होली पर 28 गांव में रहता है शोक, तीन दिन बाद मनती है होली

Holi Tradition in UP: उत्तर प्रदेश के इस शहर में मनता है तीन दिन का शोक… फिर होली का उत्सव
उत्तर प्रदेश के इस शहर में मनता है तीन दिन का शोक… फिर होली का जश्नमुगल शासक से युुद्ध करते समय वीरगति को प्राप्त हो गए थे डलमऊ के राजा डलदेव।
होली के दिन जिले के डलमऊ तहसील क्षेत्र के 28 गांवों में इस दिन शोक मनाया जाएगा। कारण यहां के राजा रहे डलदेव होली पर ही वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसलिए यहां के लोग तीन दिन शोक मनाने के बाद दो अप्रैल को रंगों से सराबोर होंगे।

रायबरेली 29 मार्च।। यूं तो अवध की होली काफी मशहूर है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली मे मनाई जाने वाली होली का भी अंदाज बेहद खास है। यहां पहले तीन दिन शोक मनाया जाता है। इसके बाद होली का जश्न मनता है। होली के दिन जिले के डलमऊ तहसील क्षेत्र के 28 गांवों में इस दिन शोक मनाया गया। कारण, यहां के राजा रहे डलदेव होली पर ही वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसलिए यहां के लोग तीन दिन शोक मनाने के बाद दो अप्रैल को रंगों से सराबोर होंगे।

शोक के पीछे की कहानी: 1421 ईसवीं में डलमऊ के राजा डलदेव नए संवत्सर के आगमन का जश्न मना रहे थे। इसी दौरान जौनपुर के राजा शाहशर्की की सेना ने किले पर आक्रमण कर दिया। राजा डल अपने साथ मात्र दो सौ सैनिक लेकर युद्ध के मैदान में कूद पड़े। शाहशर्की की सेना से युद्ध करते समय पखरौली गांव के निकट होली के दिन राजा वीरगति को प्राप्त हो गए। इस युद्ध में राजा डल के दो सौ और शाहशर्की के दो हजार सैनिक मारे गए थे। इस ऐतिहासिक घटना को सदियां गुजर गईं, मगर आज भी क्षेत्र के 28 गांवों के लोगों के मन में इसकी यादें ङ्क्षजदा हैं। तभी ये तीन दिन शोक मनाने के बाद रंग, गुलाल खेलते हैं
दो अप्रैल को यहां खेली जाएगी होली: डलमऊ, पूरे रेवती, खपराताल, पूरे ज्वाला, पूरे भागू, नाथ खेड़ा, पूरे नाथू, पूरे गड़रियन, नेवाजगंज, पूरे वल्ली, मलियापुर, पूरे मुराइन, भटानीहार, महुवाहार, पूरे धैताली व मुर्शिदाबाद में दो अप्रैल को होली खेली जाएगी।

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