125वीं जयंती:इंडिया गेट पर नेताजी,मोदी ने कहा-देश गलतियां सुधार रहा है

इंडिया गेट पर नेताजी की मूर्ति स्थापित:मोदी बोले- आजादी के बाद कई महान लोगों के योगदान को मिटाया गया, देश उन गलतियों को सुधार रहा है
नई दिल्ली 23 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर रविवार शाम इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था। आज आजादी के दशकों बाद देश उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रहा है।

मोदी ने कहा- हमारी सरकार को नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने का अवसर मिला। नेताजी कुछ ठान लेते थे तो उन्हें कोई ताकत नहीं रोक पाती थी। हमें उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना है। आजादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा।

कार्यक्रम की शुरुआत में अमित शाह ने कहा कि नेताजी की प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को पराक्रम, देशभक्ति और बलिदान की प्रेरणा देगी। यह करोड़ों लोगों के भाव की अभिव्यक्ति होगी।

प्रतिमा नेताजी को राष्ट्र की कृतज्ञ श्रद्धांजलि है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कालखंड ऐतिहासिक है। यह स्थान जहां हम मौजूद हैं, यह भी ऐतिहासिक है। आज हम इंडिया गेट पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं। नेताजी की भव्य प्रतिमा डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट पर स्थापित हो रही है। जल्द ही इसकी जगह ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा होगी। यह प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है।

नेताजी के जीवन से ली गई आपदा प्रबंधन पुरस्कार की प्रेरणा

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल से देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। आज पराक्रम दिवस पर आपदा प्रबंधन पुरस्कार दिए गए। इसकी प्रेरणा नेताजी के जीवन से ली गई है।
हमारे देश में आपदा प्रबंधन को लेकर जो रवैया रहा है, उस पर एक कहावत है। जब प्यास लगे तब कुआं खोदना। मैं काशी क्षेत्र से आता हूं। वहां भी एक कहावत है। जब भोज आ जाए तब कोहड़े की सब्जी उगाना।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पराक्रम दिवस पर आपदा प्रबंधन पुरस्कार दिए जाने की प्रेरणा नेताजी के जीवन से ली गई है।

गुजरात भूकंप ने देश को नए सिरे से सोचने पर मजबूर किया

मोदी ने कहा कि एक और हैरान करने वाली व्यवस्था थी। कई साल तक आपदा का विषय एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के पास रहा। देश में आपदा प्रबंधन ऐसे ही चलता रहता था। 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने देश को नए सिरे से सोचने पर मजबूर किया।
उस समय के जो अनुभव थे उससे सीखते हुए हमने आपदा से निपटने के लिए गुजरात में कानून बनाया। गुजरात ऐसा करने वाला पहला राज्य था। बाद में केंद्र सरकार ने इससे सबक लेकर 2005 में पूरे देश के लिए ऐसा ही डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट बनाया। इसके बाद ही नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी के गठन का रास्ता साफ हुआ। इसने कोरोना से लड़ाई में देश की बहुत मदद की।

कोरोना काल में दूसरी आपदाओं से जीवन बचा पाए

देश की आपदा प्रबंधन व्यवस्था की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हमने देखा कि देश के सामने नई आपदाएं खड़ी हो गईं। हम कोरोना से तो लड़ाई लड़ ही रहे थे, इसी दौरान भूकंप, बाढ़ और चक्रवाती तूफान आए। पहले समुद्री तूफानों में सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ। हम आपदाओं से ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल हो पाए। आज बड़ी-बड़ी एजेंसियां इसके लिए भारत की तारीफ कर रही हैं।

नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में कई मंत्रियों समेत सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है भारत

देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हो रहे विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आपदा में मौतों का तो जिक्र होता है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर का भी बहुत नुकसान होता है। इसलिए ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए जो आपदा में भी टिका रह सके। भारत इस दिशा में काम कर रहा है। नए परियोजनाओं में आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा गया है। चारधाम, एक्सप्रेस वे से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक में इसे लागू किया गया है। यह नए भारत के सोचने का तरीका है।
भारत ने दुनिया को एक संस्था का आइडिया दिया है। इस पहल में ब्रिटेन हमारा साथी बना है। आज दुनिया के 37 देश इससे जुड़ चुके हैं। सेनाओं के बीच जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज बहुत देखी गई हैं, लेकिन भारत ने जॉइंट डिजास्टर मैनेजमेंट ड्रिल शुरू की है। डिजास्टर मैनेजमेंट का हमारा अनुभव सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरी मानवता के लिए है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम तस्वीर के अनावरण के समय इंडिया गेट का नजारा कुछ ऐसा था।

आपदा को अवसर में बदल सकते हैं भारतीय

मोदी ने कहा कि परिस्थितियां कैसी भी हों, हौसला है तो हम आपदा को भी अवसर में बदल सकते हैं। यही संदेश नेताजी ने हमें आजादी की लड़ाई के दौरान दिया था। वे कहते हैं दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो भारत को झकझोर सके।

हमारे पास 2047 से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है। दुनिया की कोई ताकत नहीं है, जो भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सके। हमारी सफलताएं हमारी संकल्प शक्ति का सबूत हैं। ये यात्रा अभी लंबी है। हमें कई शिखर और पार करना है।

हमारी सरकार को नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने का अवसर मिला। नेताजी कुछ ठान लेते थे तो उन्हें कोई ताकत नहीं रोक पाती थी। हमें उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना है। हमें राष्ट्रवाद को जिंदा रखना है और सृजन भी करना है। मुझे विश्वास है कि हम नेताजी के सपनों का भारत बनाने में कामयाब होंगे।

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी दिए

होलोग्राम प्रतिमा के अनावरण के साथ ही मोदी ने 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार का भी वितरण किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने रविवार सुबह संसद भवन में सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।

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