उदयनिधि को खड़गे और मनोज झा का समर्थन,तो INDIA भाजपा नहीं, सनातन से लडेगा ?

सनातन पर बिगड़े बोल: उदयनिधि के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के बेटे का विवादित बयान
उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए वाली टिप्पणी पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की गरिमा है वह धर्म नहीं है। आरजेडी नेता मनोज झा और कार्ति चिदंबरम जैसे नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन किया.सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पहले से सनातन विरोधी युद्ध छेडे हुए हैं।

मुख्य बिंदु
उदयनिधि स्टालिन के बचाव में उतरे कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे और राजद सांसद मनोज झा
कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता वो बीमारी है: प्रियांक खरगे।
सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य पहले से हैं आक्रामक

बेंगलुरु 04 सितंबर। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ एक ऐसा बयान दिया है, जिससे देशभर में हंगामा मच गया है। उदयनिधि स्टालिन के मुताबिक, सनातन धर्म मलेरिया डेंगू की तरह है जिसे मिटाना जरूरी है।

इस बयान को लेकर एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी डीएमके और विपक्षी गठबंधन पर हमलावर है। वहीं, उदयनिधि स्टालिन के समर्थन में भी कई नेता धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।

प्रियांक खरगे ने उदयनिधि स्टालिन के बयान का किया बचाव
उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा,”कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की गरिमा है, वह धर्म नहीं है।” मैं… कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता वह बीमारी के समान ही है।”

इन नेताओं ने किया उदयनिधि स्टालिन के बयान का बचाव
बता दें कि प्रियांक खरगे से पहले आरजेडी नेता मनोज झा और कांग्रेस सांसद और पू्र्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम जैसे नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन किया है। कार्ति चिदंबरम ने उदयनिधि के बयान पर कहा कि सनातन धर्म एक कास्ट हायरार्कियल सोसायटी के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। जाति भारत का अभिशाप है।

मनोज झा ने दोहराए कबीर के दोहा
वहीं, मनोज झा ने उदयनिधि का समर्थन करते हुए कबीर दास का एक दोहा दोहराया। उन्होंने कबीर के दोहे पड़ते हुए कहा-

जो तू ब्राह्मण ब्राह्मणी जाया, आन बाट काहे नहीं आया।
जो तू तुरुक तुरुक नी जाया, अंदर खतना क्यूं न कराया।

मनोज झा ने कहा कि क्या आज के समय कबीर दास ये कहते तो उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया जाता। हिंदुस्तान का एक मिजाज रहा है। कई लोगों को सनातन धर्म में कई विसंगतियां दिखती हैं।

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Udhayanidhi Stalin
‘मैंने जो भी कहा, वही बात बार-बार दोहराऊंगा’… ‘सनातन धर्म’ के खात्‍मे वाले बयान पर अड़े उदयनिधि स्टालिन
सनातन धर्म के खात्‍मे की बात कहकर चर्चा में आए तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन अपने बयान पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है क‍ि परसों मैंने एक समारोह में इसके (सनातन धर्म) बारे में बात की थी। मैंने जो भी कहा, वही बात बार-बार दोहराऊंगा…मैंने सभी धर्मों को शामिल किया, सिर्फ हिंदुओं को नहीं।

तमिलनाडु की द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातम धर्म’ को लेकर द‍िए बयान पर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। आलम यह है क‍ि भाजपा देश भर में व‍िरोध-प्रदर्शन कर रही है। वहीं उदयन‍िध‍ि स्‍टाल‍िन अपने बयान पर अड़े हैं। तमिलनाडु के थूथुकुडी में सोमवार को उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फ‍िर कहा क‍ि परसों मैंने एक समारोह में इसके (सनातन धर्म) बारे में बात की थी। मैंने जो भी कहा, वही बात बार-बार दोहराऊंगा…। मैंने सभी धर्मों को शामिल किया। सिर्फ हिंदुओं को नहीं…। मैंने जातिगत मतभेदों की निंदा करते हुए बोला। बस इतना ही…।

दरअसल उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें समाप्त कर देना चाहिए। उदयनिधि के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश देखने को मिला। बीजेपी ने कहा कि डीएमके नेता ने सनातन धर्म को मानने वाली 80 प्रतिशत जनता का ‘नरसंहार’ करने का आह्वान किया है। हालांकि, उदयनिधि ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया है।

उदयन‍िध‍ि स्‍टाल‍िन ने कहां और क्‍या कहा?
तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ की शनिवार को यहां आयोजित बैठक को तमिल में संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा क‍ि सनातन क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं। उदयनिधि ने कहा क‍ि सनातन का क्या अभिप्राय है? यह शास्वत है, जिसे बदला नहीं जा सकता। कोई सवाल नहीं कर सकता है और यही इसका मतलब है। उन्होंने आरोप लगाया कि सनातन ने लोगों को जातियों के आधार पर बांटा।
आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए उदयनिधि ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया क‍ि मैंने सनातन धर्म का अनुपालन करने वाले लोगों के जनसंहार का कभी आह्वान नहीं किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटता है। उदयनिधि ने कहा क‍ि सनातन धर्म को उखाड़ना मानवता और मानव समानता को बहाल करना है।

डीएमके नेता ने कहा कि वह सनातन धर्म के कारण पीड़ित और हाशिये पर रह रहे लोगों की ओर से कहे गए अपने हर शब्द पर दृढ़ता से कायम हैं। उन्होंने कहा क‍ि मैं सनातन धर्म और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभाव पर गहन शोध करने वाले पेरियार और (भीमराव)आंबेडकर के व्यापक लेखन को किसी भी मंच पर प्रस्तुत करने के लिए तैयार हूं।

हिंदू कोई धर्म नहीं, बल्कि धोखा है… सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट से मचा बवाल, आ रहे ये कमेंट्स

समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है.स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा है कि हिंदू कोई धर्म नहीं है,बल्कि धोखा है.सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है,उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों,आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक षड्यंत्र है.

उन्होंने अपनी एक वीडियो ट्वीट कर लिखा है कि ‘हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने का एक षड्यंत्र है.

अपने वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्य कह रहे हैं कि ‘ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता,दलितों का भी सम्मान होता,पिछड़ों का भी सम्मान होता,लेकिन क्या विडंबना है…’

सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट पर तरह-तरह के रिएक्शन भी आ रहे हैं. किसी ने लिखा ”हिंदू धर्म में समाज के सभी वर्ग समाहित है..दलित, आदिवासी या पिछड़े..यह सभी हिन्दू समाज का अभिन्न अंग है..हिन्दू एक सामूहिक शक्ति का नाम है. ब्राह्मणों का गाली देना सरल है क्योंकि वे अधिकांश सहिष्णु ही रहता है लेकिन जब सहिष्णु सीमा का बांध टूटता है तो इतिहास रचता है..भूलना मत.’ किसी ने लिखा क्यों इतनी नफरत बांट रहे हो तो किसी की प्रतिक्रिया थी ‘लगता है फिर जल्द ही जूता खाना पड़ेगा.
डिंपल ने खुद को बताया हिंदू
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का ट्वीट उस समय आया है जब सपा सांसद डिंपल यादव ने खुद को हिंदू बताया है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सनातन धर्म है और सनातम धर्म में कोई दुश्मन नहीं होता’. वहीं इसके विपरीत स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म पर ही सवाल उठा रहे हैं और इसे ब्राह्मण धर्म बता रहे हैं.

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