सिद्दीकी के साथ को लेकर कांग्रेस के बाद वामपंथियों में भी अंतर्कलह

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मौलवी सिद्दीकी से गठबंधन पर कांग्रेस के बाद लेफ्ट में भी टकराव, उठा सेकुलरिज्म का सवाल
कोलकाता 02 फरवरी। पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) और कांग्रेस ने नवगठित इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) से गठबंधन किया तो इन पार्टियों में कलह शुरू हो गई है। फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आएसएफ से गठबंधन के बाद कांग्रेस के साथ ही लेफ्ट खेमे के भीतर भी सवाल उठने लगे हैं। वहीं, सिद्दीकी परिवार के भी कई वरिष्ठ लोगों को यह साथ पंसद नहीं आया है।

रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान पर कांग्रेस और सीपीआई (एम) की रैली में मंच पर सिद्दीकी भी पहुंचे। तीनों दलों ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने और बीजेपी को रोकने का ऐलान किया तो मंच पर मौजूद कुछ चेहरों पर असहजता दिखने लगी। लेफ्ट फ्रंट के एक वरिष्ठ नेता ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि शनिवार शाम, रैली से महज 12 घंटे पहले फॉर्वर्ड ब्लॉक ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया, क्योंकि सिद्दीकी को भी बुलाया गया था। फॉर्वर्ड ब्लॉक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पार्टी है, जिसकी स्थापना उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के बाद की थी। यह पार्टी सीपीआई (एम) की अगुआई वाले वाम मोर्चे का हिस्सा है।

लेफ्ट फ्रंट के नेता ने बताया, ”फॉर्वर्ड ब्लॉक के राज्य सचिव नारेन चटर्जी ने फ्रंट के चेयरमैन और सीनियर सीपीआई(एम) नेता बिमान बोस को लेटर लिखा और आईएसएफ की धर्मनिरपेक्षता के सबूत मांगे। ब्लॉक के तीन नेता इस खत को लेकर सीपीआई (एम) के अलीमुद्दीन स्ट्रीट ऑफिस में पहुंचे। बोस ने चटर्जी को फोन किया और उन्हें रैली में आने के लिए मनाया।” चटर्जी ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार किया है।

नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सीपीआई (एम) स्टेट कमिटी के एक सदस्य ने कहा कि उनकी पार्टी में कई ऐसे लोग हैं चुनाव में एक धार्मिक नेता के साथ प्रचार को पार्टी के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ मानते हैं। नेता ने कहा, ”2006 में पार्टी के बड़े नेता सुभाष चक्रवर्ती ने बीरभूमि जिले के तारापीठ में पूजा की थी तो उन्हें पार्टी नेतृत्व ने सफाई देने को कहा था। इसके उलट पूर्व मंत्री अब्दुल रज्जाक मोल्लाह को हज यात्रा के दौरान मक्का जाने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद टीएमसी ने हमें सत्ता से बाहर कर दिया था। उन्होंनने पार्टी से अनुमति ली थी लेकिन लेटर में हज का जिक्र नहीं किया गया था।”

चक्रवर्ती का 2009 में निधन हो गया तो मोल्लाह 2016 में टीएमसी में शामिल हो गए। इससे पहले सोमवार को कांग्रेस पार्टी में भी इस मुद्दे पर कलह देखने को मिली। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में उपनेता आनंद शर्मा ने सिद्दीकी की पार्टी के साथ गठबंधन का खुलकर विरोध किया और इसे पार्टी की मूल आत्मा के खिलाफ बताया। अधीर रंजन चौधरी ने इसे पार्टी आलाकमान की मर्जी बताते हुए आनंद शर्मा पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया।

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