NDTV प्रमोटरों पर धोखेबाजी में सेबी से 27 करोड़ का दंड

NDTV के तीन प्रमोटर्स पर पेनाल्टी:प्रणय रॉय, राधिका रॉय और RRPR होल्डिंग पर सेबी ने 27 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई
मुंबई 24 दिसंबर। सेबी ने गुरुवार को जारी एक सर्कुलर में कहा कि प्रमोटर्स इस पैसे को सेबी के पास 45 दिनों के अंदर जमा कराएं
इसमें से 25 करोड़ रुपए के अलावा 2 करोड़ रुपए अलग से पेनाल्टी लगाई गई है
सेबी के मुताबिक, माइनॉरिटी शेयर धारकों के साथ एनडीटीवी प्रमोटर्स ने धोखाधडी की

पूंजी बाजार रेगुलेटर सेबी ने न्यू दिल्ली टेलीविजन (NDTV) के तीन प्रमोटर्स पर 27 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई है। यह पेनाल्टी इसके प्रमोटर्स प्रणय रॉय, राधिका रॉय और आरआरपीआर होल्डिंग पर लगाई गई है। इसमें से 25 करोड़ रुपए के अलावा 2 करोड़ रुपए अलग से पेनाल्टी लगाई गई है।
सेबी ने गुरुवार को जारी एक सर्कुलर में यह जानकारी दी है। इस पैसे को सेबी ने 45 दिनों के अंदर जमा कराने का आदेश दिया है।

सेबी को मिली थी शिकायत

सेबी ने कहा कि उसे 26 अगस्त 2017 में क्वांटम सिक्योरिटीज से शिकायत मिली थी। यह शिकायत एक लोन के संबंध में थी जिसमें प्रणय रॉय,राधिका रॉय और आरआर पीआर होल्डिंग को पार्टी बनाया गया था। इसमें आईसीआईसी आई बैंक और एक अन्य कंपनी भी पार्टी थी। सेबी ने कहा कि आरआरपीआर होल्डिंग और आईसीआईसी आई बैंक के बीच 14 अक्टूबर 2008 को लोन एग्रीमेंट हुआ था। जबकि 21 जुलाई 2009 को एनडीटीवी के प्रमोटर्स और वीसीपीएल के बीच 350 करोड़ रुपए के लोन का एग्रीमेंट हुआ।

लोन से संबंधित जानकारी छुपाई गई

इसी तरह से 25 जनवरी 2010 को एनडीटीवी प्रमोटर्स और वीसीपीएल के बीच 53.85 करोड़ रुपए के लोन का एग्रीमेंट फिर हुआ। सेबी ने पाया कि आईसीआईसीआई लोन एग्रीमेंट में कई सारी शर्तें थीं। जिसमें कुछ मामलों में बैंक की मंजूरी जरूरी थी। इसमें एक कॉर्पोरेट रिस्ट्रक्चरिंग का भी मामला था। साथ ही इस लोन एग्रीमेंट का खुलासा करना था जो एनडीटीवी ने नहीं किया।

शेयरों का ट्रांसफर

इसके बाद प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आरआरपीआर होल्डिंग से शेयरों को ट्रांसफर या प्राप्त किया। यह शेयर इन लोगों को बाजार बंद होने के बाद मिला या ट्रांसफर किया गया। इसमें यह पाया गया कि पब्लिक शेयर होल्डर्स जो हैं उनको सही सूचना नहीं दी गई। इसमें यह पाया गया कि इस तरह के कारोबार में कंपनी, प्रमोटर्स ने माइनॉरिटी शेयर धारकों के साथ धोखाधड़ी की।

52 पेज का ऑर्डर

सेबी ने 52 पेज के ऑर्डर में कहा कि आरआरपीआर होल्डिंग ने 21 जुलाई 2009 को जो लोन लिया था वह आईसीआई सीआई बैंक से 14 अक्टूबर 2008 के लोन को चुकाने के लिए लिया गया था। यह देखा गया कि वीसीपीएल ने जो लोन दिया उस पर कोई भी ब्याज नहीं लिया। जबकि आईसी आईसीआई बैंक से जो लोन लिया गया था उस पर 19 पर्सेंट की दर से ब्याज चुकाया गया।

वीसीपीएल के एग्रीमेंट का क्लॉज

हालांकि वीसीपीएल के साथ शेयरों के कनवर्जन का भी लोन एग्रीमेंट में क्लॉज था। यह भी पाया गया कि आरआरपीआर होल्डिंग को प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने 1.15 करोड़ शेयरों को ट्रांसफर किया। इससे आरआरपीआर के पास कुल शेयरों की होल्डिंग बढ़कर 1.63 करोड़ हो गई। यह एनडी टीवी के कुल शेयरों का 26% था। यह पाया गया कि आरआरपीआर होल्डिंग के पास इस शेयर ट्रांसफर से पहले केवल 47.41 लाख शेयर ही थे। इसके अलावा कोई असेट्स नहीं थी।

कई शर्तों का पालन नहीं हुआ

सेबी ने कहा कि ऐसी ढेर सारी शर्तें थीं, जिनका पालन नहीं किया गया। इसमें ढेर सारी सूचनाएं ऐसी थीं जो बहुत ही सेंसिटिव थीं। इससे पहले पिछले महीने ही प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर दो साल के लिए सिक्योरिटीज बाजार में कारोबार पर सेबी ने रोक लगा दी थी। यह कार्रवाई भेदिया कारोबार में संलिप्तता के चलते की गई थी। सेबी ने दोनों को 12 साल पहले की भेदिया कारोबार गतिविधियों से अवैध तरीके से कमाए गए 16.97 करोड़ रुपये लौटाने को भी कहा है।

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