अपने जोखिम पर ही खायें नेस्ले की मैगी और आइसक्रीम

 

रिपोर्टः सुरक्षित नहीं आपकी Maggi, खुद Nestle ने माना 60 फीसदी प्रोडक्ट अनहेल्दी
By: धीरज शर्मा
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Published: 02 Jun 2021, 09:53 AM IST
Maggi को लेकर फिर आई डराने वाली खबर, रिपोर्ट में हुआ खुलासा Nestle के 60 फीसदी प्रोडक्ट नहीं सुरक्षित

नई दिल्ली 03 जून। दो मिनट में बनने वाली मैगी ( Maggi )फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। यही नहीं नेस्ले ( Nestle ) कंपनी ने खुद माना है कि उसके ज्यादातर प्रोडक्ट हेल्दी नहीं हैं। दरअसल मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कंपनी के 60 फीसदी फूड प्रोडक्ट्स को अनहेल्दी बताया गया है। Nestle की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के 60 प्रतिशत से अधिक फूड और ड्रिंक प्रोडक्ट स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है।

खास बात यह है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद कंपनी ने ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए अपने प्रोडक्ट्स को तुरंत बेचने के लिए ऑफर देना शुरू कर दिए।

आइस्क्रीम भी नहीं हेल्दी


रिपोर्ट के मुताबिक नेस्ले के कन्फेक्शनरी और नेस्ले की आइसक्रीम हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक है। ये प्रोडक्ट मानव स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि नेस्ले की कॉफी को सुरक्षित बताया गया है। बता दें कि नेस्ले के सबसे पॉपुलर प्रोडक्ट में सबसे पहले मैगी आती है, इसके बाद नेस्ले की कॉफी और फिर अन्य प्रोडक्ट आते हैं।

यूके के अखबार में छपी रिपोर्ट

ब्रिटेन की बिजनेस डेली फाइनेंशियल टाइम्स में ये रिपोर्ट छपी है। इसके मुताबिक 2021 की शुरुआत में ही टॉप एक्जिक्यूटिव्स के सामने पेश एक प्रेजेंटेशन में कहा गया है कि नेस्ले के उत्पादों में करीब 37 फीसदी प्रोडक्ट को ऑस्ट्रेलिया के हेल्थ स्टार की ओर से 3.5 स्टार की रेटिंग दी गई है।

क्या हैं 3.5 स्टार रेटिंग के मायने

इस रेटिंग में 3.5 स्टार मिलने का अर्थ यह है कि कंपनी यह मानती है कि उसके प्रोडक्ट्स स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। इस रैंकिंग में 5 स्टार बेंचमार्क है।

जाहिर इस रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 37 फीसदी ही प्रोडक्ट 3.5 स्टार के हैं, जबकि अन्य 60 फीसदी से ज्यादा प्रोडक्ट मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं

नेस्ले ने दिया ये बयान

कंपनी ने इसे स्वीकारते हुए कहा है कि वो अपने उत्पादों को सुधारने का काम करेगी। कंपनी ने कहा है कि कुछ प्रोडक्ट ऐसे हैं जो कभी हेल्दी नहीं थे और उन्हें सुधारने के बाद भी वो सेहतमंद नहीं रहे।

कंपनी ने कहा कि वे लगातार प्रोडक्ट सुधार के लिए काम कर रही है। काफी प्रोडक्ट्स में कंपनी की तरफ से शुगर और सोडियम का इस्तेमाल कम किया गया है। पिछले 7 वर्षों में 14-15 फीसदी तक चीनी और सोडियम के इस्तेमाल को कम किया गया है। यह सिलसिला काफी पहले से जारी है और आगे भी इसका ध्यान रखते रहेंगे।

ऐसे किए जाएंगे बदलाव

नेस्ले कंपनी के मुताबिक वह अपने प्रोडक्ट्स में न्यूट्रिशनल वैल्यू की जांच कर रही है। प्रोडक्ट्स की जांच के बाद रणनीति बदलकर इस पर काम किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह सेहत से जुड़ा मामला है, प्रोडक्ट को टेस्टी और सेहतमंद बनाने की कोशिश की जा रही है।

नेस्ले ने कहा है कि कंपनी अपना पूरा पोर्टफोलियो बदलने पर विचार कर रही है। लोगों की सेहत ध्यान में रखते हुए उन्हें जरूर पोषण और बैलेंस्ड डाइट मुहैया कराई जाए।

मैगी से भी ज्यादा खतरनाक हैं रामदेव के पतंजलि आटा नूडल्स


फूड सेफ्टी ऐंड ड्रग्‍स एडमिनिस्‍ट्रेशन (एफएसडीए) की एक टीम ने योगगुरु बाबा रामदेव के बहुप्रचारित पतंजलि आटा नूडल्‍स को ‘खराब’ पाया है।

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में फूड सेफ्टी ऐंड ड्रग्‍स एडमिनिस्‍ट्रेशन (एफएसडीए) की एक टीम ने 2016-17 में योगगुरु बाबा रामदेव के बहुप्रचारित पतंजलि आटा नूडल्‍स को ‘खराब’ पाया है। टीम ने आटा नूडल्‍स के सैंपल्‍स में ऐश कॉन्‍टेंट की मात्रा तय सीमा से तीन गुनी तक ज्‍यादा पाई है। यह मात्रा मैगी सैंपल्‍स से भी ज्‍यादा है।

टीम की तरफ से पतंजलि आटा नूडल्‍स, मैगी और यिपी के सैंपल्‍स पर टेस्‍ट किए गए थे। ये सैंपल्‍स 5 फरवरी 2016 को मेरठ से जमा किए गए थे। इसी टेस्‍ट की रिपोर्ट शनिवार को सामने आई। इन सभी तीनों नूडल्‍स ब्रैंड्स के सैंपल में जो ऐश कंटेंट पाया गया है, उसकी मात्रा काफी अधिक है।’

पतंजलि में ऐश केटेंट सबसे ज्यादा

रिपोर्ट के बारे में बताते हुए चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर जेपी सिंह ने कहा, पतंजलि आटा नूडल्‍स के सैंपल में ऐश कॉन्‍टेंट 2.69 प्रतिशत पाया गया है। यह तीनों ब्रैंड्स में सबसे ज्‍यादा है। मैगी में ऐश कंटेंट की मात्रा 1.63 प्रतिशत और यिपी में 2.1 प्रतिशत पाई गई। रिपोर्ट की बात मानें तो खाने के लिए सबसे ज्‍यादा नुकसानदायक पतंजलि आटा नूडल्‍स है।

कानून के मुताबिक ऐश की नीयत मात्रा 1 फीसदी होनी चाहिए, लेकिन तीनों ही सैंपल इसमें फेल हो गए। जांच के बाद इस्तेमाल के लिए ये घटिया पाए गए है। अगर कोर्ई कंपनी इसकी दुबारा जांच कराना चाहेगी तो एक हजार रुपये देकर इसे चैंलेज कर सकती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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