी न्यूज के उबैद उर रहमान, न्यूज 18 के पत्रकार फरीद शम्सी के खिलाफ धारा 160 /341/ 332/ 353/ 504/ 499/ 120 B में मामला दर्ज कराया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुरुवार को पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने का मामला सामने आया था। आरोप था कि पत्रकारों को अखिलेश यादव के सुरक्षा कर्मियों ने धक्का देकर जमीन पर गिराया। इसमें एक टीवी चैनल का पत्रकार नीचे गिर गया और उसे चोट लग गई थी। मामले पर पत्रकारों का कहना था कि उन्हें सवाल पूछे जाने से भी रोका गया। दूसरी ओर, सपा कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था।

देर से पहुंचे, सवालों पर आपत्तिजनक भाषा

तय समय पर प्रेस कांफ्रेंस में दो घंटे की देरी से पहुंचे.आरोप है कि उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते समय आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया.पत्रकारों ने जब उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पारिवारिक संबंध और आजम खान पर सवाल पूछा,तो उनका गुस्सा भड़क गया.
शिकायतकर्ता अवधेश पराशर का कहना है कि पत्रकारों ने आजम खान से जुड़े सिर्फ़ कुछ सवाल पूछे थे जिस पर अखिलेश यादव नाराज हो गए। उनके अनुसार पत्रकारों को उस दिन गंभीर चोट आ सकती थी जब उनके सुरक्षाकर्मी और पार्टी समर्थकों ने पत्रकारों पर हमला किया था।
बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ताओं का बचाव करते हुए कहा था कि पूरा मामला षड्यंत्र में करवाया गया है। उनके अनुसार, “हमारे खिलाफ साजिश की गई। हमले में सरकार शामिल है। उन्होंने लिफ्ट की लाइट बंद कर दी थी जिससे लिफ्ट ना पहुँच पाए। वो तो खबर नहीं बनी कि होटल की लाइट किसने बंद करी थी?”

घटना होटल हॉली डे रीजेंसी के हॉल में हुई थी। प्रेसवार्ता का समय साढ़े पाँच बजे रखा गया था, लेकिन तय समय से करीब दो घंटे देरी से प्रेस को संबोधित करने अखिलेश यादव पहुँचे।

रात करीब आठ बजे प्रेसवार्ता समाप्त होने के बाद जब अखिलेश यादव जाने लगे, तभी एक चैनल के प्रतिनिधि ने उन्हें रोककर बात करने का प्रयास किया। सुरक्षा कर्मियों ने चैनल प्रतिनिधि को धक्का दे दिया। इसी को लेकर पत्रकार और सुरक्षाकर्मियों में बहस हो गई।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना

सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने एक पत्रकार की आपबीती का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में मुरादाबाद के वरिष्ठ पत्रकार फरीद शम्सी ने बताया कि समाजवादी पार्टी के गुंडों ने महज सवाल पूछने पर बंदूक के कुंदों से पीटा। उन्होंने बताया कि सवाल पूछने पर रायफल मारा। सवाल पूछने पर सारे पत्रकारों को उठा-उठा कर फेंका। किसी के मोबाइल टूटे तो किसी का कैमरा टूटा।

उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “एक बार फिर देखिए लाल टोपी वाले गुंडों की गुंडई। सवाल पूछने पर सपाई गुंडों ने पत्रकारों को बुरी तरह पीटा, धमकाया, अपमानित कर भगाया, कई घायल। गेस्ट हाऊस कांड के बाद यूपी के इतिहास का सबसे कलंकित दिन। अभी सत्ता से बाहर हैं, तब इतनी गुंडई, सोचिए सत्ता में रहते कितना नशा रहा होगा।”

पत्रकारों के साथ बदसलूकी की शिकायत पर उल्टा आरोप

अखिलेश यादव के मंच से उतरने पर सुरक्षाकर्मियों और समर्थकों ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी शुरू कर दी थी. इस दौरान एक पत्रकार घायल होकर गिर गया. पत्रकार ने जब अखिलेश यादव से घटना की शिकायत की, तो अखिलेश यादव ने गुस्से में पत्रकारों पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगा दिया. अखिलेश यादव की मौजूदगी में कार्यकर्ता और सुरक्षागार्ड पत्रकारों से भिड़ गए और उन्हें दौड़ाकर पीटा.

पत्रकारों की पिटाई पर कानून मंत्री ने सपा पर साधा था निशाना

प्रदेश के न्यायमंत्री बृजेश पाठक ने शुक्रवार को मुरादाबाद में पत्रकारों की पिटाई की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में उनकी पार्टी के लोगों ने पत्रकारों पर प्राण घातक हमला किया है। पाठक ने कहा कि लाल टोपी लगाने वाले सभी लोग सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं, इनमें गुंडे शामिल हैं जिनसे लोग सतर्क रहें।
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री रह चुके जन की मौजूदगी में यह घटना हुई। उन्होंने मुरादाबाद की इस घटना में चोटिल हुए कई पत्रकारों के नाम लेते हुए कहा कि इन पत्रकारों को सपा कार्यकर्ताओं के हमले में गंभीर चोटें आई हैं। श्री पाठक ने कहा कि हम इस तरह की घटना को सहन नहीं करेंगे। हमारी सरकारी, हमारी पार्टी, हमारे मुख्यमंत्री व अन्य नेता मीडिया के साथ हैं और मुरादाबाद की इस घटना को प्रदेश और देश में ले जाएंगें।

मुरादाबाद में खुद पर दर्ज केस के बाद अखिलेश यादव बोले- ये FIR हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक

अखिलेश यादव ने मुरादाबाद में मीडिया कर्मियों से मारपीट मामले में दर्ज एफआईआर पर टिप्पणी की।
अखिलेश यादव ने मुरादाबाद में मीडिया कर्मियों से मारपीट मामले में दर्ज एफआईआर पर टिप्पणी की। उन्‍होंने भाजपा की हताशा का प्रतीक करार देते कहा कि यद‍ि आवश्‍यकता पड़ी तो राजधानी लखनऊ में होर्डिंग भी लगवा देंगे ।

सपा अध्‍यक्ष ने मुरादाबाद में उनपर दर्ज एफआइआर के बाद अपने आध‍िकारिक ट्वीटर हैंडल पर लिखा- ” उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने मेरे ख‍िलाफ जो एफआइआर लिखवाई है, जनहित में उसकी प्रति प्रदेश के हर नागरिक के सूचनार्थ यहां प्रकाशित कर रहे हैं। अगर आवश्यकता पड़ी तो राजधानी लखनऊ में होर्डिंग भी लगवा देंगे। ये एफआइआर हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है।”

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