महुआ की सदस्यता समाप्ति की संस्तुति की संसदीय समिति ने

पार्लियामेंट्री कमेटी की सिफारिश- महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म करें:500 पन्नों की रिपोर्ट में TMC सांसद के काम को आपत्तिजनक और अनैतिक बताया
नई दिल्ली5 घंटे पहले

TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया था। इसकी जांच लोकसभा की एथिक्स कमेटी भी कर रही है।

नई दिल्ली 08। महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी के आरोपों की जांच कर रही पार्लियामेंट्री कमेटी ने उनकी सांसदी खत्म करने की सिफारिश की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- 500 पन्नों की रिपोर्ट में कमेटी ने महुआ मोइत्रा के कार्यों को अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक बताया। कमेटी ने TMC सांसद के लिए कड़ी सजा की मांग की है।

उधर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच अब CBI कर सकती है। निशिकांत दुबे ने बुधवार को X पर लिखा- लोकपाल ने आज मेरे कम्प्लेन पर आरोपित सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर CBI इन्क्वायरी का आदेश दिया है।

इधर, निशिकांत दुबे की पोस्ट के 40 मिनट बाद महुआ ने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- CBI पहले 13 हजार करोड़ रुपए के कोयला घोटाले में अडाणी पर FIR करे।

राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध FPI स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अडाणी की कंपनियां गृह मंत्रालय से क्लियरेंस के बाद पोर्ट-एयरपोर्ट खरीद रही हैं।

महुआ ने लिखा- पहले CBI मेरे इन दो सवालों का जवाब दे। इसके बाद वह मेरे घर आए और मेरे जूते गिन ले।

क्या लोकपाल को सिर्फ मेरे केस के लिए जिंदा किया गया है। गंभीर सवाल यह है कि कितने पत्रकारों को यह भी पता था कि मोदी के भारत में एक लोकपाल भी काम कर रहा है? इस केस में नई जांच जोक पाल से कम नहीं है।

यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मोदीजी का लोकपाल अस्तित्व में है। कुछ चुनिंदा लोगों को इसके बारे में जानकारी कैसे मिली। लोकपाल ऑफिस ने बयान जारी क्यों नहीं किया?

संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के केस में अब तक क्या हुआ…

5 पॉइंट में पूरा मामला समझें…

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और बहुमूल्य उपहार लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया।
निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वे सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC और विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।
एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। महुआ ने इसी दिन एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी। 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को पेश होने को कहा।
6 नवंबर को महुआ ने दावा किया कि 7 नवंबर को होने वाली लोकसभा की एथिक्स कमेटी की बैठक इसलिए स्थगित की गई ताकि कमेटी के मेंबर कांग्रेस सांसदों को कार्यवाही से दूर रखा जा सके।
दरअसल, महुआ पर लगे आरोपों की मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने के लिए मंगलवार को समिति की बैठक होनी थी। यह बैठक अब 9 नवंबर को होगी। महुआ ने यह भी आरोप लगाया कि मसौदे की रिपोर्ट सदस्यों को अभी तक नहीं दी गई है।

एथिक्स कमेटी में पूछताछ, बायकॉट और उसके बाद महुआ के बयान…

2 नवंबर को महुआ मोइत्रा पूछताछ के लिए संसद की एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंची थीं। बाद में भड़कते हुए वहां से बाहर निकलीं। उन्होंने कमेटी के चेयरमैन पर घटिया सवाल करने के आरोप लगाए थे।
1. कमेटी का नाम बदल देना चाहिए, क्योंकि इसमें नैतिकता नहीं बची: महुआ ने कहा- समिति को एथिक्स कमेटी (आचार समिति) के बजाय कोई अन्य नाम देना चाहिए, क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है। चेयरमैन ने दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक तरीके से सवाल किए। वहां मौजूद 11 में से 5 सदस्यों ने पूछताछ का बहिष्कार किया

2. महुआ ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लेटर लिखा:     इस चिट्‌ठी में चेयरमैन विनोद सोनकर का बर्ताव अनैतिक, घिनौना और पूर्वाग्रह से भरा बताया। महुआ ने ये अनुरोध भी किया कि पोर्टल के लॉगिन और पासवर्ड को साझा करने वाले नियमों का खुलासा करें। ये कभी सांसदों को क्यों नहीं बताए जाते। यदि वे (नियम) थे तो हरेक सांसद इस ID और लॉगिन को कई लोगों के साथ साझा क्यों कर रहा है?

3. मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले प्रश्न पूछे :     मैंने बार-बार विरोध जताया, ये कार्यवाही के रिकॉर्ड में है। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष मुझसे मुद्दे से संबंधित प्रासंगिक कोई भी सवाल जैसे लॉगिन, गिफ्ट लेने के आरोप…लेकिन इन पर कोई प्रश्न नहीं हुआ। एक महिला के रूप में मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले व्यक्तिगत सवाल पूछे गए।

4. ‘चेयरमैन पूछते हैं- रात में किससे बात करती हैं’ : महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए गुरुवार दोपहर 3:35 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले। जब इनसे गुस्से का कारण पूछा गया तो दानिश अली बोले- चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं। ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है।

आरोप सही साबित हुए तो महुआ को सजा क्या मिलेगी
जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं, उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी।

अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं।

केस का दूसरा पहलू: डॉग हेनरी की कस्टडी को लेकर महुआ और देहाद्राई के बीच विवाद

महुआ मोइत्रा का रॉटवीलर ब्रीड के कुत्ते के साथ यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। दावा था कि यह वही डॉग है जिसको लेकर महुआ और वकील देहाद्राई के बीच लड़ाई चल रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देहाद्राई और महुआ रिलेशनशिप में थे। उस दौरान वो पालतू कुत्‍ते हेनरी को घर लाए थे। दोनों के अलग होने के बाद से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। दोनों के बीच हेनरी की कस्टडी को कोर्ट में लड़ाई चल रही है।

हेनरी फिलहाल महुआ के पास है। देहाद्रई उसकी कस्टडी अपने पास चाहते हैं। 20 अक्टूबर को उन्होंने आरोप लगाया था कि महुआ ने कहा है कि वो हेनरी को उन्हें लौटा देंगी, अगर वो संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के मामले में अपनी शिकायत वापल ले लें।

देहाद्राई ने तीन हफ्ते पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को भी एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की बात कही थी।
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने मंगलवार को महुआ पर जबरन उनके घर में घुसने और स्टाफ को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। देहाद्राई ने इसे लेकर दिल्ली के हौज खास पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर को पत्र लिखकर शिकायत भी की है।

देहाद्राई वकील हैं जिन्होंने 14 अक्टूबर को महुआ पर संसद में सवाल पूछने को बिजनेसमैन से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने तीन हफ्ते पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को भी एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी जान खतरे में बताई थी।

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