पीड़ित राहत के नाम पैसा इकट्ठा कर राणा अय्यूब ने करोड़ों हड़पे,ED ने फ्रीज किये 1.77 करोड़

गुजरात दंगे पर किताब लिखने वाली पत्रकार पर FIR: राणा अयूब पर धोखाधड़ी का आरोप, ED नेे कियेे 1.77 करोड़ रुपए फ्रीज

नई दिल्ली 11 अप्रैल। पत्रकार राणा अयूब पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने दो महीने पहले मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। उन पर समाज कल्याण के लिए जुटाए गए पैसों में धोखाधड़ी का आरोप है। इसके बाद अयूब के 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। ‘हिंदू IT सेल’ के फाउंडर विकास सांकृत्यायन ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए जुटाए 2.69 करोड़ रुपए

ED के नाम जमा किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, राणा अयूब ने चैरिटी के लिए ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केट्‌टो (Ketto) के जरिए 2020-21 में 2.69 करोड़ रुपए जुटाए थे। उस समय उन्होंने कहा था कि पूरी डोनेशन का हिसाब है और एक भी पैसे का गलत इस्तेमाल नहीं किया गया ।

ED ने बताया कि केट्‌टो के जरिए 2,69,44,680 रुपए जुटाए गए थे। इस अमाउंट को उनके पिता और बहन ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर किया। इसके बाद पूरे अमाउंट को राणा के अकाउंट में ही ट्रांसफर कर दिया गया। अयूब ने ED के पास सिर्फ 31 लाख रुपए के खर्च का ब्यौरा दिया। दस्तावेजों की पड़ताल के बाद सामने आया कि फंड में से सिर्फ 17.66 लाख रुपए ही खर्च किए गए हैं।

अयूब ने नकली बिल बनवाए, चैरिटी के पैसों का निजी इस्तेमाल किया

एजेंसी के मुताबिक, राणा ने राहत कार्यों में पैसा खर्च होने के सबूत देने के लिए फर्जी बिल बनवाए थे। निजी सफर के लिए किए गए खर्च को राहत कार्य के लिए बताया गया था। एजेंसी ने कहा कि जांच में साफ होता है कि राणा अयूब ने पूरी प्लानिंग और व्यवस्थित तरीके से चैरिटी के नाम पर फंड जुटाया था, लेकिन फंड का इस्तेमाल पूरी तरह चैरिटी के लिए नहीं हुआ।

एजेंसी ने बताया कि राणा अयूब ने फंड्स में से 50 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा कराए और उन्हें राहत कार्य में इस्तेमाल नहीं किया। इसके अलावा उन्होंने PM CARES और CM Relief फंड में कुल 74.50 लाख रुपए जमा किए।

राणा की गुजरात दंगे पर लिखी किताब में हो चुके हैं कई खुलासे

राणा अयूब 2002 के गुजरात दंगे पर ‘गुजरात फाइल्‍स- अनाटॉमी ऑफ ए कवर अप’ नाम से किताब लिख चुकी हैं। इसमें दावा किया गया है कि दंगों के समय कई अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव था। इसमें हरेन पांड्या मर्डर केस पर भी एक चैप्‍टर है। इसमें जांच अधिकारी वाईए शेख के आरोपों को भी जगह दी गई है।

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